बजट 2020: सरकार ने क्वांटम टेक्नॉलजी के लिए दिए 8 हजार करोड़, जानिए क्या है
देश के आम बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े ऐलान किए हैं। मोदी सरकार शुरु से ही टेक्नॉलजी और डिजिटलीकरण पर जोर दे रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार अगले 5 सालों में क्वांटम ऐप्लिकेशन पर 8 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।
नई दिल्ली: देश के आम बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े ऐलान किए हैं। मोदी सरकार शुरु से ही टेक्नॉलजी और डिजिटलीकरण पर जोर दे रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार अगले 5 सालों में क्वांटम ऐप्लिकेशन पर 8 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।
उन्होंने कहा कि क्वांटम टेक्नॉलजी के नए आयाम हैं। अगले पांच साल में 8 हजार करोड़ रुपए क्वांटम एप्लीकेशन पर खर्च किए जाएंगे। भारत तीसरा सबसे बड़ा देश होगा जो बड़े लेवल पर इसका प्रयोग करेगा।
जानिए क्वांटम टेक्नोलाॅजी के बारे में
क्वांटम एक ऐसी तकनीक है जो आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से भी कहीं आगे है। टेक्नॉलजी की दुनिया में काफी समय से क्वांटम कंप्यूटिंग पर काम हो रहा है।
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टेक्नॉलजी ऐक्सपर्ट्स के मुताबिक भौतिकी के क्वांटम सिद्धांत पर काम करने वाली इस कंप्यूटिंग में अपार संभावनाएं हैं। रिसर्च के लिए भी यह एक बेहतर ऑप्शन हैं। ऐक्सपर्ट्स का मानना है कि पूरी तरह से विकसित हो चुका क्वांटम कंप्यूटर मौजूदा समय के सबसे ताकतवर सुपर कंप्यूटर से भी ज्यादा होगी।
क्वॉन्टम कंप्यूटिंग टेक्नॉलजी की मदद से बड़े डेटा और इन्फॉर्मेशन को बहुत कम वक्त में प्रोसेस किया जा सकेगा। क्वॉन्टम कंप्यूटर की मदद से कंप्यूटिंग से जुड़े टास्क बेहद कम वक्त में किए जा सकेंगे, जिनमें मौजूदा डिवाइसेज और टेक्नॉलजी पूरा करने में कई साल लगा देंगे। इस नए प्रोसेसर की मदद से नई दवाओं की खोज से लेकर शहरों का मैनेजमेंट और ट्रांसपोर्ट जैसे काम आसान हो जाएंगे।
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गूगल को प्रोसेसर बनाने में मिली थी सफलता
पिछले साल दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने बताया था कि उसे क्वॉन्टम कंप्यूटिंग रिसर्च से जुड़ा एक एक्सपेरिमेंटल क्वॉन्टम प्रोसेसर विकसित करने में सफलता मिली है। इस प्रोसेसर की मदद से ऐसे कैल्कुलेशंस केवल कुछ मिनट में किए जा सकते हैं, जिन्हें सुपर कंप्यूटर की मदद से करने में भी अभी हजारों साल का वक्त लगेगा। गूगल का कहना है कि इसकी मदद से कंप्यूटिंग पूरी तरह बदल जाएगी।
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इससे पहले लीक हुए पेपर्स में कहा गया था कि गूगल का प्रोसेसर उस कैल्कुलेशन को केवल 30 मिनट और 20 सेकेंज में कर सकता है, जिसे करने में दुनिया के सबसे तेज सुपरकंप्यूटर को कम से कम 10,000 साल का वक्त लगेगा। नए प्रोसेसर की टेक्निक क्वॉन्टम बिट्स या क्यूबिट्स की मदद से काम करती है, जो डेटा वैल्यू को मॉडर्न कंप्यूटिंग लैग्वेज की तरह जीरो और वन की वैल्यू में रजिस्टर करते हैं।