BRD: चार और कर्मचारी संदेह के दायरे में, 5 को डॉ. पूर्णिमा देंगी बयान

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस वर्ष अगस्त में हुई कई बच्चों की मौत के मामले में चार और कर्मचारी संदेह के दायरे में आ गए हैं। मामले की तफ्तीश का दायरा बढ़ते हुए पुलिस

Update: 2017-11-27 09:02 GMT
BRD: चार और कर्मचारी संदेह के दायरे में, 5 को डॉ. पूर्णिमा देंगी बयान

गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस वर्ष अगस्त में हुई कई बच्चों की मौत के मामले में चार और कर्मचारी संदेह के दायरे में आ गए हैं। मामले की तफ्तीश का दायरा बढ़ते हुए पुलिस ने 4 कर्मचारियों को पूछताछ के लिए तलब किया है। उनके विरुद्ध दस्तावेजी सबूत भी जुटाए जा रहे हैं।इस प्रकरण में पूर्व प्राचार्य डॉ राजीव मिश्र और उनकी पत्नी पूर्णिमा सहित नौ आरोपी जेल में हैं।

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कोर्ट में दाखिल आरोप पत्र में पुलिस ने एक अन्य पूर्व प्राचार्य डॉ केपी कुशवाहा सहित पांच अन्य कर्मचारियों की भूमिका को पहले ही संदिग्ध बता चुकी है। मेडिकल कॉलेज में 10 व 11 अगस्त को 30 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा वह प्रशिक्षण के के गुप्ता की तहरीर पर पूर्व प्राचार्य डॉ राजीव मिश्र व उनकी पत्नी सहित 9 डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।

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क्षेत्राधिकारी कैंट अभिषेक सिंह मामले की विवेचना कर रहे हैं। सात आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था जबकि दो अन्य आरोपियों ने कोर्ट में समर्पण कर दिया था। विवेचक ने नामजद आरोपियों के विरुद्ध पिछले दिनों कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया ।इसमें उन्होंने डॉ राजीव मिश्र से पहले मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य रहे डॉक्टर केपी कुशवाहा सहित पांच अन्य लोगों की भूमिका का जिक्र किया है। डॉक्टर कुशवाहा सहित पांच कर्मचारियों के विरुद्ध चल रहे जांच के क्रम में चार और कर्मचारियों की भूमिका संदेह के दायरे में आ गई है। इसमें एक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुका है ।पुलिस सूत्रों के मुताबिक उनके विरुद्ध दस्तावेजी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। सूत्रों ने पूछताछ के बाद इन कर्मचारियों का नाम भी चार्जशीट में शामिल किए जाने का दावा किया है। पुलिस अधिकारी इस संबंध में आधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने से फिलहाल इंकार कर रहे हैं।

5 दिसंबर को बयान देने लखनऊ जाएंगी डॉ पूर्णिमा

जिला जेल में बंद डॉक्टर पूर्णिमा शुक्ला 5 दिसंबर को विशेष सचिव के सामने पेश होंगी। जवाब तैयार ना होने के कारण दो बार लखनऊ जाने का उनका कार्यक्रम बदल गया था। उच्चाधिकारियों का निर्देश मिलने के बाद जेल प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। उनके ऊपर आरोप है कि वह वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी के तौर पर सीएचसी गोला में तैनात थी। शासन ने इन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज में होम्योपैथ रिसर्च सेल से संबंध किया था। वह अपने पति बीआरडी के तत्कालीन प्राचार्य डॉक्टर राजीव मिश्र के कार्यों में हस्तक्षेप करती थी। आरोप यह भी लगा है कि उपकरणों की खरीद और फर्मों के भुगतान में उन्होंने कमीशन की मांग की इनमें ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म शामिल रही है।इससे भुगतान में देरी हुई। इसके साथ ही उन पर संविदा पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति कराने कर्मचारियों का उत्पीड़न करने तथा स्थानांतरण व पटल परिवर्तन में हस्तक्षेप करने का भी आरोप है।

विशेष सचिव के सामने दर्ज कराना है बयान

मुकदमा दर्ज होने के बाद डॉक्टर दंपति को निलंबित कर दिया गया एसटीएफ ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया होम्योपैथ विभाग के अधिकारी डॉक्टर पूर्णिमा के भूमिका की जांच कर रहे हैं विशेष सचिव के सामने अपना पक्ष रखने के लिए उन्हें लखनऊ बुलाया जा रहा है जवाब तैयार ना होने के कारण दो बार उनका कार्यक्रम टल गया।

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