Jhansi News: ससुराल पक्ष की ज्यादा दखलंदाजी से टूटती हैं शादियां, मोबाइल फोन बना एक बड़ी वजह
Jhansi News: परिवार परामर्श केंद्र (parivar paramarsh kendra) की टीम आज कई परिवारों को एकबार फिर टूटने से बचाया
Jhansi News: पुलिस परामर्श केंद्र ने आज भी कई परिवारों को टूटने से बचाया है। इनमें कई पति-पत्नी ऐसे भी हैं जो 5 से 11 सालों तक एक दूसरे से अलग रहे और आज खुशी-खुशी एक दूसरे के साथ रह रहे हैं। ऐसे ही शनिवार को परिवार परामर्श केंद्र (parivar paramarsh kendra) की टीम ने उनके पारिवारिक जीवन के बारे में जाना, उन लोगों का कहना है कि वह आज खुशनुमा जीवन जी रहे हैं। फैमिली काउंसलर (family counselor) नीति शास्त्री का कहना है कि छोटी -छोटी और मामूली बातें ही कई बार पति-पत्नी या कहें पूरे परिवार में कलह पैदा कर देती हैं, जिसके कारण परिवार टूट जाता है।
मोबाइल है बड़ा कारण
फैमिली काउंसलर्स (family counselor) की मानें तो इन दिनों परिवार टूटने की सबसे बड़ी वजह मोबाइल फोन है। कई मामलों में देखा गया है कि महिलाएं व पुरुष घंटों फोन पर बात करते हैं, जो कि उनके पार्टनर को पसंद नहीं आता और दोनों के बीच विवाद शुरू हो जाता है।
ससुराल का दखल होती है वजह
वहीं दूसरी तरफ कई पारिवारिक मामले ऐसे भी हैं, जहां ससुराल पक्ष का ज्यादा दखल होने के चलते पति पत्नी का रिश्ता खराब होता है। महिलाएं हर छोटी बात अपने मायके में शेयर करती हैं या मायके वाले बेटी के घर हर छोटी बात पर हस्तक्षेप करते हैं। फैमिली काउंसलर (family counselor) का कहना है कि लॉकडाउन में पारिवारिक मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है।
पति को कामकाजी पत्नी से ज्यादा उम्मीदें नहीं रखनी चाहिए
काउंसलर (family counselor) ने दोनों को समझाकर घर के काम का बंटवारा किया। उनका मानना है कि जब पति-पत्नी मिलकर नौकरी कर रहे हैं तो घर के कामों में भी पति को सहयोग करना पड़ेगा। पति को अपनी वर्किंग पत्नी से ज्यादा अपेक्षाएं नहीं करनी चाहिए। काउंसलर ने कहा कि अगर पत्नी खाना बनाएगी तो पति की जिम्मेदारी है कि वह वांशिग मशीन में कपड़े धोकर प्रेस करेगा। घर की साफ-सफाई की जिम्मेदारी पत्नी की होगी। इसमें पति भी मदद करेगा। रविवार को पति खाना बनाएगा। यदि वह खाना नहीं बनाता है तो बाहर होटल पर खाना खिलाना होगा।
खेल प्रतियोगिता के बाद निपटाए गए परिवार परामर्श केंद्र के मामले
ध्यानचंद्र स्टेडियम में आज हॉकी प्रतियोगिता का फाइनल मैच खेला गया। यहां पर महिला थाना प्रभारी निरीक्षक अर्चना सिंह की ड्यूटी लगाई गई। जैसे ही मैच का समापन हुआ तो वह सीधे महिला थाना पहुंची। यहां पर परिवार परामर्श केंद्र (parivar paramarsh kendra) के मामले चल रहे थे। तत्काल उन्होंने और उनकी टीम ने परिवार परामर्श केंद्र (parivar paramarsh kendra) में आठ मामलों की सुनवाई की। जिसमें छह मामलों में आपसी समझौता करवाया गया जबकि दो मामलों में अगली तिथि तय की गई है। इस अवसर पर काउंसलर नीति शास्त्री, अलया एजाज, महिला उपनिरीक्षक मंजू सिंह, उपनिरीक्षक रमेश कुमार, महिला आरक्षी प्रतिमा और महिला आरक्षी नम्रता सिंह मौजूद रही।
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