बिना इजाजत अमिताभ ठाकुर के घर घुसे थे विजिलेंस अफसर, अब चलेगा केस

Update: 2016-02-22 13:24 GMT

लखनऊ: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) हितेन्द्र हरि ने सोमवार को निलंबित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के घर पिछले 13 अक्तूबर को तलाशी में घुस आने वाले विजिलेंस अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

प्रार्थनापत्र परिवाद के रूप में रजिस्टर होने योग्य

सीजेएम ने अपने आदेश में कहा है कि प्रार्थनापत्र में जो कथन दिए गए हैं उनके संबंध में किसी अतिरिक्त सबूत की जरूरत नहीं है। घटना से संबंधित सभी तथ्य प्रार्थी की जानकारी में हैं। सीजेएम ने कहा कि प्रार्थनापत्र परिवाद के रूप में रजिस्टर किए जाने योग्य है। सीजेएम ने परिवाद दर्ज करते हुए अमिताभ को सीआरपीसी की धारा 200 में अपना बयान देने के लिए 29 मार्च को बुलाया है।

सीजेएम कोर्ट में दी थी शिकायत

निलंबित आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के घर मारे गए विजिलेंस छापे में दो दर्जन से अधिक लोगों के बिना इजाजत घर में घुसने और निवेदन के बाद भी अमिताभ और उनकी पत्नी एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को कोर्ट में लगे मुकदमों में नहीं जाने देने की शिकायत सीजेएम कोर्ट में की गई थी।

क्या था मामला?

अमिताभ ने अपनी शिकायत में कहा था कि कोर्ट ने मात्र विवेचक दद्दन चौबे को सर्च वारंट दिया गया था लेकिन विजिलेंस विभाग के कई सारे लोग जबरदस्ती उनके घर में घुस गए थे और घंटों बिना कानूनी इजाजत मौजूद रहे थे। बताने पर भी उन्हें कोर्ट नहीं जाने दिया जिसका एकमात्र उद्देश्य उन्हें डराना और समाज में जलील करना था, जो धारा 341, 342, 447, 448, 451, 452 आईपीसी में अपराध है।

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