मुस्लिम नेता समेत 500 कार्यकर्ताओं ने BSP को कहा अलविदा, पार्टी मिशन से पीछे हट गई?
नसीमुद्दीन को पार्टी से निकाले जाने के बाद मुस्लिम पक्ष उनके समर्थन में उतर आया, और नगर सचिव समेत करीब 500 कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
कानपुर: चुनाव में करारी हार के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने नसीमुद्दीन सिद्दकी को बाहर का रास्ता दिखा दिया। नसीमुद्दीन को पार्टी से निकाले जाने के बाद बुधवार (17 मई) को मुस्लिम पक्ष उनके समर्थन में उतरा और बसपा के नगर सचिव समेत करीब 500 कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मुस्लिम पक्ष का आरोप है कि बसपा सुप्रीमो मायावती सिर्फ मुसलमानों का यूज कर रही है, जिसका खुलासा नसीमुद्दीन ने किया है।
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कानपुर में बसपा से पूर्व लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी सलीम अहमद ने अपने समर्थकों के साथ इस्तीफा दे दिया था। बसपा सुप्रीमो ने पार्टी का नए सिरे से गठन करते हुए कानपुर से विधायकी का चुनाव लड़े हाजी मोहम्मद वसीक को नगर सचिव बनाया था, लेकिन वसीक ने नसीमुद्दीन का समर्थन करते हुए पद से इस्तीफा दे दिया।
कार्यकर्ताओं का स्वाभिमान पार्टी में सुरक्षित नहीं
हाजी वसीक का कहना है कि बसपा का जो मिशन था उससे वो पीछे हट गई है। बसपा कार्यकर्ताओं का स्वाभिमान पार्टी में सुरक्षित नहीं है। नसीमुद्दीन पर गलत आरोप लगाए गए इसलिए सभी लोग इस्तीफा दे रहे हैं। पार्टी समय- समय पर मुस्लिम पक्ष को कोसती रहती है। वोट देना जनता का अधिकार है हम लोग अपनी कोशिश करते है लेकिन बाद में आरोप लगता है कि मुस्लिम समाज ने वोट नहीं दिया।