UP News: मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कर्मियों से उतरवाए जूते के कवर, देखें VIDEO

UP News: राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने एक वीडियो ट्वीटर पर शेयर करते हुए लिखा है कि बेबी रानी मौर्य की ठाठ देखिए, सत्ता के नशे में चूर उन्होंने अपने जूत के डिस्पोजल कवर कर्मियों से उतरवाए।

Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-05-14 15:27 IST

Lucknow: योगी सरकार (Yogi Sarkar) में कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य (baby rani maurya) विवादों में घिर गई हैं। राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने एक वीडियो ट्वीटर पर शेयर करते हुए उनपर कर्मचारियों से जूते के डिस्पोजल उतरवाने के आरोप लगाए हैं। आरएलडी (RLD) ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, बेबी रानी मौर्य की ठाठ देखिए, सत्ता के नशे में चूर उन्होंने अपने जूत के डिस्पोजल कवर कर्मियों से उतरवाए।

बता दें कि बेबी रानी मौर्य शुक्रवार को उन्नाव (Unnao) के बीघापुर ब्लॉक (Bighapur Block) के गांव घाटमपुर (Village Ghatampur) में अन्न प्रासन महिला लघु उद्योग पुष्टाहार ईकाई पहुंची थीं। यहां उन्होंने प्रसूता महिलाओं और कुपोषित बच्चों के लिए बनने वाले पुष्टाहार की गुणवत्ता को चेक किया। कैबिनेट मंत्री को जब यहां पता चला कि गेहूं सड़ रहा है तो इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए जिम्मेदार अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब किया है। मंत्री मौर्य ने गुणवत्ता युक्त पुष्टाहार देने के कड़े निर्देश दिए। आरएलडी द्वारा वायरल किया गया वीडियो इसी दौरान का बताया जा रहा है।



सपा ने भी बोला हमला

मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने भी वीडियो अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से शेयर करते हुए बीजेपी और कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य पर निशाना साधा है। सपा ने ट्वीट कर लिखा, सत्ता के नशे में मगरूर हो चुके हैं हुक्मरान! उन्नाव में अन्नूपूरक पुष्टाहार उत्पादन इकाई का निरीक्षण के बाद कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्या ने अपने जूते के डिस्पोजल कवर को वहा पर मौजूद स्टाफ़ से निकलवाया। मंत्री महोदया आपको अपने इस कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए।



कौन है बेबी रानी मौर्य

बेबी रानी मौर्य उत्तर प्रदेश में भाजपा (BJP) की कद्दावर दलित नेत्री हैं। बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की सजातीय होने के कारण बीजेपी उन्हें मायावती के सामने खड़ा करने की कोशिश करती रही है। बता दें कि बेबी रानी मौर्य आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक चुनी गई हैं। विधायक बनने से पहले मौर्य उत्तराखंड के सातवें राज्यपाल के तौर पर तीन वर्षों तक अपनी सेवा दी है।

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