Hamirpur News: सर्दी की मार- फूलने लगी नौनिहालों की सांसें, शून्य से पांच साल के बच्चों में बढ़ी अस्थमा की समस्या

Hamirpur News: सर्दी के मौसम ने नौनिहालों के सामने चुनौतियां खड़ी करनी शुरू कर दी है। निमोनिया के बाद अचानक से अस्थमा ग्रसित बच्चों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।

Report :  Ravindra Singh
Update:2022-12-29 17:29 IST

हमीरपुर: सर्दी की मार- फूलने लगी नौनिहालों की सांसें, शून्य से पांच साल के बच्चों में बढ़ी अस्थमा की समस्या

Hamirpur News: सर्दी के मौसम ने नौनिहालों के सामने चुनौतियां खड़ी करनी शुरू कर दी है। निमोनिया (pneumonia) के बाद अचानक से अस्थमा ( asthma problem) ग्रसित बच्चों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। इस वर्ष 21 नवंबर से 20 दिसंबर तक शून्य से पांच साल के 57 बच्चों में अस्थमा की पुष्टि हुई है। जबकि 37 बच्चे निमोनिया से ग्रसित मिले है। अचानक से अस्थमा के केस बढ़ने पर डॉक्टर भी अभिभावकों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं।

बढ़ती सर्दी की वजह से नौनिहालों की सांस फूलने लगी हैं। सरकारी आंकड़ों में शून्य से पांच साल के बच्चों में तेजी से अस्थमा के केस बढ़े हैं। 21 सितंबर से 20 अक्टूबर तक अस्थमा के 18 केस मिले थे। 21 अक्टूबर से 20 नवंबर तक इन केसों की संख्या बढ़कर 29 हो गई और 21 नवंबर से 20 दिसंबर तक कुल 57 बच्चों में अस्थमा की पुष्टि हुई।

जिला महिला अस्पताल के नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.सुमित सचान ने बताया कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ों की तुलना में काफी कम होती है, इसलिए वह जल्दी ही मौसमी बीमारियों के चपेट में आ जाते हैं। उसी तरह अस्थमा भी बच्चों को आसानी से चपेट में ले लेता है। सही समय पर पता लगाकर और बच्चे की सही देखभाल करके इस समस्या से को दूर किया जा सकता है।

डॉ.सचान ने बताया कि अस्थमा लंबे समय तक सांस संबंधी परेशानी का कारण भी बन सकता है। अस्थमा अटैक आने पर बच्चा चिड़चिड़ा, असहज और थका हुआ महसूस कर सकता है। कई बार बच्चों को भर्ती करने की नौबत आ जाती है। सांस से घरघराहट की आवाज सुनाई देना, अस्थमा का बहुत ही सामान्य लक्षण है। बच्चों में अस्थमा के लक्षण पहचानना कई बार मुश्किल भी हो सकता है। बहुत बार अस्थमा को सामान्य सर्दी-जुकाम समझ लिया जाता है।

बच्चों में अस्थमा के लक्षण

-सांस लेते वक्त पेट सामान्य से अधिक हिलना।

-खांसी आना, खासकर रात को ज्यादा खांसना।

-सांस से घरघराहट की आवाज आना।

-सामान्य गतिविधि करने पर भी तेज-तेज सांस आना।

-बच्चे का जल्दी थक जाना।

-खाना निगलने या पानी पीने में तकलीफ होना।

-चेहरे और नाखून का रंग हल्का हो जाना या नीला पड़ जाना।

बच्चों को धूल और धुएं से बचाएं। पालतू मवेशियों कुत्ता, बिल्ली और बकरी के बालों से भी बच्चों को नुकसान हो सकता है। तीन माह में शून्य से 5 साल के बच्चों की बीमारी पर एक नजर

21 सितंबर से 20 अक्टूबर

1- निमोनिया- 25

2- अस्थमा- 18

21 अक्टूबर से 20 नवंबर

1- निमोनिया- 25

2- अस्थमा- 29

20 नवंबर से 20 दिसंबर

1- निमोनिया- 37

2- अस्थमा- 57

नोट- उक्त आंकड़े जिला अस्पताल से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (निगरानी एवं मूल्यांकन प्रभाग) को भेजी जाने वाली रिपोर्ट से लिए गए हैं।

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