Chandauli News: 'न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट नवजात के लिए वरदान', बोले जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे

Chandauli News: चंदौली डीएम निखिल टी फुंडे ने बताया कि, जो बच्चे जन्म के तीसरे, चौथे या पांचवें दिन पीलिया ग्रस्त हो जाते हैं, या इनका वर्थ वेट काफी कम हो जाता है, ऐसे बच्चों को (NBSU) नवजात शिशु स्टेबिलाइजेशन यूनिट में रखा जाता है।'

Update: 2023-12-16 12:41 GMT

नवजात शिशु स्टेबिलाइजेशन यूनिट का उद्घाटन करते जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे (Social Media)

Chandauli News: शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए जिले के नौगढ़ बाजार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार (16 दिसंबर) को नवजात शिशु स्टेबिलाइजेशन यूनिट (NBSU) का जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे (Chandauli DM Nikhil T Funde) ने फीता काटकर उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भ्रमण कर अस्पताल में ऑपरेशन कक्ष, ओपीडी सहित अन्य विभागों का निरीक्षण कर मरीजों से मिल रहे उपचार के संबंध में जानकारी ली।

DM बोले- वनांचल के नवजात को मिले विशेष सुविधा  

साथ ही,  डॉक्टरों को आवश्यक दिशानिर्देश दिए। इस मौके पर डीएम ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि, 'राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य स्तरीय प्रोग्राम के तहत (NBSU) नवजात शिशु स्टेबलाइजेशन यूनिट का शुभारंभ जिले के अति पिछड़े क्षेत्र वनांचल में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नौगढ़ में किया गया है। इस यूनिट के चालू होने से गंभीर रूप से बीमार या कमजोर नवजात शिशुओं को समय पर पूरा और अच्छा इलाज मिलने से उसकी जान बचाई जा सकेंगी। इससे जन्म मृत्यु दर में कमी आएगी।'

CMO- सभी सुविधाएं एक छत के नीचे

इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी युगल किशोर राय ने कहा कि, 'प्रदेश में शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक अस्पताल में (NBSU) नवजात शिशु स्टेबलाइजेशन यूनिट की स्थापना की जा रही है। उसी कड़ी में आज यहां भी (NBSU) की स्थापना की गई है। जो वनांचल क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित होगा। इस यूनिट की स्थापना से यहां के लोगों को अब दूर नहीं जाना पड़ेगा। सारी सुविधाएं सभी को एक छत के नीचे आसानी से निःशुल्क उपलब्ध हो जाएंगी।'

नवजात शिशुओं को मिलेगा बेहतर इलाज

इस अवसर पर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.अवधेश सिंह ने बताया कि, 'नवजात शिशु स्टेबलाइजेशन यूनिट (NBSU) यह एक ऐसी यूनिट है, जिसमें नवजात शिशुओं को बेहतर इलाज मिलता है। अब सुदूर गांवों तथा स्वास्थ्य उप केंद्र पर जन्मे गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चों का त्वरित उपचार कर उसकी जान बचाई जा सकेंगी। उन्होंने बताया कि, इस यूनिट के अंतर्गत 4 रेडिएंट वार्मर, 2 फोटो थेरेपी,4आक्सीजन कांसेट्रेटर की सुविधा हैं।इस यूनिट का इस्तेमाल शिशु जिनका अत्यधिक कम वजन, पीलिया इत्यादि के लिए किया जाएगा।'

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ अनिल कुमार,अपराजिता सिंह, डिविजनल कोऑर्डिनेटर एन.आई एवं आलोक कुमार राय डिविजनल हेल्थ कोऑर्डिनेटर यूनिसेफ के साथ बीपीएम, बीसीपीएम व अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

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