गोरखपुर : रेलवे और बस स्टेशनों के आसपास के होटलों की जिक्र आते ही जेहन में यही तस्वीर उभरती है कि होटल में यात्री या पयर्टक ठहरते होंगे या फिर यहां छोटे-छोटे पारिवारिक कार्यक्रमों के आयोजन होते होंगे। लेकिन गोरखपुर से लेकर देवरिया, कुशीनगर में कई होटलों में नजारा कुछ और ही है। इन होटलों में दिन के हिसाब से नहीं बल्कि घंटे की दर से कमरों की बुकिंग होती है जहां न तो आधार कार्ड की जरूरत है न ही किसी और परिचय की।
दरसअल, बिहार में शराबबंदी और गांव तक लोगों की जेब में पहुंचे रुपये ने कई विसंगतियों को जन्म दिया है। स्टेशनों के इर्द गिर्द कई ऐसे होटल खुल गए है जो युवक-युवतियों के लिए मिलन केन्द्र हैं या यूं कहें देह के धंधे के लिए ही खुल गए हैं जहां पुलिस के संरक्षण में देह व्यापार का धंधा होता है। लेन-देन का मामला बिगडऩे पर छापेमारी होती है। पुलिस की वसूली का रेट बढऩे के बाद धंधा बदस्तूर जारी हो जाता है। कुशीनगर, देवरिया से लेकर गोरखपुर में 200 से अधिक ऐसे होटलों का दाना-पानी युवतियों के मेल-मिलाप के धंधे से ही चल रहा है।
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रंगरेलियां मनाते पकड़े गए युवक-युवतियां
ताजा मामला देवरिया जिले का है जहां बीते 17 जून को पुलिस ने रेलवे स्टेशन के पास के तीन होटलों में छापेमारी कर 70 से अधिक युवक-युवतियों को रंगरेलियां मनाते हुए पकड़ा। दिलचस्प यह है कि 70 से अधिक युवक-युवतियों को हिरासत में लेने वाली पुलिस ने सिर्फ पांच युवक-पांच युवतियों और एक होटल के मालिक समेत चौदह लोगों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार का मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही पुलिस ने तीनों होटलों को सील करने का कोरम पूरा किया है। देवरिया में पुलिस की छापेमारी के बाद यह साफ दिखा कि तीनों होटलों की कमाई युवक-युवतियों के मेल-मिलाप से होती थी। कोई प्रेमी युगल बताकर प्रवेश पा लेता है तो कोई देवर-भाभी। छापेमारी के दौरान किसी ने बताया कि देवर के साथ आई हूं, छोड़ दीजिए। इज्जत चली जाएगी। वहीं एक युवती यह कहते हुए राहत की गुहार करती दिखी कि दो दिन बाद शादी है। प्रेमी के साथ चली आई थी। कोई जान गया तो शादी कट जाएगी।
कोचिंग वाली लड़कियां भी पकड़ी गयीं
सबसे खतरनाक कोचिंग को निकली नाबालिग लड़कियों का पकड़ा जाना है। ये लड़कियां तो बकायदा स्कूल बैग लेकर आई थीं। कई के बैग में स्कूल ड्रेस भी थी। इन लड़कियों की दलील थी कि वह पढऩे के लिए घर से निकली थीं और दोस्त के साथ चली आईं। युवतियों ने पुलिस की पूछताछ में जो कुछ बताया वह खतरनाक संकेत की तरफ इशारा करता है। कुशीनगर के युवक के साथ आई महिला ने दो हजार में होटल में आने की बात स्वीकारी। जबकि देवरिया जिले के सलेमपुर में रहने वाला युवक गांव की ही युवती के साथ आया था। इसके एवज में युवती को 5 हजार रुपये मिले थे। होटल में पड़ोसी राज्य बिहार से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के युवक-युवतियों की आमदरफ्त है। पकड़ी गई युवतियों में एक बिहार के गोपालगंज जिले की रहने वाली भी है। वहीं मेरठ की एक युवती ने बताया कि चार से पांच दिन यहां रहते हैं, 20 से 25 हजार की कमाई कर लौट जाते हैं।
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बिहार की शराबबंदी भी एक बड़ी वजह
