Bulandshahr: पूर्व विधायक योगेश वर्मा, पूर्व सदर ब्लाक प्रमुख हाजी युनुस के खिलाफ आरोप तय, जानें पूरा मामला
Bulandshahr: अनूपशहर स्थित एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट के न्यायाधीश विनय कुमार सिंह चतुर्थ ने पूर्व विधायक योगेश वर्मा व पूर्व ब्लाक प्रमुख सदर हाजी यूनुस आदि के खिलाफ आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में आरोप तय किये हैं।
Bulandshahr News: जिले की अनूपशहर स्थित एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट के न्यायाधीश विनय कुमार सिंह चतुर्थ ने पूर्व विधायक योगेश वर्मा व पूर्व ब्लाक प्रमुख सदर हाजी यूनुस आदि के खिलाफ आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में आरोप तय किये हैं। इससे पूर्व सभी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गयी थी। बता दें कि वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व विधायक योगेश वर्मा, हाजी यूनूस, सौरभ शर्मा, राजीव भाटी पर देर रात में बिना परमिशन के अपने साथियों के साथ चुनाव प्रचार करने आदि के आरोप में रिपोर्ट दर्ज हुई थी जिसका वाद एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है। इस मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए है।
जानिए क्या है पूरा मामला
बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा और बुलंदशहर के पूर्व ब्लॉक प्रमुख हाजी युनुस को मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है, ताजा मामला 2019 के लोस चुनाव में आदर्श चुनाव आचार संहिता के उलंघन आदि के आरोप में दर्ज हुए मामले का है। अनूपशहर में स्थित बुलंदशहर की एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक हितेंद्र वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 2019 में वादी उपनिरीक्षक नकुल सिहं ने कोतवाली नगर बुलंदशहर में तहरीर देकर बताया कि वह एवं दो अन्य उप निरीक्षक वारंटी चुनाव देखरेख व वाहन चेकिंग अभियान चला रहे थे। इसी दौरान बिना अनुमति रात्रि 11 बजे योगेश वर्मा चुनाव सामग्री बांट रहे थे। तत्कालीन लोकसभा प्रत्याशी योगेश वर्मा को चुनाव सामग्री बांटने से मना करने पर वह नहीं माने। जिसके बाद उनके द्वारा उच्च अधिकारियों को इस संबंध में सूचना दी गई। जिसके बाद अन्य फोर्स भी मौके पर आ गई। तब तक योगेश वर्मा आदि लोग 8 से 10 गाड़ियां लेकर भाग गए थे। वादी उपनिरीक्षक ने 147, 188 व 171 ई की धारा में मुकदमा दर्ज किया था।
कोर्ट ने बलवा करने, पुलिस के काम में बाधा डालने का माना आरोपी
कोर्ट ने धारा 147,188 व 171 ई, 152 व सहपठित धारा 149 के तहत कोर्ट ने सभी आरोपियों को बलवा करने एवं पुलिस के काम में बाधा डालने का आरोपी मानते हुए आरोप तय किए है।