थोड़ी देर में आएगा बाबरी विध्वंस का फैसला, शुरू होगी श्रीकृष्ण जन्मभूमि की सुनवाई

बस थोड़ी ही देर में बाबरी विध्वंस का फैसला आने वाला है जिस पर सारे देश की निगाहें टिकी हुई हैं। राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण आज के दिन 28 वर्षो बाद जहां एक तरफ विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत अपना फैसला सुनाएगी।

Update:2020-09-30 08:47 IST
राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण आज के दिन 28 वर्षो बाद जहां एक तरफ विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत अपना फैसला सुनाएगी।

लखनऊ: बस थोड़ी ही देर में बाबरी विध्वंस का फैसला आने वाला है जिस पर सारे देश की निगाहें टिकी हुई हैं। राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण आज के दिन 28 वर्षो बाद जहां एक तरफ विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत अपना फैसला सुनाएगी। वहीं मथुरा में विवादित श्रीकृष्ण जन्मभूमि में अवैध निर्माण को लेकर न्यायालय सुनवाई करेगा।

छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी ढांचा विध्वंस के बाद इस मुकदमें में कई बड़े नेताओं मुरली मनोहर जोशी, लाल कृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, विनय कटियार और उमा भारती का शामिल किया गया था।

49 एफआईआर दर्ज हुई

बाबरी विध्वंस मामले में 49 एफआईआर दर्ज हुई थीं। जिसमें एक एफआईआर फैजाबाद के थाना राम जन्मभूमि में एसओ प्रियवंदा नाथ शुक्ला जबकि दूसरी एफआईआर एसआई गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज कराई थी। बाकी शेष 47 एफआईआर पत्रकारों व फोटोग्राफरों ने भी दर्ज करायी थीं। 5 अक्टूबर, 1993 को इस मामले में कुल 49 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इसके बाद से लगातार इसकी सुनवाई हो रही थी।

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अदालत ने सभी मुल्जिमों को फैसले के दिन अदालत में रहने को कहा है। लेकिन कई अभियुक्त आडवाणी, जोशी, नृत्यगोपाल दास स्वास्थ्य कारणों से उपस्थिति नहीं हो सकेंगे। इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 49 लोगों को मुल्जिम बनाया गया है।

17 आरोपियों की हो चुकी है मौत

इस लम्बे मुकदमें में 49 आरोपितों के खिलाफ सीबीआई ने अपनी चार्जशीट फाइल की थी जिसमें 17 आरोपियों की तो मौत हो चुकी है। इनमें प्रमुख रूप से बाला साहेब ठाकरे, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया आदि शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक मामले को लेकर दाखिल याचिका पर आज से सुनवाई शुरू होगी। इस मामले में श्रीकृष्ण विराजमान, और कई अन्यें की तरफ से यह जमीन वापस लेने की मांग की गयी है।

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अधिवक्ता हरीशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने मथुरा की अदालत में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से दाखिल की गई इस याचिका में न्यायालय से 13.37 एकड़ की जन्मभूमि का मालिकाना हक मांगा है। चिका में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, श्री जन्मस्थान सेवा संस्थान को प्रतिवादी बनाया गया है।

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अदालत में दाखिल याचिका में कहा गया है कि मुसलमानों की मदद से शाही ईदगाह ट्रस्ट ने श्रीकृष्ण से सम्बन्धित जन्मभूमि पर कब्जा कर लिया और और उसके स्थान पर एक ढांचे का निर्माण कर दिया गया। भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्म इसी स्थान पर हुआ।

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