मायावती पर नकेल कसने की तैयारी में केंद्र, बेनामी संपत्तियों का तैयार हो रहा ब्यौरा

Update:2016-11-28 17:53 IST

लखनऊ: नोटबंदी पर संसद में केंद्र सरकार पर हमलावर हुईं बसपा सुप्रीमो मायावती का मायाजाल तोड़ने के लिए अब प्लानिंग शुरू कर दी गई है। मायावती के भाई आनंद कुमार हों या फिर पार्टी में फाइनेंस का इंतजाम करने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी। सभी की बेनामी संपत्तियों का ब्यौरा तैयार किया जा रहा है।

नोटिस के बाद संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो बेनामी संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की जा सकती है। कार्रवाई राजस्व सचिव हंसमुख अढिया के निर्देश पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस(सीबीडीटी) के नए चेयरमैन सुशील चंद्र ने शुरू कराई है। यह जानकारी सीबीडीटी के भरोसेमंद सूत्रों ने दी है।

मायावती के करीबियों पर कस सकता है शिकंजा

हंसमुख वही अफसर हैं, जो कि मोदी के गुजरात में मुख्यमंत्री रहते समय उनके प्रमुख सचिव रह चुके हैं। हंसमुख अढिया के निर्देश पर सीबीडीटी चेयरमैन ने डायरेक्टर जनरल इनवेस्टीगेशन इनकम टैक्स से पूरी रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। डीजी इनवेस्टीगेशन ने बसपा मुखिया मायावती के भाई आनंद कुमार, नसीमुद्दीन, सलाहकार और राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्रा, गाजियाबाद से विधायक सुरेश बंसल की नामी और बेनामी सभी संपत्तियों की हैसियत का आंकलन किया जा रहा है।

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मायावती भाई को नहीं आने देतीं सामने

रिपोर्ट तैयार होते ही पहले राजस्व सचिव के पास जाएगी। इसके बाद संपत्तियों के असली मालिक को ढूंढ निकालने के लिए छापेमारी और जांच अभियान चलेगा। दरअसल, बेनामी संपत्तियां रसूखदारों की ओर से अपने चहेते लोगों के नाम से खरीदी जाती है। जबकि पर्दे के पीछे से खुद मालिक रहते हैं। कहा जाता है कि मायावती की पूरी कमाई की देखरेख भाई आनंद के जिम्मे है। यही वजह है कि आनंद को कभी मायावती सामने नहीं आने देती।

बसपा के चहेते बिल्डर्स की सूची भी तैयार

सूत्र बता रहे हैं कि पूर्ववर्ती बसपा सरकार और मौजूदा सपा सरकार में चहेते बिल्डर्स की सूची भी तैयार करने का निर्देश हुआ है। अरबों-खरबों की कमाई से दिल्ली, एनसीआर, लखनऊ सहित देश के तमाम महंगे शहरों में बेनामी संपत्तियों में पैसा लगाने का मामला सामने आ रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि सूची तैयार होते ही पहले आयकर विभाग इनसे अपनी संपत्तियों का स्वतः खुलासा करने के लिए कहेगा। इसके बाद जो भी संपत्ति की जानकारी देंगे, उसकी क्रॉस चेकिंग की जाएगी। इसके बाद विभाग अपने पास मौजूद विवरण के आधार पर बेनामी संपत्तियों की छानबीन करेगा।

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इन बिंदुओं पर तैयार हो रही रिपोर्ट

-कौन नेता और बिल्डर इंस्टीट्यूट चला रहा।

-रियल एस्टेट की किन कंपनियों में शेयर हैं।

-परिवार के सदस्यों की आर्थिक हैसियत का क्या स्तर है।

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