UP News: बाहुबली अतीक के भाई पूर्व MLA अशरफ समेत 6 पर राजू पाल हत्याकांड में आरोप तय

UP News Today: प्रयागराज के माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ समेत छह लोगों के खिलाफ बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड में CBI की विशेष अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं।

Update:2022-10-01 11:12 IST

Prayagraj Bahubali Ateeq Ahmed and brother Ashraf (image social media)

UP News Today: प्रयागराज के माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ समेत छह लोगों के खिलाफ बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड में सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं अब इस मामले की 13 अक्टूबर को सुनवाई होगी. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक अशरफ और फरहान को कोर्ट में पेश किया गया था वही जमानत पर रिहा हो चुके रंजीत पाल आबिद इसरार अहमद और जुनैद भी कोर्ट में मौजूद रहे. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश कविता मिश्रा ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपियों पर हत्या हत्या की साजिश व हत्या का प्रयास करने समेत कई मामलों में आरोप सुनाया.

25 जनवरी 2005 में हुई थी हत्या

आपको बता दें इलाहाबाद पश्चिमी से बसपा के विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी इस हत्याकांड के बाद पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हुए थे. तत्कालीन विधायक राजू पाल के साथ दो अन्य देवी पाल व संदीप यादव की भी गोली लगने से मौत हो गई थी घटना के बाद. राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने थाना धूमनगंज में हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमें अतीक और उनके भाई के साथ अन्य को नामजद आरोपी बनाया गया था. 

पुलिस ने मामले की विवेचना के बाद 6 अप्रैल 2005 को आती उसके भाई अशरफ समेत कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था 12 दिसंबर 2008 को मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस पूरे मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया. सीबीआई की विवेचना के बाद 20 अगस्त 2019 को आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी जिसके बाद शुक्रवार को सीबीआई की अदालत ने अशरफ समेत छह आरोपियों पर आरोप तय किए.

माफिया के भाई को हराया चुनाव

आपको बता दें 2004 के लोकसभा चुनाव में फूलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद सांसद बन गए थे. इसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गई थी. इस सीट पर उपचुनाव हुआ. सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया था. मगर बसपा ने उसके सामने राजू पाल को खड़ा किया. और राजू ने अशरफ को हरा दिया. उपचुनाव में जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बने राजू पाल की कुछ महीने बाद 25 जनवरी, 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में सीधे तौर पर सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को आरोपी बनाया गया था. 

विधायक राजू पाल की जिस वक्त हत्या हुई उनकी शादी के चंद दिन हुए थे और पूजा पाल ने अपने पति को खो दिया लेकिन वह माफिया अतीक अहमद के आतंक से नहीं डरी और न्याय के लिए लड़ाई लड़ती रहीं. जिसके बाद अब इस हत्याकांड में अतीक के भाई अशरफ समेत 6 पर आरोप तय हो गए हैं. राजू पाल की हत्या के बाद बसपा ने पूजा पाल को अपना प्रत्याशी बनाया और वह चुनाव जीतकर विधायक बनी. हालांकि 2022 के चुनाव में पूजा पाल भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत कर विधायक बनीं हैं.

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