World Cancer Day 2022: ग्लोबोकोन 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में नए मामलों में 26.3% ब्रेस्ट कैंसर, 18.3% सर्वाइकल कैंसर के

मेडिकल कॉलेज झाँसी के कैंसर विभाग के रेडियेशन ऑनकोलोजिस्ट डॉ. सचिन माहौर ने बताया कि कैंसर शरीर में कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ्ने की बीमारी हैI

Report :  B.K Kushwaha
Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2022-02-03 12:46 GMT

World Cancer day (Photo:Social Media) 

World Cancer Day 2022: प्रत्येक वर्ष 4 फरवरी विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता हैI इसका उददेश्य मुख्यत कैंसर के प्रति जागरूकता पैदा कर इससे होने वाली मौतों को कम करना हैI कैंसर एक ऐसी स्तिथि है जो की शरीर में असामान्य कोशिकाओं के बढ्ने से उत्पन्न होती हैI यदि समय पर इसका पता पड़ तो जाये तो इस पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता हैI लेकिन लोगों द्वारा इस बीमारी की गंभीरता को बिना समझे शुरुआती दौर में होने वाले लक्षणो को नजरंदाज किया जाता है। यही कारण है की यह बीमारी धीरे धीरे गंभीर रूप ले लेती है। यदि व्यक्ति शुरुआतीदौर में सचेत रहे तो समय रहते इस बीमरी का पूर्णतया: इलाज संभव है।

मेडिकल कॉलेज झाँसी के कैंसर विभाग के रेडियेशन ऑनकोलोजिस्ट डॉ. सचिन माहौर ने बताया कि कैंसर शरीर में कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ्ने की बीमारी हैI इसका मुख्य कारण आधुनिक जीवनशैली भी है, व्यक्ति का खान-पान एवं रख-रखाव इसका कारण हैI वर्तमान में सबसे अधिक ओरल या मुह का कैंसर आक्रामक रूप से लोगों में फ़ेल रहा हैI


 एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 21.77% मरीज ओरल कैंसर के हैं। ओरल कैंसर के लिए बहुत से रिस्क फेक्टर जिम्मेदार हैं, जैसे की तंबाकू का सेवन, शराब का सेवन, अत्यधिक धूम्रपान आदि से यह होता हैI आमतौर पर जो मरीज जांच के लिए आते हैं वह चौथी स्टेज पर होते हैं जिनमें से 40 प्रतिशत मरीजों कि रिकवरी पूर्णतया: हो जाती हैI

उन्होंने बताया कि कैंसर के शुरुआती लक्षणो को व्यक्ति नजरंदाज करता है यदि उसी समय ठीक प्रकार से जांच कारवाई जाये तो कैंसर को गंभीर स्तिथि में आने से पहली ही उसे इलाज द्वारा नियंत्रित किया जा सकता हैI वर्तमान समय में महिलाओं में कैंसर के बहुत अधिक बढ़ रहा है खासतौर से ब्रेस्ट कैंसर एवं सार्विकल कैंसरI वर्तमान में पंजीक्र्त कैंसर के मरीजों में लगभग 40% महिलाएं हैं I

इसके अतिरिक्त बात करें बुंदेलखंड की तो यहाँ लगभग 100 प्रतिशत में से 7 प्रतिशत व्यक्ति पित्त की थेली के कैंसर से ग्रसित हैं। डॉ. माहौर ने बताया कि जनपद में रानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झाँसी में कैंसर की जांच एवं इलाज की सुविधा कैंसर के प्रकार के अनुसार कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी ,सर्जरि, हॉरमोनथेरेपी, टार्गेट थेरेपी और जींस थेरेपी द्वारा उपलब्ध है।

पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ. सुधा शर्मा ने बताया कि महिलाओं में होने वाले कैंसर से बचाव के लिए उनके स्वास्थ्य की जिम्मेदारी उन्हें स्वयं व उनके जीवनसाथी को लेना होगी ताकि कैंसर की रोकथाम की जा सके। इलाज से सर्वथा बेहतर है कैंसर रोकथाम अगली आने वाली पीढ़ी को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए किशोरियों को एचपीवी वैक्सीन लगवाई जाए।

वह बताती हैं कि ग्लोबोकॉन-2021 रिपोर्ट के अनुसार किसी भी महिला को अपने जीवन में किसी भी प्रकार के कैंसर होने का 10% खतरा है। इसी रिपोर्ट के अनुसार भारत में महिलाओं में जो कैंसर के नए केसेस हुए हैं उनमें से 26.3% ब्रेस्ट कैंसर और 18.3% सर्वाइकल कैंसर हैं। खास बात यह है कि इन 44% कैंसर केस की अर्ली स्टेज में पहचान होने से महिलाओं को पूरी तरह बचाया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होने बताया कि महिलाओं में कैंसर रोकथाम के लिए कुछ आवश्यक चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है जिससे कैंसर को शुरुआती समय पर ही पहचाना जा सकता है एवं महिला की जान बचाई जा सकती है।

महिलाओं में कैंसर बचाव के लिए 30 साल की उम्र के बाद कुछ स्क्रीनिंग टेस्ट हर महिला के लिए बिना किसी लक्षण के भी अवश्य होने चाहिए। जैसे ब्रेस्ट कैंसर के लिए हर माह ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन, हर साल डॉक्टर द्वारा चेकअप और 40 साल की उम्र के बाद दो साल में मैमोग्राफी। इसी प्रकार सर्वाइकल कैंसर का जल्दी पता लगाने के लिए वीआईए टेस्ट, पेप्समेयर और एचपीवी डीएनए टेस्ट करवाया जा सकता है

जनपद निवासी शमा (बदला हुआ नाम) बताती है कि पिछले एक साल से वह ब्रेस्ट कैंसर से ग्रसित हैं और इस समय मेडिकल कॉलेज झाँसी में उनका इलाज चल रहा हैंI शमीमा को काफी सालों से स्तन में गांठ की समस्या थी जिसे वह एक मामूली गांठ समझ के नजरंदाज करती रहीI नतीजा यह हुआ की अंत में उस बीमारी ने कैंसर का रूप ले लियाI क्यूँकी वह डायबिटीस की भी मरीज हैं इस वजह से उनका ऑपरेशन संभव नहीं है इसलिए कीमोथेरेपी द्वारा उन्हे कैंसर मुक्त करने की कोशिश की जा रही हैI शमीमा बताती हैं कि कीमोठेरपी से उन्हे पहले से काफी आराम है। जनपद में बरधुआ गाँव निवासी 50 वर्षीय नरेंद्र की पत्नी बताती हैं कि उनके पति पहले तंबाकू खाने के आदि थे। काफी सालो से उन्हे मुह में छाले की शिकायत थीI एक साल पहले उन्होने अपनी दाढ़ हटवाई जिसका ज़ख़म काफी दवाइयों के बाद भी ठीक नहीं हो रहा थाI तब डॉक्टर की सलाह पर वह कैंसर विभाग में जांच कराने के लिए आए जहां बायोप्सी की रिपोर्ट में ओरल कैंसर के थर्ड स्टेज की पुष्टि हुईI ऑपरेशन के बाद अभी उनका रेडियोथेरपि के द्वारा इलाज किया जारी है जिसमें उन्हे आराम है।

 जनपद में गत वर्षो में चिन्हित हुए मरीज

2017 - 467

2018 - 821

2019 - 653

2020 - 389

2021 - 346

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