Hamirpur News: कोरोना की लहर से ली सीख, जिला अस्पताल ने किए सुधार, शुरू होगा आठ बेड का ICU वार्ड

Hamirpur News: स्वास्थ्य विभाग भी लगातार अपनी क्षमता और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए दिन-रात एक किए हुए है। जिला महिला-पुरुष अस्पतालों से लेकर अब तक जिले में कुल 5 स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा चुके हैं। कोरोना संक्रमित की आरटीपीसीआर जांच जिला स्तर पर शुरू हुई।

Report :  Ravindra Singh
Published By :  Deepak Mishra
Update:2021-12-28 20:17 IST

जिला अस्पताल ने स्वास्थ्य सेवाओं में किए सुधार। 

Hamirpur News: कोरोना संक्रमण (coronavirus) के बाद से स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े सुधार देखने को मिले हैं। वर्ष 2021 का अधिकांश समय कोरोना की दूसरी लहर के नाम रहा। कई लोग कोविड से हार गए तो कई लोगों ने इस महामारी से कड़े सबक सीखे। इस बीच स्वास्थ्य विभाग (health Department) भी लगातार अपनी क्षमता और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए दिन-रात एक किए हुए है।

जिला महिला-पुरुष अस्पतालों से लेकर अब तक जिले में कुल 5 स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट (oxygen plant) लगाए जा चुके हैं। कोरोना संक्रमित की आरटीपीसीआर जांच (RTPCR test) जिला स्तर पर शुरू हुई और डी डायमर से कोरोना की गंभीरता को मापने के इंतजाम भी किए गए। ब्लड सेपरेटर यूनिट (blood suppressor unit) का सिविल वर्क शुरू हो चुका है। इस यूनिट के शुरू हो जाने के बाद एक यूनिट ब्लड से तीन मरीजों की जान बचाई जा सकेगी। यह एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।

जिला अस्पताल में बनाए आठ बेड का आईसीयू वार्ड

जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनय प्रकाश (Chief Medical Superintendent Dr. Vinay Prakash) ने बताया कि सांसद निधि (MP fund) से जिला अस्पताल में आठ बेड का आईसीयू वार्ड बनाया जा रहा है। इससे गंभीर मरीजों को कानपुर रेफर करने की नौबत नहीं आएगी। वार्ड के लिए पर्याप्त स्टाफ के इंतजाम के प्रयास कराए जा रहे हैं। नए साल में वार्ड प्रयोग में आ जाएगा। दूसरा बड़ा काम ब्लड सेपरेटर यूनिट (blood suppressor unit) की स्थापना है। इससे एक यूनिट ब्लड से तीन लोगों की जान बचाई जा सकेगी। एक यूनिट से पीआरबीसी, प्लाज्मा और प्लेटलेट्स अलग कर ली जाएंगी। अभी तक यह व्यवस्था यहां नहीं थी। इस यूनिट का सिविल वर्क चल रहा है।

आरटीपीसीआर लैब स्थापित

अभी तक कोरोना के आरटीपीसीआर सैंपल (RTPCR sample) की जांच कानपुर या लखनऊ में होती थी, लेकिन अब जिला अस्पताल में आरटीपीसीआर लैब स्थापित हो चुकी है। इससे प्रतिदिन 90 सैंपलों की जांच हो जाती है। रिपोर्ट मिलने में भी ज्यादा समय नहीं लगता है। डी डायमर मशीन भी लगी हुई है, जो कि कोरोना संक्रमण की गंभीरता को मापता है। इससे समय रहते मरीज को उच्च चिकित्सा मुहैया हो जाती है।

200 एलएमपी क्षमता का लगा ऑक्सीजन प्लांट अस्पताल

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि 200 एलएमपी क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट अस्पताल में लग चुका है, जिसके माध्यम से 40 बेडों को सीधे ऑक्सीजन मिलेगी। अस्पताल की बेहतर होती स्वास्थ्य सेवाओं के फलस्वरूप इसे वर्ष 2020-21 में कायाकल्प अवार्ड भी मिल चुका है। एक सर्जन डॉ. सिद्धार्थ जैन (Surgeon Dr. Siddharth Jain) पैथालॉजिस्ट की और तैनाती हुई है। बाल रोग विशेषज्ञ के खाली हुए पदों पर महिला अस्पताल के डॉ. आशुतोष निरंजन (Women's Hospital Dr. Ashutosh Niranjan) से दो घंटे के लिए ओपीडी कराई जा रही है।

महिला अस्पताल में स्टाफ बढ़ा

जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ.फौजिया अंजुम नोमानी (CMS Dr. Fauzia Anjum Nomani) ने बताया कि इस वर्ष जिला महिला अस्पताल को एक ग्यानोकोलॉजिस्ट, दो इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर (ईएमओ), पैथालॉजिस्ट और एनेस्थीसिया जैसे रिक्त पदों पर नई नियुक्तियां हुई। जिससे अस्पताल की सेवाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। अस्पताल ने इनक्वास क्वालीफाइ करने के साथ ही कायाकल्प अवार्ड में भी चित्रकूट मण्डल में स्थान प्राप्त किया। 250 एलएमपी क्षमता ऑक्सीजन प्लांट संचालित है।

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