Jhansi News: विजिलेंस टीम को बड़ी कामयाबी, बीएड कॉलेजों को मान्यता देने के मामले में रिश्वत लेते पकड़ी गई काव्य दुबे

Jhansi News: मालूम हो कि हिमाचल विजिलेंस टीम को सूचना मिली थी कि कांगना जिले के गगल और इंदौरा क्षेत्र में बीएड कालेजों में राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के चार अधिकारियों ने मान्यता के नाम पर रिश्वत ली है।;

Report :  B.K Kushwaha
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2022-01-18 23:17 IST

रिश्वत लेने की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Jhansi News: हिमाचल की विजिलेंस टीम ने बीएड कालेजों को मान्यता दिलाने के नाम पर रिश्वत लेते पकड़ी गई बुविवि की सह आचार्य काव्या दुबे आदि को अदालत में पेश किया। वहां से उनको जेल भेजा गया। बताया जा रहा है कि काव्या दुबे रिटायर्ड यूपी स्वास्थ्य निदेशक की बहू है। इसकी जानकारी मिलते ही बुविवि के प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। विजिलेंस टीम यह पता लगा रही हैं कि काव्या दुबे इसके पहले किन-किन कालेजों में निरीक्षण करने पहुंची थी। इसकी सूची तैयार की जा रही है। सूची के बाद विजिलेंस की टीम कालेजों के प्रबंधकों को तलब कर सकती हैं।

मालूम हो कि हिमाचल विजिलेंस टीम को सूचना मिली थी कि कांगना जिले के गगल और इंदौरा क्षेत्र में बीएड कालेजों में राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के चार अधिकारियों ने मान्यता के नाम पर रिश्वत ली है। वह लोग एक होटल में रुके हैं। यहां से उनको हवाई अड्डे से दिल्ली जाना है। इस सूचना पर गई टीम ने होटल के दो कमरों में छापा मारा था।

रिश्वत लेने की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

यह कमरे निजी होटल में बुक कराए थे। टीम ने मौके से अलीगढ़ निवासी संजीव कुमार और झाँसी निवासी काव्या दुबे को गिरफ्तार कर लिया था। इनके पास से 11 लाख 48 हजार कैश बरामद किया था। इसके अलावा टीम ने इंदौरा क्षेत्र में भी एनसीटीई के दो अधिकारी डॉ सीमा शर्मा निवासी भवानी नगर मेरठ और डॉ महेश प्रसाद निवासी शिवाजीनगर भोपाल को दो लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया था। बताया जा रहा है कि इंदौरा में पैसे लेते पकड़े दो आरोपियों में से डॉ महेश प्रसाद निवासी शिवाजी नगर भोपाल को इस लेन-देन की कोई जानकारी नहीं थी। सारी साठगांठ डॉ सीमा शर्मा ने की थी। ऐसे में डॉ महेश को मामले से बाहर कर दिया गया था।

बताया जा रहा है कि हिमाचल की विजिलेंस गहना से जांच कर रही है, ताकि यदि इस प्रकरण में और लोग भी शामिल हैं तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जा सके। रिश्वत लेते पकड़े गई काव्या दुबे, सीमा शर्मा आदि को अदालत में पेश किया गया। वहां से उनको जेल भेजा गया। बताते हैं कि उक्त आरोपियों को पुन: रिमांड पर लिया जा सकता हैं, ताकि इस मामले में संलिप्त अन्य लोगों के खिलाफ भी पूछताछ के जरिये पहुंचा जा सके। इस मामले में और कौन-कौन लोग संलिप्त हैं, इस पर विजिलेंस की नजर है। जिसके लिए तफ्तीश जारी है।

पूछताछ में खुलासा: एक माह पहले भी निरीक्षण करने आई थी आरोपी शिक्षिका

कॉलेजों की अच्छी छवि दिखाने की एवज में रिश्वत के आरोप में पकड़ी गई शिक्षिका एक माह पहले भी हिमाचल प्रदेश आई थी। इस दौरान भी उसने कई शिक्षण संस्थानों का निरीक्षण किया था। यह खुलासा रिमांड पर चल रही शिक्षिका ने विजिलेंस के समक्ष किया है। रिमांड पर चल रहे शिक्षकों ने कई राज उगले हैं। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान शिक्षिका ने हमीरपुर और जिला मंडी के कुछ शिक्षक संस्थानों का निरीक्षण किया था। शिक्षिका कितने पैसे इन जिलों के शिक्षण संस्थानों से बटोरकर ले गई है, उसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।

फर्जी तरीके से एनओसी लेकर चल रहे कई निजी शिक्षण संस्थान

हिमाचल में एनसीटीई के अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के बाद कई निजी संस्थानों की साख दाव पर लग गई है। इनमें बुन्देलखंड क्षएत्र के कई निजी शिक्षण संस्थान शामिल है। आने वाले दिनों में विजिलेंस की जांच के बाद स्पष्ट होगा कि दिल्ली से आए अधिकारियों ने किन कार्यों के लिए रिश्वत ली थी। इसके बाद आयोग भी जांच की धार तेज करेगा। एनसीटीई के अधिकारियों के मामले ने कई शिक्षण संस्थानों की एनओसी को सवालों के घेरे में ला दिया है। बीएड सहित कई तकनीकी निजी शिक्षण संस्थान आयोग की रडार पर रहे हैं। मूलभूत सुविधाएं न होने के बावजूद कई संस्थानों ने एनओसी ली हुई है। शिक्षकों की योग्यता भी संदेह के घेरे में है।

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