UP Politics: मायावती का कांग्रेस पर वार, कहा- सत्ता से बाहर होने पर आती है दलितों की याद

UP Politics: नवनिर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे दलित समाज से आते हैं, उनके अध्यक्ष बनने से इसका असर कहीं ना कहीं मायावती के वोट बैंक पर पड़ सकता है।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Update:2022-10-20 12:16 IST

बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Social media)

UP Politics: कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने आलाकमान पर जोरदार हमला बोला है और मलिकार्जुन खड़गे को 'बली का बकरा' बनाने की बात कही है. मायावती ने कहा कांग्रेस का इतिहास रहा है जब वह सत्ता में रहती है तो बाबा साहब भीमराव अंबेडकर व उनके समाज की हमेशा उपेक्षा करती है. सत्ता से बाहर आने पर जब उनके बुरे दिन होते हैं तब दलितों को आगे रखने की याद आती है. यह छलावा है ना कि वास्तविक दलित प्रेम. दरअसल मायावती का यह ट्वीट इस नजरिये से देखा जा सकता है की नवनिर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे दलित समाज से आते हैं, उनके अध्यक्ष बनने से इसका असर कहीं ना कहीं मायावती के वोट बैंक पर पड़ सकता है. उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस ने दलित चेहरे ब्रजलाल खबरी को प्रदेश की कमान सौंपी है.

मायावाती का ट्वीट

कांग्रेस का इतिहास गवाह है कि इन्होंने दलितों व उपेक्षितों के मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर व इनके समाज की हमेशा उपेक्षा/तिरस्कार किया। इस पार्टी को अपने अच्छे दिनों में दलितों की सुरक्षा व सम्मान की याद नहीं आती बल्कि बुरे दिनों में इनको बलि का बकरा बनाते हैं। अर्थात् कांग्रेस पार्टी को अपने अच्छे दिनों के लम्बे समय में अधिकांशतः गैर-दलितों को एवं वर्तमान की तरह सत्ता से बाहर बुरे दिनों में दलितों को आगे रखने की याद आती है। क्या यह छलावा व छद्म राजनीति नहीं? लोग पूछते हैं कि क्या यही है कांग्रेस का दलितों के प्रति वास्तविक प्रेम?

बता दें 17 अक्टूबर को कांग्रेस के नए अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव में कल यानी 19 अक्टूबर को कोई मतगणना में मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारी अंतर से अपने प्रतिद्वंदी शशि थरूर को हराया था कुल 9385 वोटों में से खंडगे को 7897 जबकि शशी थरूर को 1072 वोट मिले थे वहीं 416 इन वैलिड वोट हुए थे अपनी जीत के बाद मलिकार्जुन खरगे ने भले ही कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का आभार व्यक्त किया हो और पार्टी के लिए पूरे समर्पण से कार्य करने की बात कही हो लेकिन मायावती कांग्रेस पार्टी की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं।


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