दरअसल, गंदे धंधे के परवान चढऩे की एक वजह बिहार में शराबबंदी भी है। बिहार से कई नवधनाढ्य बार्डर के जिलों में शराब का शौक पूरा करने आते हैं। देवरिया से लेकर कुशीनगर तक पिछले तीन साल में कई होटल खुल गए हैं जो शराब पीने की सुविधा के साथ रात का इंतजाम भी करा देते हैं। पिछले दो वर्षों में गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर के 20 से अधिक होटलों में छापेमारी कर देह के धंधे का खुलासा हुआ है। बिहार बार्डर से लगे सलेमपुर कस्बे के एक होटल में दो वर्ष पूर्व हुई छापेमारी में भी पुलिस ने तीन जोड़ों को हिरासत में लिया था। यह कार्रवाई तब हुई थी जब तत्कालीन एसपी राजीव मल्होत्रा ने पुलिस की क्राइम ब्रांच को छापेमारी को भेजा था। स्थानीय पुलिस किसी प्रकार के धंधे से लगातार इनकार कर रही थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ दो वर्ष पूर्व कुशीनगर के दौरे पर जाने वाले थे। सक्रिय हुई पुलिस ने कसया के एक चर्चित होटल में छापा मारकर पांच युवतियों तथा होटल के मैनेजर के साथ तीन युवकों को हिरासत में लिया था।
स्टिंग आपरेशन वायरल होने के बाद पुलिस की टूटी नींद
गोरखपुर रेलवे स्टेशन के इर्द-गिर्द के करीब दर्जन भर होटलों का दाना-पानी देह के धंधे पर ही टिका हुआ है। कमोवेश 30 से 40 फीसदी होटलों में मुसाफिर नहीं बल्कि देह का धंधा ही चलता है। यहां 500 से लेकर 1000 रुपए घंटे की दर से कमरे की उपलब्धता है। दो वर्ष पहले रेलवे स्टेशन स्थित एक बदनाम होटल में देह व्यापार को लेकर जागरूक लोगों ने पुलिस से कई बार शिकायत की, लेकिन कैंट थाने से लेकर चौकी की पुलिस आंखें मूंदी रही। इसके बाद लोगों ने धंधे को आ रही लड़कियों और दलालों की गतिविधियों की रिकार्डिंग को वायरल कर दिया, जिसके बाद एसएसपी की नींद टूटी थी। एसएसपी के निर्देश पर क्राइम ब्रांच की टीम ने कैंट पुलिस के साथ छापेमारी की तो सभी की आंखें खुली रह गईं। पुलिस ने रायल होटल और आनन्द होटल से आपत्तिजनक हाल में 10 जोड़े पकड़े गए थे। होटल के मालिक का लड़का शिशिर पार्षदी चुनाव की तैयारी कर रहा था। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ वह अपना होर्डिंग बैनर पूरे क्षेत्र में लगाए हुए था। पुलिस की छापेमारी के दो साल गुजरने के बाद होटल संचालक फिर पुराने खेल में जुट गए हैं।
व्हाट्सएप से संचालित होता है पूरा खेल
होटल और गेस्ट हाउस में छापेमारी के दौरान पुलिस के हाथ बहुत कुछ लगता है, लेकिन इनमें से बमुश्किल 30 फीसदी सच ही बाहर पहुंच पाता है। देवरिया के होटल संचालकों से जुड़े दलालों द्वारा ग्राहकों को व्हाट्स एप पर लड़कियों की तस्वीरें व रेट लिस्ट तक भेजी जाती थी। ग्राहक के लड़की पसंद करने पर उसे होटल बुलाकर एडवांस रुपये ले लिए जाते थे। होटल संचालक के मोबाइल में पंजाब, दिल्ली, नोएडा, नेपाल और बांग्लादेश की लड़कियों के नंबर मिले हैं। इतना ही नहीं दलालों द्वारा ऐसे कई साइट्स बना लिए गए हैं। इन पर बकायदा सदस्य बनने का ऑफर भी रहता है।
अवैध तरीके से चल रहे होटल और गेस्ट हाउस
बिहार बार्डर से लगे जिले कुशीनगर और देवरिया में 200 से अधिक गेस्ट हाउस और होटल सराय एक्ट तक में पंजीकृत नहीं हैं। महत्वपूर्ण यह है कि पिछले तीन साल में खुले गेस्ट हाउस ऐसे इलाकों में खुले हैं जहां ठीक से कस्बा भी विकसित नहीं है। इनका धंधा सिर्फ शराब और देह के धंधे पर टिका हुआ है। इन गेस्ट हाउसों के सर्वाधिक ग्राहक बिहार के हैं, जो शाम को आते हैं और मौज-मस्ती कर सुबह लौट जाते हैं। कुशीनगर व उसके आसपास स्थित कई गेस्ट हाउस व होटल अवैध तरीके से संचालित होते हैं। उनका सराय एक्ट में पंजीकरण तक नहीं है। आने-जाने वालों का ठीक ढंग से लेखा-जोखा भी नहीं रखा जाता है।