सहारनपुर: भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के बुआ कहने पर मायावती द्वारा ऐसे किसी भी रिश्ते से इंकार करने और बसपा के बैनर तले आकर लडाई लडने की बात से राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है। मायावती के बयान पर चंद्रशेखर ने भी बसपा से किसी प्रकार का संबंध न होने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि मायाजी केवल मेरे समाज से हैं इसलीए मैंने उन्हें सम्मानपूर्वक बुआ कहा था इसके राजनीतिक अर्थ न निकाले जाएं।
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विदित हो कि चार दिन पूर्व ही जेल से छूटकर बाहर आए भीम आर्मी एकता मिशन के संस्थापक चंद्रशेखर ने मीडियाकर्मियों के समक्ष बसपा सुप्रिमों से संबंध के सवाल पर कहा था कि माया जी मेरी बुआ हैं और यदि वें पीएम भी बनती हैं तो उन्हें खुशी होगी। चंद्रशेखर द्वारा अपने उपर दिए गए बयान से गुस्साई मायावती ने न केवल चंद्रशेखर के दावे को सिरे से खारिज कर दिया बल्कि उन्हें अवसरवादी तक भी कह दिया। इसी को लेकर रविवार के चंद्रशेखर से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने भी बसपा से किसी भी तरह का संबंध होने से साफ मना करते हुए कहा कि बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं तथा उनका संगठन भी राजनैतिक न होकर केवल सामाजिक गतिविधियों तथा अपने समाज के साथ ही अन्य दबे कुचले और सामाजिक व राजनीतिक तौर पर शोषित समाज के लिए कार्य कर रहा है इसलिए बसपा से कोई संबंध होने का सवाल ही नहीं है।
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चंद्रशेखर ने एक बार फिर दोहराया कि मैं अपने समाज पर किए जाने वाले किसी भी प्रकार के शोषण को बर्दाश्त नहीं कर सकता फिर चाहे मुझे इसके लिए कितनी भी बडी कुर्बानी क्यों न देनी पडे।
उधर चंद्रशेखर से मिलने के लिए अब भी नेताओं का तांता लगा हुआ है। वैसे तो चंद्रशेखर की रिहाई होते ही कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक इमरान मसूद ने रात में ही छुटमलपुर पहुंचकर नेताओं के आगमन पर विराम लगा दिया था लेकिन उसके बाद भी शनिवार की रात में समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशु मलिक भी चंद्रशेखर से मिलने उनके आवास पर पहुंचे।