भाजपा में पहला विद्रोह: पार्टी में मचा हडकंप, खुद की पार्टी के खिलाफ किया नारे बाज़ी
धरने पर बैठे विधायकों की संख्या 100 से 150 के करीब बताई जा रही है। जिलों में अफसरों के उत्पीड़न से नाराज़ हैं सभी विधायक हैं। गाज़ियाबाद से विधायक नन्द किशोर गुर्जर ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सदन में बोलने से भी विधायकों को रोका गया।
लखनऊ: यूपी में तीन साल पूरे करने जा रही भाजपा सरकार में अब अपने ही विधायकों को संभालना मुश्किल होता जा रहा है। इसके पीछे विधायकों की बढ़ती नाराजगी है क्योंकि अपनी ही सरकार में अधिकारी उनकी बात सुनना तो दूर बल्कि अपमानित करने पर आमादा है।
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विधानसभा में जब आज लोनी के विधायक नंद किशोर गुर्जर अपनी बात कहना चाहते थें लेकिन जब उन्हे इसकी अनुमति नहीं मिली तो वह बिफर पडे। इस पर भाजपा के ही कुछ सदस्य भी उनके साथ हो गए। वहीं विपक्ष ने सत्ता पक्ष की इस कमजोरी का लाभ उठाकर सत्ता पक्ष के इन विधायकों का साथ दिया। विधानसभा के इतिहास में यह पहला मौका था जिसमें कोई सदस्य अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया हो।
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नंद किशोर गुर्जर की इस बात को लेकर पूरा सदन अव्यवथित हो गया जिससे सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई। बाद मे जब सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित हो गयी तो 100 से ऊपर विधायक उनके समर्थन में लाबी में धरना देने बैठ गए जो देर शाम तक जारी रहा।
नाराज विधायकों का हाल यह था कि उन्हे मनाने के लिए डिप्टी सीएम डा दिनेश शर्मा से लेकर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना तक आए पर भाजपा विधायकों का गुस्सा शांत होने का नाम नही ले रहा था।
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दरअसल भाजपा विधायक प्रदेश में आलाधिकारियों के रवैये से बेहद नाराज है और वह इसे लेकर अपनी बात सदन को बताना चाहते थें लेकिन जब पीठ से उन्हे इसकी अनुमति नहीं मिली और संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने उनकी बात को अनुसुना कर दिया तब विधायक नंद किशोर गुर्जर के साथ भाजपा के कई अन्य विधायक आ गए। इन सब विधायकों को भी यही शिकायत है। इन नाराज सभी विधायकों का कहना था कि अफ़सरों की तानाशाही बढती ही जा रही है। इसके बाद कई विधायक लाबी में धरने में बैठ गए और शाम होने तक वहीं जमे रहे।
इसके बाद इन विधायकों के मनाने का प्रयास जारी रहा। कई मंत्री भी उन्हे मनाने गए लेकिन नाराज विधायक कुछ भी सुनने का तैयार नहीं हुए। नाराज विधायकों में 81 भाजपा विधायक और 39 सपा विधायक शामिल थे।
मौके का लाभ उठाकर नेता प्रतिपक्ष रामगोबिन्द चौधरी ने अपने विधायकों को भी भाजपा विधायकों के साथ धरने पर बैठाए रखा। उन्होंने कहा कि नेता विपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहां है कि उनके दल के विधायक एक विधायक के सम्मान और समर्थन में बैठे हैं । वे जब तक सदन में रहेंगे हमारे विधायक भी उनके साथ रहेंगे।
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इसके बाद शाम छह बजे तक ये विधायक विधानसभा में ही बैठे रहे। बाद में इस आश्वासन के बाद भाजपा विधायकों की एक कमेटी उनकी शिकायतों की जांच करेगी लेकिन नाराज विधायक इस पर तैयार नही हुए और कहा कि बुधवार को सुबह 11 बजे एक बार फिर अधिकारियों के रवैये के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करेंगे।