चुनावी समर में उतरने को तैयारी हो रही BSP, मायावती ने नापा सियासी पारा

लोकसभा चुनाव के पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने वाली है। यह देखते हुए बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) भी चुनावी समर में उतरने को तैयार हो रही है। रणनीतिकारों ने बीते चुनाव में पार्टी की हिल चुकी चूलों को कसना शुरू कर दिया है।

Update:2018-02-10 15:42 IST

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने वाली है। यह देखते हुए बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) भी चुनावी समर में उतरने को तैयार हो रही है। रणनीतिकारों ने बीते चुनाव में पार्टी की हिल चुकी चूलों को कसना शुरू कर दिया है।

बसपा प्रमुख मायावती ने भी शनिवार (10 फरवरी) को खुद पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक कर जिले के सियासी पारे को नापने की कोशिश की। इसमें उन्होंने केंद्र और यूपी सरकार को जमकर कोसते हुए कहा कि सरकारी दावे जमीनी स्तर पर हवा हवाई है। जनता गुजरात चुनाव की तरह आम चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) को सबक सिखाने का मूड बना रही है।

मायावती ने पार्टी नेताओं को चुनावी तैयारियों में अभी से जुटने की ताकीद करते हुए कहा कि आमचुनाव में अब ज़्यादा समय नहीं बचा है। कुछ महीने में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में असेम्बली इलेक्शन होने हैं। फिर पूरे देश चुनावी माहौल में बदल जाएगा। तब तक बीजेपी सरकार के दावे अर्धसत्य से असत्य में बदल जायेंगे और जनता उन पर थोड़ा भी शायद ही ध्यान देगी। उन्होंने राज्य में ज़मीनी स्तर पर संगठन की तैयारियां, कैडर बैठकों के आयोजन के साथ सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने संबंधी गतिविधियों की समीक्षा की और चुनावी तैयारियों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए।

निकाय चुनाव में झटके के बाद भी नकारात्मक राजनीति जारी

मायावती ने कहा कि शहरी निकाय चुनाव में सत्ताधारी दल को मिले झटके के बाद भी उनकी नकारात्मक राजनीति जारी है। अब ये लोग अपने ऊपर से आपराधिक मुकदमों को वापस लेने की होड़ में लग गए हैं। यह कानून से खुला खिलवाड़ नहीं तो और क्या है?

बीजेपी नेताओं के लिये 'सात खून माफ' की ग़लत परम्परा चल पड़ी है। देश की अदालतें इनके लिए कोई मायने नहीं रखती है। मोदी सरकार का रवैया न्यायपालिका को नीचा दिखाने वाला है। न्यायपालिका में हस्तक्षेप से देश में चिन्ता की एक नई लहर देखी जा सकती है।

भगवाकरण राजनीति से नहीं भर पा रहा जनता का पेट

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और यूपी सरकार की भगवाकरण राजनीति से प्रदेश की आमजनता का पेट नहीं भर पा रहा है। जनता नोटबंदी के अपरिपक्व और नए जीएसटी कानून की आर्थिक ज़ख़्मों से कराह रही हैं, फिर भी बीजेपी हवा-हवाई दावों से उनके ज़ख्मों पर नमक छिड़कने से बाज़ नहीं आ रही है।

बीजेपी युवाओं को चाय पकौड़ा बेचने को मजबूर कर रही

बसपा मुखिया ने कहा कि बीजेपी सरकार बेरोज़गारों को रोजगार मुहैया कराने की कोशिश के बजाय उन्हें चाय और पकौड़ा बेचने के लिये मजबूर करना चाहती है। सिर्फ इसीलिए ऐसे ही लोगों की गुणगान भी लगातार करती रहती हैं। क्या ऐसे ही भारत आगे बढ़ेगा व आयुष्मान होगा? बसपा कांग्रेस और बीजेपी के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि हथकण्डों से हार मानने वाली है।

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