लखनऊ: मायावती पर अभद्र टिप्पड़ी के बाद राजधानी में बीएसपी का विरोध प्रदर्शन खत्म हो गया है। बसपा ने प्रशासन को अल्टीमेटम देते हुए 36 घंटे का टाइम दिया है। बीएसपी ने कहा है कि 36 घंटे के अंदर दयाशंकर को गिरफ्तार करो। लखनऊ में दयाशंकर के घर पर पुलिस ने छोपेमारी की, हालांकि वह अपने घर में नहीं मिले हैं। प्रदर्शन के दौरान बीएसपी कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर का पुतला दहन किया है। पुलिस के साथ उनकी नोकझोक हुई। बीएसपी नेता नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी के नेतृत्व में सुबह से ही बसपाइयों ने हज़रतगज पर कब्जा कर लिया था।
बीएसपी के कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर को एक गाली के बदले हजारों गालियां दीी हैं। बीएसपी कार्यकर्ता हाथों में बैनर,पोस्टर लिए थे जिसमें गालियां लिखी हुई थीं। गाली के बदले दयाशंकर को गालियां मिली हैं। हजरतगंज चौराहे पर बसपा के वरिष्ठ नेता रामअचल राजभर भी धरने पर बैठ थे। हालांकि पुलिस और प्रशासन ने आज के प्रदर्शन को लेकर अपनी तैैयारी पहले ही कर ली थी। बीजेपी कार्यालय की ओर जाने वाले रास्तों पर बैरिकेटिंग लगी है। भारी संख्या में पुलिस और मजिस्ट्रेट लगाये गए हैं।
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क्या हुआ प्रदर्शन में
-हजरतगंज में बीएसपी केे उग्र प्रदर्शन के दौरान एक कार्यकर्ता आग की चपेट में आ गया।
- इसके चलते भगदड़ मच गई फिलहाल,कार्यकर्ताओं ने मिलकर आग पर काबू पा लिया और घायल को हॉस्पिटल भेजा गया।
-बीएसपी कार्यकर्ताओं ने बैरिकेटिंग तोड़ने की कोशिश की।
-कार्यकर्ता उग्र हो गए हैं जिसके चलते पुलिस से झड़प भी हुई।
-बीएसपी कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर का पुतला फूंका।
-हाथों में पोस्टर लेकर कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।
-इस दौरान बसपाईयों ने दयाशंकर को गालियां दीं उन पर अभद्र टिप्पणियां की ।
बसपाईयों के हाथों में पोस्टर थे जिसमें गालियों के साथ दयाशंकर को फांसी देने की मांग की गई।
-हजरतगंज में प्रदर्शन के चलते ज्यादातर दुकानें बंद हो गईं।
यूपी के विभिन्न जिलों से बीएसपी के हजारों कार्यकर्ता हजरतगंज पहुंचेे। बुधवार को राजधानी की हजरतगंज कोतवाली में आईपीसी की धारा 153 (ए), 504, 509 और एससी/एसटी एक्ट के तहत दयाशंकर सिंह पर केस दर्ज हो गया था। बता दें कि दयाशंकर ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती के खिलाफ मऊ में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। वहीं, देर रात बीजेपी ने दयाशंकर को 6 साल के लिए पार्टी से निकालने का एलान कर दिया।
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संसद में गरजीं थीं मायावती
अपशब्द बोले जाने के बाद यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दयाशंकर सिंह के बयान के जवाब में कहा, ‘मैंने आज तक किसी के लिए ऐसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होंने कहा ये शब्द मेरे लिए नहीं थे, इस भाषा का प्रयोग उन्होंने अपनी बेटी के लिए किया है।’ मायावती ने आगे कहा, ‘एक तरफ जहां गुजरात में दलितों पर अत्याचार का मुद्दा सामने आया है वहीं दूसरी तरफ एक और दलित की बेटी के लिए इस शब्द का प्रयोग बर्दाश्त से बाहर है।’
सड़क पर हंगामा हो तो बीजेपी जिम्मेदार
बीएसपी सुप्रीमो ने आगे कहा, ‘बीजेपी अपने इस बड़बोले नेता को पार्टी से बाहर करे। इस आपत्तिजनक बयान के बाद यदि लोग सड़कों पर उतरते हैं और प्रतिक्रिया स्वरूप कुछ होता है तो इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार होगी।’
अरुण जेटली ने मांगी माफी
मायावती के बयान के बाद संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपनी पार्टी के नेता के बयान के लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि किसी भी महिला के लिए इस तरह के शब्द का इस्तेमाल अशोभनीय है। उन्होंने ये भी कहा था कि बीजेपी इस मामले में मायावती के साथ खड़ी है।
दयाशंकर को उपाध्यक्ष पद से हटाया गया था
संसद में हंगामे के बाद यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने बताया था कि दयाशंकर सिंह को उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। केशव ने कहा था कि कोई भी दयाशंकर के अभद्र बोल को लेकर उनके साथ खड़ा हो ही नहीं सकता।
कई बड़े नेताओं ने लगाया था टिकट बिक्री का आरोप
बता दें कि हाल के दिनों में बीएसपी के कई नेता मायावती पर टिकट बेचने का आरोप लगाकर पार्टी छोड़ चुके हैं। मऊ में दयाशंकर ने कहा था कि मायावती के टिकट बिक्री के मोल-भाव के तंग आकर स्वामी प्रसाद मौर्य, आरके चौधरी और जुगल किशोर जैसे नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। उन्होंने कहा, ये नेता कांशीराम के साथ जुड़े थे।