Howrah violence: हावड़ा में हिंसा पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगी रिपोर्ट, सुवेंदु अधिकारी ने दायर की जनहित याचिका

Howrah violence: अदालत ने पुलिस को निर्देश देते हुए कहा कि वह यह सुनिश्चित करें कि स्थानीय लोगों, स्कूल जाने वाले बच्चों और बिजनेस को कोई परेशानी ना होने पाए।

Update: 2023-04-03 13:57 GMT
Calcutta High Court (Pic: Social Media)

Howrah violence: पश्चिम बंगाल के हाबड़ा में हुए हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट सख्त है। सोमवार को हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार से हावड़ा हिंसा की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा है कि हिंसा प्रभावित हावड़ा शहर में शांति स्थापित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। वहीं भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर हावड़ा हिंसा मामले की जांच एनआईए से कराने की मांग की है। सुवेंदु अधिकारी ने मांग की है कि हिंसा प्रभावित इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए। अधिकारी की इस जनहित याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सरकार से हावड़ा से शिबपुर में हुई हिंसा की रिपोर्ट मांगी है। हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश देते हुए कहा कि वह यह सुनिश्चित करे कि स्थानीय लोगों, स्कूल जाने वाले बच्चों और बिजनेस को कोई परेशानी ना होने पाए। कोर्ट ने पुलिस से पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती के निर्देश दिए हैं। कोर्ट छह अप्रैल को इस मामले पर फिर सुनवाई करेगी।

हिंसा से संबंधित सीसीटीवी फुटेज मांगा

कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम और जस्टिस हिरनमय भट्टाचार्य की पीठ ने राज्य सरकार से पांच अप्रैल तक हिंसा मामले में रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा है कि हिंसा प्रभावित हावड़ा शहर में शांति स्थापित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने ममता सरकार से हिंसा से संबंधित सीसीटीवी और वीडियो फुटेज भी जमा करने के निर्देश दिए हैं।

सरकार ने दिया तर्क

वहीं सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए अटॉर्नी जनरल एस एन मुखर्जी ने बताया कि हावड़ा के शिबपुर में अब स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि हावड़ा में हिंसा मामले में 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जनहित याचिका में हुगली के रिशरा में हुई हिंसा का भी जिक्र किया गया है। याचिकाकर्ता सुवेंदु अधिकारी ने मांग की है कि हिंसा प्रभावित इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए और साथ ही एनआईए से हिंसा की जांच कराई जाए।

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