Bulandshahr News: पुलिस ने की थी सोनू की हत्या, आठ पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी को CBCID ने भेजा पत्र

Bulandshahr News: पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी को बुलंदशहर, सहारनपुर और आगरा के एसएसपी को पत्र भेजा गया है। हत्यारा रुपए की पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी को पत्र भेजे जाने के बाद पुलिस महकमें हड़कंप मच गया है।

Report :  Sandeep Tayal
Update:2023-11-15 19:56 IST

Bulandshahr News (Photo: Social Media)

Bulandshahr News: यूपी के बुलंदशहर जनपद की खुर्जा कोतवाली की हवालात में सोनू उर्फ सोमदत्त की मौत के मामले में इंस्पेक्टर मिथलेश उपाध्याय सहित 8 पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी को शासन की मंजूरी के बाद CBCID की एसपी अलका सिंह ने जिले के पुलिस कप्तानों पत्र भेजा है। CBCID मेरठ की एसपी अलका सिंह ने बताया कि जांच में दोषी पाए गए पुलिसकर्मी सहारनपुर, बुलंदशहर और आगरा जनपदों में तैनात है। इसलिए हत्यारोपी पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी को बुलंदशहर, सहारनपुर और आगरा के एसएसपी को पत्र भेजा गया है। हत्यारा रुपए की पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी को पत्र भेजे जाने के बाद पुलिस महकमें हड़कंप मच गया है।

जानिए क्या था पूरा मामला

जनपद बुलंदशहर की खुर्जा कोतवाली नगर क्षेत्र के गांव कनैनी निवासी सोनू उर्फ सोमदत्त 6 दिसंबर 2020 को अपने ही गांव की एक लड़की को लेकर प्रेम-प्रसंग के चलते लेकर फरार हो गया था। सोनू के परिजनों ने उसे 8 दिसंबर को खुर्जा पुलिस को सौंप दिया था। खुर्जा पुलिस ने प्रेमी युगल को 10 दिसंबर 2020 को बरामद दर्शाया था।

सोनू उर्फ सोमदत्त की 11 दिसंबर 2020 को कोतवाली की हवालात में मौत हो गई थी। सोनू की मां सुरेश देवी सहित परिजनों ने खुर्जा पुलिस पर हवालात में हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस ने प्रेमिका के कोर्ट में बयान कराए थे जिसके आधार पर पुलिस ने युवती को उसके परिजनों के सपुर्द कर दिया था, बताते है कि युवती ने सोनू के पक्ष में बयान दिए थे, सोनू के परिजनों ने बताया कि खुर्जा पुलिस ने गांव कनैनी में पहुंचकर सूचना दी थी कि सोनू ने हवालात में फांसी लगाकर जान दे दी। जल्दबाजी में पंचनामा साइन कराकर सोनू का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

सोनू उर्फ सोमदत्त की हवालात में हत्या का आरोप लगाते हुए सोनू के परिजनों ने तहरीर दी थी, जिसमे खुर्जा कोतवाली में उस समय तैनात रहे इंस्पेक्टर मिथलेश उपाध्याय, समेत तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस हिरासत में मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था। उसके बाद पीड़ित पक्ष ने अदालत की शरण ली, जहां से शासन को इस पूरे प्रकरण की जांच कराने के आदेश दिए थे।

CBCID ने बुलंदशहर, सहारनपुर,आगरा के SSP को भेजा पत्र

शासन के आदेश पर सीबीसीआइडी मेरठ ने सोनू की कैस्टोडियल डेथ की जांच शुरू की, तो जांच अधिकारी के सामने चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। सीबीसीआईडी मेरठ एसएसपी अलका सिंह ने बताया सीबीसीआईडी की जांच में इंस्पेक्टर मिथलेश उपाध्याय, रिटायर्ड दारोगा रामसेवक और ओमप्रकाश, हेडकांस्टेबल प्रदीप और कांस्टेबल सौरभ, जीवन लाल तथा दो होमगार्ड को जांच में दोषी माना और आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ चार्जशीट लगाकर शासन को पत्रावली भेज दी गई थी, साथ ही हत्यारोपी पुलिस कर्मियों को गिरफ्तारी को मांग की गई थी, जिस पर शासन ने मंजूरी दे दी , शासन की मंजूरी के बाद बुलंदशहर,सहारनपुर, और आगरा के पुलिस कप्तानों को हथियारों की पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी के लिए पत्र भेज दिया गया है।

इन पुलिस कर्मियों की होगी गिरफ्तारी

इंस्पेक्टर मिथलेश उपाध्याय इस समय सहारनपुर में तैनात है, दरोगा रामसेवक ओर ओमप्रकाश सेवा निवृत्ति के बाद आगरा में रहते है। कांस्टेबल प्रदीप, सौरभ और जीवन लाल की तैनाती बुलंदशहर में है। इन सभी जनपदों के कप्तानों को पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी को पत्र भेजा गया है।

SSP संतोष सिंह के निर्देश पर हुई थी FIR

दिसंबर 2020 में बुलंदशहर के एसएसपी रहे संतोष कुमार सिंह ने बताया कि खुर्जा कोतवाली के अभिलेखों के अनुसार बरामद युवती को उसके परिजनों को और सोनू उर्फ सोमदत्त को भी उसके भाईयो के सपुर्द किया गया था, लेकिन सोनू के परिजनों द्वारा पुलिस कर्मियों पर हवालात में मारपीट कर हत्या करने जबरन बिना पोस्टमार्टम कराए अंतिम संस्कार करने आदि के आरोप लगाए थे। परिजनों की तहरीर मिलने के बाद आईपीसी की धारा 302, 201, 342, 218 और 120 बी के तहत इंस्पेक्टर सहित आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

हत्यारोपी पुलिसकर्मियों पर मेहरबान रही पुलिस!

दरअसल, किसी भी कत्ल के मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस हत्या के आरोपी की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ दबिशे देनी शुरू कर देती है और हत्यारोपी को गिरफ्तार कर शीघ्र विधि कार्रवाई पूर्ण करने में जुट जाती है, लेकिन सोनू हत्याकांड में ऐसा नहीं हुआ। खुर्जा के सोनू हत्याकांड में इंस्पेक्टर मिथिलेश उपाध्याय सहित आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ खुर्जा कोतवाली नगर में संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई। हत्यारोपी पुलिसकर्मी 35 महीने से लगातार पुलिस महकमें नौकरी कर रहे हैं और उनको गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका। आश्चर्यजनक सवाल यह है की हत्याआरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी पुलिस ने आम आदमी की तरह की जाने वाली कार्यवाही को क्यों नहीं किया।

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