भूपेश बघेल होंगे छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री !
रमन सिंह के पंद्रह साल के शासनकाल पर पलीता लगाने वाले कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे हैं। दिलचस्प यह है कि भूपेश बघेल के आसपास दूर-दूर तक कोई नेता है ही नहीं। परंतु सांसद सामल दत्त साहू, नेता प्रतिपक्ष टी.एस. बाबा और पूर्व केंद्रीय मंत्री चरण दास महंत का भी नाम लिया जा रहा है।
योगेश मिश्र
लखनऊ: रमन सिंह के पंद्रह साल के शासनकाल पर पलीता लगाने वाले कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे हैं। दिलचस्प यह है कि भूपेश बघेल के आसपास दूर-दूर तक कोई नेता है ही नहीं। परंतु सांसद सामल दत्त साहू, नेता प्रतिपक्ष टी.एस. बाबा और पूर्व केंद्रीय मंत्री चरण दास महंत का भी नाम लिया जा रहा है।ताम्रध्वज साहू कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के काफी करीबी हैं। लेकिन भूपेश बघेल नेे पार्टी की कमान उस संकट की घड़ी में संभाली थी जब झीरमघाटी के नक्सली हमले में कांग्रेस के अग्रिम पंक्ति के सभी नेता मार दिये गये थे। लोकसभा चुनाव सर पर थे और उनके नेतृत्व में कोई करिश्मा नहीं हो पाया। उन्होंने कांग्रेस को सड़कों पर उतारा।
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बीते पांच सालों में भूपेश बघेल ने रमन सिंह को घेरने के लिए राशन कार्ड में कटौती का मुद्दा, किसानों से धान की खरीद और बोनस का सवाल, नसबंदी कांड का विरोध, चिट फंड कंपनियों के पीड़ितों के साथ खड़ा होकर कांग्रेस में जान फूंक दी। उन्होंने बीते पांच सालों में तकरीबन पौने तीन लाख किलोमीटर की छत्तीसगढ़ में सड़क यात्राएं की। रमन सिंह के खिलाफ उनकी लगातार जंग का नतीजा ही था कि उन्हें छत्तीसगढ़ का शेर कहा जाने लगा। भूपेश बघेल ने रमन सिंह के परिवार के कथित भ्रष्टाचार उजागर किये।
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अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के खरीद फरोख्त मामले में अजीत जोगी और उनके बेटे अमित को इस कदर लपेटा कि उन्हें पार्टी से बाहर जाना पड़ा।
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रमन सिंह ने भी भूपेश बघेल को कम तंग नहीं किया। उनकी मां और पत्नी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। इससे परेशान होकर के भूपेश बघेल अपनी बूढ़ी मां और पत्नी को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के दफ्तर पहुंच गये। उन्होंने भी भाजपा की तरह 95 फीसदी बूथों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खड़े करने का काम कर दिखाया। बूथ कमेटियों के उनके गठन और प्रशिक्षण को देखने खुद राहुल गांधी बस्तर गये थे। वे अबकी पांचवीं बार विधानसभा का चुनाव जीते। हालांकि 2008 में विधानसभा चुनाव हार भी चुके हैं। दो लोकसभा चुनाव में भी उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा है। पिछेड़े वर्ग से आने वाले भूपेश बघेल एक सम्पन्न किसान हैं।