Hamirpur News: ग्वालों को कृष्ण की सिखाई आत्म रक्षा कला का बेजोड़ नमूना दिवारी नृत्य, प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने दिखाए हुनर

Hamirpur News: दीपावली खेलने वाले लोग इस दीवारी नृत्य की कला को भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishana) द्वारा ग्वालों को सिखाई गई आत्मरक्षा की कला मानते हैं। दीपावली पर्व पर ग्रामीण अंचलों में इस नृत्य का बड़ा प्रचलन है।

Report :  Ravindra Singh
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-11-07 21:23 IST

Hamirpur News: सरीला (हमीरपुर) अपनी लोक संस्कृति (folk culture) के लिए विख्यात बुंदेलखंड (Bundelkhand) इलाके में दीपावली (Deepawali) का त्योहार काफी रोमांचक होता है। यहां परंपरागत दीवारी नृत्य (Dweewari Nritya) की धूम मची रहती है। इसमें ढोलक की थाप पर थिरकते लोग लाठियों से अचूक वार करते हुए युद्ध कला को दर्शाते हैं। नृत्य को देख लोग दंग रह जाते हैं। युवाओं को दीवारी नृत्य करते देख ऐसा प्रतीत होता है मानों वे दीवारी नृत्य नहीं, बल्कि युद्ध का मैदान जीतने निकले हों। दीवारी नृत्य देखने को हजारों लोग जुटते हैं। दीपावली खेलने वाले लोग इस कला को भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishana) द्वारा ग्वालों को सिखाई गई आत्मरक्षा की कला मानते हैं। दीपावली पर्व पर ग्रामीण अंचलों में इस नृत्य का बड़ा प्रचलन है।

दीपावली पर सरीला( Sarila) में एक दिवसीय दिवारी नृत्य प्रतियोगिता का कारस देव स्थान पर आयोजन किया गया। इसमें हमीरपुर व जालौन की टीमों ने प्रतिभाग लिया। जबकि जिले सहित आधा दर्जन टीमों ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में ग्यूडी मौदहा के गांव प्रथम और जिला हमीरपुर सरसई ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।जबकि तीसरा स्थान कुसमिलिया जालौन का रहा। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि राम सजीवन यादव जिला पंचायत सदस्य रिहुटा सपा ने किया।


दिवारी नृत्य में टीम के युवाओं ने दिखाए हैरतअंगेज करतब

सरीला कस्बा में आयोजित दीवारी नृत्य प्रतियोगिता में सरसई बड़ा, ग्यूडी मौदहा, डकोर जालौन, सरीला, कुसमिलिया की टीमों ने दिवारी नृत्य में दमखम दिखाया। सबसे पहले सरीला की टीम ने दिवारी नृत्य में टीम के युवाओं के कंधों पर नसैनी रखकर हैरतअंगेज करतब दिखाए। इसके बाद कुसमिलिया, ग्यूडी, सरसई की टीम ने लाठी, मारू, ढाल एवं सैला आदि से करतब दिखाकर दर्शकों की तालियों का अभिवादन स्वीकारा।

सभी टीमों ने अलग-अलग दीवारी नृत्य कर प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में ग्यूडी प्रथम को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर टीम को 5100 रुपये उपहार स्वरूप भेंट किए गए। वहीं दूसरे स्थान पर सरसई द्वितीय के टीम को 3000 रुपये भेंट में दिए गए। तृतीय स्थान कुसमिलिया ने पाया।

इस मौके पर रामसजीवन ने कहा बुंदेलखंड की पुरानी परंपरा आज भी कायम है। दीवारी नृत्य करने वाले प्रेमी इस परंपरा को जिंदा रखे हैं। ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए। इससे जात, पात, ऊंच.नीच खत्म होती है और एकता बढ़ती है।


विशिष्ट अतिथि जिलाध्यक्ष मानसिंह यादव, युवजन सभा समाजवादी पार्टी हुए थे शामिल

इसके बाद टीम के सभी को विशिष्ट अतिथि ने जिलाध्यक्ष मानसिंह यादव, युवजन सभा समाजवादी पार्टी उपहार बांटकर उनका उत्साह बढ़ाया। निर्णायक मंडल में छदामी लाल, कृष्ण कुमार द्विवेदी, संचालन एडवोकेट रामसेवक यादव ने किया दिवारी नृत्य प्रतियोगिता सैंकड़ों लोग मौजूद रहे।

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