Bulandshahr News: परीक्षा के मौलिक अधिकार ने सदफ को बनाया जज, बोली..पीड़ितों को न्याय दिलाना उद्देश्य

Bulandshahr News: सिकंदराबाद के किसान इमरान गाजी की बेटी सदफ के जज बनने के बाद जैसे ही अपने घर पहुंची तो उनका ढोल नगाडे बजाकर और पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। बेटी ने जज बनकर जनपद का नाम रोशन कर दिया।

Report :  Sandeep Tayal
Update: 2024-05-24 13:41 GMT

न्यायिक सेवा में चयनित होने पर सदफ का स्वागत करते परिवारजन और अन्य लोग (Pic:Newstrack)

Bulandshahr News: कहते है कि दृढ़ निश्चय के साथ मेहनत करने से लक्ष्य की प्राप्ति निश्चित होती है, ऐसा ही कुछ बुलंदशहर के सिकंदराबाद निवासी किसान की बिटिया सदफ के साथ उस समय हुआ जब इमरान के घर बेटी के जज बनने की खबर आई। 

सदफ का हुआ भव्य स्वागत

सिकंदराबाद के किसान इमरान गाजी की बेटी सदफ के जज बनने के बाद जैसे ही अपने घर पहुंची तो उनका ढोल नगाडे बजाकर और पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। बेटी ने जज बनकर जनपद का नाम रोशन किया। उन्हें शुभकामनाएं देने साथ ही बुके देने और उनके साथ फोटो खिंचवाने की होड़ लगी थी। बेटी के जज बनने पर सदफ की मां किश्वर जहाँ, पिता हाजी इमरान गाजी सहित परिवार में हर्ष का माहौल है। जज बनी सदफ का कहना है कि सभी बेटियों को अपना लक्ष्य निर्धारित कर हर चुनौती का सामना कर डट जाना चाहिए और जीतोड़ मेहनत करने से सफलता निश्चित मिलेगी। सदफ ने बताया कि पीड़ितों को न्याय प्रदान करना ही जीवन उद्देश्य है।


जज बनी सदफ को ऐसे मिला परीक्षा का मौलिक अधिकार

दरअसल सदफ ने लोक सेवा आयोग उतर प्रदेश प्रयागराज न्यायिक सेवा सिविल जज परीक्षा का वर्ष 2022 के लिए आवेदन किया था। फार्म जमा करने की अंतिम तिथि के बाद आयोग फार्म पहुंचा तो आयोग ने सदफ का आवेदन अस्वीकार कर दिया था। आवेदन निरस्त होने के बाद भी सदफ निराश नहीं हुई और अपने अधिकार के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में गई। सदफ ने सुप्रीम कोर्ट में परीक्षा का मौलिक अधिकार प्रदान कराने को याचिका दाखिल की। सदफ ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें परीक्षा देने का मौलिक अधिकार प्राप्त हुआ जिसके बाद परीक्षा दी। परीक्षा पास की और अब जज हेतु चयन हुई।

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