Bulandshahr News: उत्पादों की गुणवत्ता से विदेशों में पैर पसार रहा परम प्रीमियम

Bulandshahr News: परम डेयरी लिमिटेड के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव कुमार का कहना है कि वर्ष 1996-97 में परम डेयरी की शुरुआत हुई जो अब विदोशों में भी चर्चित है।

Report :  Sandeep Tayal
Update: 2024-08-03 06:11 GMT

राजीव अग्रवाल: एमडी परम प्रीमियम (Pic: Newstrack)

Bulandshahr News: परम प्रीमियम के दुग्ध उत्पादों की देश-विदेश में अपनी अलग पहचान बनी हुई है। इसका मुख्य कारण यह है कि कंपनी अपने उत्पादों की क्वालिटी को उत्कृष्ट बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहती है तथा केवल वीएलसी के कलेक्शन वाले दूध से ही देसी घी, रबड़ी, दही,छाछ, मक्खन, फ्लेवर मिल्क आदि उत्पाद बनाए जाते हैं। इस वजह से कंपनी का उत्पादन यूएसए, थाईलैंड, ओमान, बांग्लादेश, यूएई सहित दुनिया के कई देशों में अपना कारोबार बढ़ा रहा है।

28 साल में 2 लाख से 10 लाख लीटर हुआ दूध उत्पादन: राजीव

परम डेयरी लिमिटेड के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव कुमार का कहना है कि वर्ष 1996-97 में परम डेयरी के नाम से बुलंदशहर जनपद के खुर्जा में प्लांट लगाया था, परम प्रीमियम ब्रांड नाम से देसी घी एवं स्कीम्ड मिल्क पाउडर का उत्पादन लगभग 2 लाख लीटर से शुरू किया। प्लांट दिल्ली खुर्जा रोड पर लगा हुआ है, जहां दूध की क्वालिटी उत्कृष्ट मानी जाती है। राजीव अग्रवाल ने बताया कि दो लाख लीटर से उत्पादन शुरू किया तथा वर्तमान समय में 10 लाख लीटर दैनिक क्षमता का प्लांट हो गया है। कंपनी का दूध कलेक्शन वीएलसी के माध्यम से होता है। लगभग 5 हजार गांवों में वीएलसी सेंटर है। वीएलसी कलेक्शन का लिक्विड दूध कंपनी में प्रोसेसिंग के लिए आता है।

डुप्लीकेसी करने से बाज नहीं आते मिलावट खोर: राजीव

कंपनी द्वारा इस समय देसी घी, दूध पाउडर, डब्ल्यूएमपी, छाछ, दही, फ्लेवर मिल्क, रबड़ी, मिठाई एवं बटर सहित विभिन्न उत्पाद बनाया जा रहा है, जिसमें निर्यात दूध पाउडर, देशी घी का चल रहा है। वर्तमान में निर्यात मांग अनुकूल नहीं है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में दूध पाउडर के भाव नीचे आ गए हैं तथा यहां भी महाराष्ट्र तमिलनाडु में लिक्विड दूध सस्ता होने से वहां दूध पाउडर का उत्पादन कम दरों पर हो रहा है। यही कारण है कि ज्यादा निर्यात के सौदे महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु के प्लांट से ही हो रहे हैं।

क्वालिटी पर विशेष ध्यान

उत्तर भारत की कंपनियां इस बार लिक्विड दूध के ऊंचे भाव होने से पड़ते के अभाव में दूध पाउडर का निर्यात कम कर पा रहा है। केसिन का भी निर्यात अनुकूल नहीं है, इन परिस्थितियों में अभी कुछ दिन दूध पाउडर के भाव टिके रहेंगे, लेकिन इससे मंदे की गुंजाइश नहीं है। अभी हमारी कंपनी क्वालिटी पर विशेष ध्यान दे रही है, भले ही प्लांट क्षमता के अनुरूप न चले। उन्होंने दावा किया कि मिलावट करने वाले किसी भी ब्रांड का माल बनाकर मंडियों में बेच देते हैं, जिससे ओरिजिनल निर्माताओं को दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन इसके बाद भी हमारे राष्ट्र का स्लोगन है- सत्यमेव जयते। इस आधार पर सत्य की हमेशा जीत होती है विश्वास रखते है।  

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