Gorakhpur News : खपरैल का मकान गिरने से कारोबारी की मौत, जर्जर मकानों को लेकर निगम के अफसर बेपरवाह

Gorakhpur News: जर्जर खपरैल के मकान के गिरने से एक कारोबारी की मौत हो हुई। वहीं कई घायल हो गए।

Update:2022-09-24 12:16 IST

खपरैल का मकान गिरने से कारोबारी की मौत

Gorakhpur News : सीएम सिटी में जर्जर मकानों को लेकर जो अंदेशा था, वह शनिवार की सुबह हो ही गया। जर्जर खपरैल के मकान के गिरने से एक कारोबारी की मौत हो हुई। वहीं कई घायल हो गए। मकान गिरने की सूचना पर प्रशासन से लेकर नगर निगम के अफसर मौके पर पहुंचे। कोतवाली इलाके के जगरनाथपुर मोहल्ले में खपरैल का जर्जर मकान गिरने से 22 साल के रजत की मौत हो गई वहीं घर के 5 अन्य सदस्य घायल हो गए। घायलों में रागिनी पुत्री जितेंद्र गौड़ उम्र 17 वर्ष, निर्मला पत्नी जितेंद्र गौड़ उम्र 42 वर्ष, अनुराधा पत्नी सत्यनारायण उम्र 35 वर्ष, रानू पुत्र रामदुलारे उम्र 24 वर्ष, रामदुलारे पुत्र गंगा उम्र 65 वर्ष को चोटें आई हैं । सभी को सदर अस्पताल गोरखपुर में भर्ती कराया गया है। मृतक रजत उर्फ राजा की शास्त्री चौक पर मोबाइल पार्ट्स और रिचार्ज करने की दुकान थी।

हादसे के बाद मौके पर प्रशासन की टीम

हादसे का इंतजार कर रहे 200 से अधिक दुकान-मकान

लखनऊ में 100 वर्ष पुराने मकान के गिरने से 9 लोगों की मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि गोरखपुर में जर्जर मकान में दब एक कारोबारी की मौत हो गई। गोरखपुर शहर में 200 से अधिक परिवार जर्जर मकानों में रह रहे हैं। इसे लेकर नगर निगम से लेकर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों में संजीदगी नहीं दिख रही है। पूर्व के वर्षों में नगर निगम के जिम्मेदारों ने 110 से अधिक मकान मालिकों को नोटिस तो थमाया लेकिन कार्रवाई को लेकर खामोश हैं।

नगर निगम और पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी है कि वह उम्र पूरी कर चुके बिल्डिंगों को ध्वस्त कराए। जिन मकान में आम लोग रहते हैं, उन्हें नोटिस देकर खाली कराए। लेकिन नगर निगम के जिम्मेदार नोटिस की खानापूर्ति कर चुप बैठे हुए हैं। पिछले वर्ष पिपराइच इलाके में मकान गिर जाने से एक महिला की मौत हो गई थी। वहीं बशारतपुर स्थिति आशा देवी के मकान का शेड गिर गया था। संयोग ठीक था कि कोई जनहानि नहीं हुई। शहर के छोटे काजीपुर, आर्यनगर, पुर्दिलपुर आदि इलाकों में कई जर्जर मकान है। अलहदादपुर में तो बीते वर्षों में भूकंप के झटकों से दिवारों में दरारे आ गई हैं, इसके बाद भी लोग रह रहे हैं।

तीन साल पहले दिया था नोटिस

जगरनाथपुर में ओम जी श्रीवास्तव और कुंवर जी श्रीवास्तव का मकान पूरी तरह जर्जर हो गया है। तीन साल पहले ही नगर निगम ने मकान को ध्वस्त कराने को लेकर नोटिस दिया था। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय पार्षद अमरनाथ यादव का कहना है कि जर्जर मकान में मालिक नहीं रहते हैं। मकान किरायेदारों के कब्जे में है। नोटिस के बाद भी निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। नगर आयुक्त अविनाश सिंह का कहना है कि जर्जर मकान में रह रहे जिन लोगों को पूर्व में नोटिस दिया गया है, उनके मकान का सर्वे के लिए निर्माण विभाग को निर्देश है। कुछ मामले कोर्ट में है। लेकिन जहां कानूनी दिक्क्त नहीं है, वहां कार्रवाई की जाएगी।

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