निजी नर्सिग होम के बाहर धरने पर बैठा दिव्यांग, जानें क्या है ये पूरा मामला

दिव्यांग बैंक कर्मचारी एक निजी नर्सिग होम के बाहर धरने पर बैठ गया है। उसका आरोप है कि उसकी गर्भवती पत्नी को  इसी अस्पताल मे गलत इंजेक्शन लगाया गया था। जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। उसके बाद महिला को दूसरे निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया। लेकिन वहां  भी गलत होने की बात कहकर इलाज करने से मना कर दिया।

Update: 2019-03-02 12:31 GMT

शाहजहांपुर: दिव्यांग बैंक कर्मचारी एक निजी नर्सिग होम के बाहर धरने पर बैठ गया है। उसका आरोप है कि उसकी गर्भवती पत्नी को इसी अस्पताल मे गलत इंजेक्शन लगाया गया था। जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। उसके बाद महिला को दूसरे निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया। लेकिन वहां भी गलत होने की बात कहकर इलाज करने से मना कर दिया।

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उसके बाद वह पत्नी को लेकर लखनऊ गए। जहां गलत इंजेक्शन लगने के कारण महिला जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। उसके बाद पीड़ित दिव्यांग बैंक कर्मचारी निजी अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गया है। उसकी मांग है अस्पताल के डाक्टर पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाई की जाए।

दरअसल थाना सदर बाजार क्षेत्र के चिनौर गांव के रहने वाले दिव्यांग पंकज सिंह बैंक कर्मचारी है। पंकज की शादी प्रीती से दो साल पहले हुई थी। पत्नी को गर्भ पीड़ा होने पर उन्होंने केके अस्पताल मे भर्ती कराया। आरोप है कि अस्पताल की डाक्टर मुनिनंदर कौर सरकारी डाक्टर है। लेकिन उसके बावजूद नीजी अस्पताल चलाती है। पत्नी को जब अस्पताल लेकर आए तो उन्होंने आपरेशन की बात की। गलत इंजेक्शन लगाकर पत्नी का आपरेशन कर दिया। उसके बाद दो दिन तक भर्ती भी किया। लेकिन उसके बाद छुट्टी दे दी।

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इसके बाद पत्नी को फिर दर्द हुआ और उसको अस्पताल लेकर गए लेकिन डाक्टर ने देखने से मना कर दिया। उसके बाद पत्नी को दूसरे नीजी नर्सिंग होम मे भर्ती कराया। जहां डाक्टर ने देखकर बता दिया कि गलत इंजेक्शन लगा कर आप्रेशन किया गया है इसलिए वह लखनऊ मे दिखाए। पंकज जब पत्नी को लेकर लखनऊ गया।

वहां भी डाक्टर ने देखकर बताया कि गलत इंजेक्शन लगाकर आप्रेशन किया गया है। जिसमे अब तक उसके पांच लाख रुपये खर्च हो चुके है। लेकिन पत्नी अभी ठीक नही हुइ है। अब वह डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई चाहता है। पीड़ित पंकज का कहना है कि वह अस्पताल के बाहर धरने पर बैठा है। तब तक धरने पर बैठा रहेगा। जब तक कि डाक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई नहीं हो जाती है। उनका कहना है कि इसी तरह से उसका अनशन जारी रहेगा।

वही सूचना के बाद मौके पर पहुचे एसडीएम वेद सिंह चौहान ने बताया कि पीड़ित बैंक कर्मचारी डाक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहा है। मामले मे जांच के आदेश दिए गए है।

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