Bulandshahr News: 1992 में “राम काज करिबे को आतुर“ कार सेवक हुए सम्मानित

Bulandshahr News: अयोध्या में भगवान श्री रामलला का भव्य मंदिर बने। 1990 और 1992 में राम भक्तों ने यह सपना संजोया था जो 3 दशक बाद कोर्ट के आदेश पर 22 जनवरी 2024 को पूरा होने जा रहा है।

Report :  Sandeep Tayal
Update:2024-01-13 13:44 IST

राष्ट्रीय चेतना मिशन ने कार सेवकों को किया सम्मानित (न्यूजट्रैक)

Bulandshahr News: अयोध्या में भगवान श्री रामलला का भव्य मंदिर बने। 1990 और 1992 में राम भक्तों ने यह सपना संजोया था जो 3 दशक बाद कोर्ट के आदेश पर 22 जनवरी 2024 को पूरा होने जा रहा है। अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण को उस समय ‘राम काज करिबे को आतुर’ हो कार सेवा कर अयोध्या कूच करने वाले कार सेवकों को राष्ट्रीय चेतना मिशन सम्मानित करने का कार्य कर रही है। मिशन अध्यक्ष हेमंत सिंह ने बताया कि जनपद से लगभग 1000 से अधिक राम भक्तों ने कार सेवा की थी, जिनमे से 350 कार सेवकों को सम्मानित कर चुके है और सम्मान का क्रम जारी है।

बाबरी ढांचे की गुंबद तोड़ने में शामिल थे गुलावठी के कार सेवक

बुलंदशहर जनपद के कस्बा गुलावठी में स्थित लाला जयप्रकाश सरस्वती विद्या मंदिर में राष्ट्रीय चेतना मिशन द्वारा आयोजित कार सेवक सम्मान समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर आरएसएस के राजेश अग्रवाल ने कहा कि गुलावठी के कार सेवकों का श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में विवादित भूमि पर पुनः मंदिर निर्माण हेतु चले दीर्घकालीन संघर्ष में कारसेवकों का अप्रतिम योगदान रहा है, जिनके पराक्रम बाबरी ढांचा विध्वंस हुआ और अब भव्य और विशाल मंदिर बन रहा है।

राष्ट्र चेतना मिशन के निरंतर जारी अभियान की कड़ी में गुलावठी क्षेत्र निवासी 50 से अधिक कारसेवकों का भी विशेष अभिनंदन किया गया। कई कार सेवकों ने अपने संघर्षों के संस्मरण भी बताया। सम्मान समारोह में बताया गया कि कर सेवक वीरपाल तोमर ने तो बाबरी ढांचे पर चढ़कर गुंबद को तोड़ने का काम किया था, जब कि आलोक सिंघल, संजीव कंसल आदि बाबरी ढांचे तक पहुंचे थे, अनेक कार सेवकों को अस्थाई जेलों में सरकार ने बंद करा दिया था।

गुलावठी में ये कार सेवक हुए सम्मानित

कारसेवकों को स्वस्ति वाचन एवं पुष्पवर्षा के बीच चंदन तिलक लगाकर, फूलमाला एवं भगवा अंग वस्त्र पहनाकर संस्था की ओर से श्रीराम जन्मभूमि का प्रतीक चिह्न एवं भगवा ध्वज भेंटकर उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। उस समय राम काज करने गए राजेश अग्रवाल, कुलदीप सिंघल, वीरपाल तोमर, विशु तायल, भागीरथ रुड़कीवाल, राकेश गुप्ता, दीपक कंसल, उम्मेदपाल सिंह तोमर, अनिल सिंघल, मदन गोपाल, निर्दोष जिंदल, हरेंद्र कौशिक, दीपक बिट्टू, योगेन्द्र पप्पन, खुशीराम वर्मा, योगेन्द्र कंसल, आशाराम सिंघल, विनोद कुमार, देवेन्द्र जोहरी, हिमांशु गोयल, पवन वर्मा, मनोज कंसल, संजू कुमार, सुभाष बजरंगी, विकास सिंह, अजयवीर भाटी, रवि पाल, शुभम कुमार आदि को सम्मानित किया।

वहीं कार सेवक वरिष्ठ एवं वयोवृद्ध कार सेवक रघुवीर शरण अग्रवाल, रमेश चन्द जैन एवं मुकेश कुमार आदि को आयोजक ने घर जाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में राष्ट्र चेतना मिशन के अध्यक्ष हेमन्त सिंह, बजरंग दल विभाग संयोजक आदेश चौहान, विद्या मंदिर प्रधानाचार्य राजीव पाण्डे आदि उपस्थित रहे। कार सेवक कुलदीप सिंघल, राजेश अग्रवाल, मुकेश शर्मा, आलोक जिंदल, भिक्कन लाल शर्मा, उदय प्रताप सिंह ने 1990 के गोलीकांड तथा 1992 के बाबरी ढांचा विध्वंस के घटनाक्रमों के दौरान अपने संघर्षों और अनुभवों को बताया। तत्कालीन संघ प्रचारक और आंदोलन के प्रमुख योजनाकार रहे वर्तमान में सोहन सिंह सेवा न्यास के प्रभारी रमेश भैया जी ने उस समय की परिस्थितियों, जनभावनाओं और विरोधी सरकारों की यातनाओं का विस्तृत वर्णन किया।

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