Jhansi:- जल्द ही झाँसी में शुरू होगा किरायदारों का सत्यापन

झाँसी में बाहरी लोगों की बढ़ती तादात को देखते हुवे जल्द शुरू होगा किरायदारों का सत्यापन

Report :  B.K Kushwaha
Published By :  Yogi Yogesh Mishra
Update: 2021-08-11 14:27 GMT

झाँसी में बाहरी लोगों की बढ़ती तादात को देखते हुवे जल्द शुरू होगा किरायदारों का सत्यापन (photo social media)

Jhansi:-  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े तेवर के बाद भी झाँसी शहर बांग्लादेशी, रोहिंग्या और बंगालियों का अड्डा बनता जा रहा है। इसके लिए यहां की ख़ूफ़िया एजेंसी पूरी तरह फेल नजर आ रही है। यह लोग शहर के चुनिंदा इलाके में रहकर आभूषण बनाने का कारोबार कर रहे हैं। इन लोगों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। यह लोग भेल, पारीछा, गढ़िया डैम और आर्मी क्षेत्र के लिए ख़तरा साबित हो सकते है। इसको लेकर ख़ूफ़िया एजेंसियों को सतर्क रहने की जरुरत है। झाँसी के चुनिंदा इलाके में बाहरी मुस्लिमों ने अपना अड्डा बना लिया है। इनमें यह लोग अपने आपको बंगाली कहते नजर आ रहे हैँ। शहर के सर्राफा बाजार में दुकानों पर जाकर सर्राफा खरीदते हैं। इसके बाद घर लाकर जेवरात बनाकर बेचने का काम करते हैं। यह धंधा काफी दिनों से चल रहा है। इसकी जानकारी यहां की पुलिस को अच्छी तरह से मगर इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

इन इलाकों में किराए के मकान में निवास करते हैं लोग

कोतवाली थाना क्षेत्र के मुकरयाना, बासवाली गली, झारखड़िया, नरसिंहराव टौरिया, पुलिया नंबर नौ, कसाई मंडी, ओरछा गेट, बड़ागांव गेट बाहर, चमनगंज, ताज कपाउंड आदि मोहल्ला है। इन इलाकों में किराया का मकान लेकर बाहरी लोग निवास कर रहे हैँ। इसकी संख्या 250 से 300 के मध्य बताई जा रही है।

ऐसे लोगों का सत्यापान करवाने में क्यों कतरा रही हैं पुलिस

शहर और देहात इलाके में कई ऐसे किराएदार हैं। जो अपराध करने के बाद यहां से रफूचक्कर हो जाते हैं। इनमें बंगाली, रोहिंग्या और बांग्लादेशी भी हो सकते हैं। इन लोगों को लोग पैसा अधिक मिलने पर मकान किराए पर देते हैं। इनका न तो आधार कार्ड चेक किया जाता है और न ही पुलिस द्वारा किसी प्रकार का वैरीफिकेशन करवाया जाता है। यह लोग झाँसीवासियों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। इसको लेकर यहां के लोगों को सतर्क रहने की जरुरत है। वहीं सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि यह लोग उनके लिए खतरा बनते जा रहे हैं। यह लोग अपने आपको बंगाली बताते हैं, जबकि भाषा दूसरी बोलते हैं। ऐसे लोगों की जांच होना जरुरी है।




 


शहर में बाहर के लोग करते हैं अपराध

वर्ष 2021 में जितनी भी बड़ी वारदात हुई है। इनमें सबसे ज्यादा बाहरी बदमाशों ने लूटपाट, हत्या जैसी वारदातों को अंजाम दिया है। राजस्थान,मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों के लोग यहां पर अपराध करने के बाद रफूचक्कर हो जाते हैं। इन अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस को अपना पसीना तक बहाना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर, मोंठ के पास व्यापारी से लूट, एसबीआई बैंक के पास बाइक की डिग्गी से लाखों रुपये निकालने, गुरसरांय समेत अन्य स्थानों पर हुई घटनाओं का खुलासा तक हो चुका है। इसके बाद भी यहां के पुलिस अफसर मौन बने हुए हैँ। बताते चले कि नवाबाद थाना क्षेत्र में सैमसंग मोबाइल फोन की शोरुम में 40 लाख चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया। इस घटना का अभी तक खुलासा तक नहीं हुआ है। इसके अलावा मकानों में हुई चोरी भी शामिल है।

वर्ष 2022 में भाजपा के लिए खतरनाक हो सकते हैं बाहरी लोग

वर्ष 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव होने है। भाजपा हिन्दूवादी पार्टी है, इस पार्टी के दूसरे समुदाय के लोग खतरनाक साबित हो सकते हैँ। यही कारण है कि यहां के लोग बांग्लादेशी, रोहिंग्या और बंगालियों को पनाह दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अगर इलाकों की गोपनीय स्तर से जांच की जाए तो कई रहस्य उजागर हो सकते हैं। ऐसे लोगों को पनाह क्यों दिया जा रहा है। इस संबंध में महानगर अध्यक्ष मुकेश मिश्रा का कहना है कि वह पार्टी संगठन के लोगों से वार्ता करेंगे। इसके बाद हर वार्ड में टीम गठित कर बाहरी लोगों का पता लगाने का पूरा प्रयास करेंगे। उनका कहना है कि पुलिस व प्रशासन के अफसरों से वार्ता की जाएगी। किराएदारों के सत्यापन करवाने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

किराएदारों को होगा सत्यापन, गलत पाए गए तो जाएंगे जेल

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शिवहरी मीणा का कहना है कि अब किराएदारों का सत्यापन शुरु होने जा रहा है। इसके लिए ख़ूफ़िया एजेंसी के अलावा प्रत्येक चौकी प्रभारियों को निर्देश दिए जाएंगे। इसके अलावा हर वार्ड के सभासद का सहयोग लेकर सत्यापन करवाया जाएगा और यह पता लगाया जाएगा कि बाहरी लोग यहां पर निवास क्यों कर रहे हैं? इनका उद्देश्य क्या है? हर किराएदार का आधार कार्ड भी देखा जाएगा। आधार कार्ड गलत पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

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