पिता के इलाज के लिए मोदी को लिखा लेटर, एक्शन में आया PMO

Update:2016-03-02 14:36 IST

कानपुर : 13 साल के सुशांत के पिता सरोज मिश्र सिलाई का काम करते हैं। वे दो साल से दमे के मरीज हैं। सुशांत का परिवार जब उनका इलाज कराकर थक गया तो उसने पीएम नरेन्द्र मोदी को मदद के लिए पत्र लिखा। पीएमओ ने कानपुर के डीएम को पत्र भेज मदद के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया। सरोज मिश्र का घर कानपुर के संजय गाँधी नगर में स्थित है।

मोदी को पत्र में सुशांत ने लिखा, मैं अति गरीब सिलाई मजदूर का बेटा हूं। चंदे से मेरे पिता का इलाज चल रहा है। मैं, मेरी मां और छोटा भाई तन्मय पिता के ही सहारे हैl यदि आप की कृपा हो जाएगी तो मेरे पिता जी का समुचित उपचार हो जायेगा और हम दोनों भाईयों का भविष्य बिगड़ने से बच जायेगा। मेरा पूरा परिवार जीवन पर्यंत ह्रदय से आपका आभार मानता रहूंगा। पीएम ने इस लेटर पर कानपुर के डीएम कौशलराज शर्मा को इलाज में सहयोग करने को लिखा। पीएमओ से मिले पत्र पर डीएम ने 26 फरवरी को पीड़ित को पत्र भेजकर सूचित किया कि उर्सला में जाकर मुख्य चिकित्साधिकारी से मिले।

पीएम को लिखे पत्र के बारे में क्या कहा सुशांत ने

मैं अक्सर टीवी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देखा करता था। वह बहुत अच्छे इंसान है और हमेशा दूसरों की मदद करते है। तभी मेरे मन में विचार आया कि अब प्रधानमंत्री जी को अपनी समस्या बताकर उसने मदद की गुहार लगाई जाये। तभी 28 जनवरी को प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा लेकिन उनके कार्यालय का एड्रेस मुझे नही पता था। पड़ोस में रहने वाले संतोष कुमार शुक्ला को लेटर दिखाया और उनसे प्रधानमंत्री कार्यालय का पता पूछकर पोस्ट कर दिया।

क्या कहना है मकान मालिक राजकुमार शर्मा

सरोज मेरे मकान में पिछले दस साल से किराये पर रह रहे है। इनके बच्चे छोटे-छोटे हैं। सरोज की तबियत जब बहुत ज्यादा बिगड़ गई थी और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, लेकिन इनके पास इलाज के लिए रुपए नही थे। तभी मोहल्ले के लोगों ने हजार, पांच सौ रुपए का चंदाकर इनको अस्पताल में भर्ती कराया था और पंद्रह दिनों तक आक्सीजन लगा रहा। जिसमे 30 हजार रुपए का खर्च आया। अभी भी इनकी दवा चंदे के रुपये से चल रही है।

डीएम कौशलराज ने कहा

पीएमओ का 10 फरवरी का लेटर 20 को मिला। लेटर पर तुरंत एक्शन लिया गया और सरोज के परिवार को जिला हॉस्पिटल के सीएमओ रामायण यादव से मिलने को कहा गया। सीएमओ को भी हिदायत दी गई है कि इजाल समुचित तरीके से हो।

पत्र लिखने वाले बच्चों के स्कूल प्रिंसिपल का बयान

बच्चों के स्कूल के प्रिंसिपल गिरजाशंकर ने बताया कि यह दोनों बच्चे पढने में बहुत अच्छे है। घर की स्थिति बेहद ख़राब है इसलिए दोनों बच्चो की फीस माफ़ कर दी गई है। सुशांत सातवीं और तन्मय चौथी क्लास में है। जबतक यह बच्चे स्कूल में पढेंगे, इनसे फीस नहीं ली जाएगी। स्कूल की तरफ से इन बच्चों की पढाई-लिखाई की जिम्मेदारी हमारी है।

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