Bulandshahr: कार नहीं मिली तो पत्नी को जिंदा जलाया, पति को उम्र कैद
Bulandshahr News: एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि विवाहिता की हत्या के मामले को जघन्य अपराध मानते हुए पुलिस ने ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत वाद को चिन्हित किया और वाद प्रक्रिया में तीव्रता लाई गई, जिसके बाद बुधवार को दोषी को सजा मुकर्रम हो सकी।
Bulandshahr News: यूपी के बुलंदशहर में ऑपरेशन कन्विक्शन जारी है। वर्ष 2017 में दहेज में कार की मांग पूरी नहीं हुई तो पत्नी को जिंदा जलाकर मौत के घाट उतारने वाले हत्यारे पति होशियार को अपर जिला एवम सत्र न्यायालय/त्वरित न्यायालय 3 के न्यायधीश शिवा नन्द ने उम्र कैद और 30 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
जानिए क्या था पूरा मामला
अपर जिला एवम सत्र न्यायालय/त्वरित न्यायालय 3 के एडीजीसी ध्रुव कुमार वर्मा और भूपेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि खजान सिंह पुत्र बिशन सिंह निवासी निजामपुरा थाना नरसेना ने औरंगाबाद थाने पर जून 2017 में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा था कि अपनी पुत्री धर्मवती का विवाह 5 फरवरी 2014 को होशियार पुत्र रामचंद्र निवासी नगला करन थाना औरंगाबाद के साथ किया था। विवाह में ₹8 लाख खर्च किए थे। विवाह के बाद ससुराल पक्ष के लोग दिए दान दहेज से संतुष्ट नहीं हुए और ऑल्टो कार की मांग करने लगे थे, मांग पूरी न होने पर धर्मवती का शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाने लगा।
मामले को लेकर औरंगाबाद में पंचायत भी हुई। मगर 7 जून 2017 को धर्मवती को जिंदा जला डाला। जिसकी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने खजान सिंह की तहरीर पर धर्मवती के पति होशियार, ससुर रामचंद्र, सास हरवती, जेठ लव कुमार, जेठानी डोली के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की। पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल कर आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश किया था।
वाद प्रक्रिया को पुलिस ने शीघ्रता से कराया पूर्ण
एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि विवाहिता की हत्या के मामले को जघन्य अपराध मानते हुए पुलिस ने ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत वाद को चिन्हित किया और वाद प्रक्रिया में तीव्रता लाई गई, जिसके बाद बुधवार को दोषी को सजा मुकर्रम हो सकी।
हत्यारे पति को मिलीं ये सजा
अपर जिला एवम सत्र न्यायालय/त्वरित न्यायालय 3 के एडीसी ध्रुव कुमार वर्मा और भूपेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि बुधवार को उपरोक्त न्यायालय के न्यायाधीश शिवानंद ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्यों गवाहों के बयानों और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद धर्मवती हत्याकांड में उसके पति होशियार को दोषी करार देते हुए उम्र कैद और ₹30000 अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है। जबकि सास हरवती, ससुर रामचंद्र, जेठ लव कुमार और जेठानी डोली को सदाचरण की परिविक्षा पर रिहा कर दिया गया।