छानबे के विधायक राहुल प्रकाश कोलः राजनीति में नहीं आता तो वकालत करता
विधायक राहुल प्रकाश कोल ने कहाकि लोगों की सोच गलत है। उन्होंने कहा जो प्रत्याशी जनता के बीच में रहता है, जनता की सेवा करता है। उसके चुनाव में धनबल और बाहुबल काम नहीं आएगा। जनता के साथ किया गया संघर्ष ही चुनाव के दौरान काम आता है।
बृजेंद्र दुबे
मीरजापुर। छानबे विधानसभा के सबसे कम उम्र के युवा विधायक राहुल प्रकाश कोल सादगी के लिए पूरे जिले में चर्चित हैं। विधायक राहुल प्रकाश जिले के पटेहरा कलां तहसील मड़िहान के रहने वाले हैं। ये 2017 के विधानसभा चुनाव में अपना दल के टिकट पर छानबे विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। क्रिकेट खेलने में माहिर और सबसे सफल कप्तान भी कहे जाते हैं। इनको फील्डिंग सजाने में महारथ हासिल है।
राहुल प्रकाश कोल एलएलबी तक शिक्षा ग्रहण कर अपने पिता को अपना गुरु मानते हुए उन्हीं के नक्शे कदम पर राजनीति के अखाड़े में कूद गए। आज अपना दल से सबसे कम उम्र के विधायक हैं।
विरासत में मिली राजनीति
विधायक ने बताया कि राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। उन्होंने बताया कि पिताजी और माताजी ने दलितों, शोषितों, वंचितों मजदूरों की लड़ाई लड़ी। इसी को लेकर पिताजी आगे बढ़े थे।
वह कहते हैं कि पिताजी से प्रेरणा मिली जिस कारण हमारे मन में भी जिज्ञासा उत्पन्न हुई। इसलिए हमने राजनीति में आने का फैसला किया।
उन्होंने बतायाकि पिताजी पकौड़ी लाल कोल जो वर्तमान में अपना दल के टिकट से लोकसभा राबर्ट्सगंज संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं। माता पार्वती पूर्व ब्लॉक प्रमुख रही हैं। इसके पहले कई बार पिताजी सपा के टिकट से सांसद रह चुके हैं।
राजनीति में नहीं आते तब क्या करते
राहुल प्रकाश कोल ने बताया कि मेरी शिक्षा दीक्षा के समय हमारा परिवार बहुत विपरीत परिस्थितियों से गुजरा है। हम बहुत गरीब आदिवासी परिवार से आते हैं।
वह बताते हैं, जब हम जूनियर हाईस्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे तब हमारे पिता जी के पास किताब खरीदने के भी पैसे नही होते थे। बहुत संघर्ष करके वकालत की पढ़ाई की। अगर हम राजनीति में नहीं आते तो हम सरकारी नौकरी नहीं करते। हम वकालत करके अपने परिवार की आजीविका चलाते।
साथ ही साथ समाज में पीड़ितों की मदद वकालत के जरिये करते। मेरा मुख्य उद्देश्य समाज सेवा से जुड़ा है।
महंगे चुनाव पर विधायक की राय
विधायक राहुल प्रकाश कोल ने कहाकि लोगों की सोच गलत है। उन्होंने कहा जो प्रत्याशी जनता के बीच में रहता है, जनता की सेवा करता है। उसके चुनाव में धनबल और बाहुबल काम नहीं आएगा। जनता के साथ किया गया संघर्ष ही चुनाव के दौरान काम आता है।
उन्होंने यह भी कहाकि धनबल वाले लोग महानगरों से आते हैं, जनता को धनबल और बाहुबल से अपनी तरफ करने की कोशिश करते हैं। लेकिन जनता तो सब जानती है। वह अपना प्रतिनिधि अपने मन से चुनती है। पैसे वाले बड़े बड़े लोगों ने चुनाव को महंगा कर दिया है।
चुनाव सुधार के लिए राय
जनता को पूर्ण रूप से छूट दी जानी चाहिए, धनबल और बाहुबल पर रोक लगनी चाहिए। जब धनबल और बाहुबल पर रोक लगेगी, तभी निश्चित रूप से जनता लोकतंत्र में अपने मताधिकार का सही रूप से प्रयोग करके अपना जनप्रतिनिधि चुन सकेगी।
लोगों की अपेक्षाएं क्या हैं
जब लोग अपनी अपेक्षा को लेकर हमसे मिलते हैं तो हमें तकलीफ नहीं होती, हम अपना सौभाग्य समझते हैं। जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए ही तो हम जनता के बीच रहते हैं। जनता हमारे पास अपनी जरूरतें लेकर आती है। जनता बिजली, पानी, सड़क, विवाद जैसे सभी मुद्दों को लेकर आती है। जिसको हम पूरी ईमानदारी और निष्ठा से जनता की जरूरतों को हल करने का प्रयास करते हैं। जनता से मिलकर हमें खुशी की अनुभूति होती है।
अपेक्षा क्या है
जनता हमारे लिए देवतुल्य है। जनता ने हमें सबसे कम उम्र में ऐसे पद पर बिठा कर प्रदेश के सदन तक पहुंचाया। जनता हमारे पास आती है तो हम जनता से लिखित रूप से समस्या लेते हैं, ताकि हम जनता की समस्या का निदान कर सकें। हम जनता के बहुत शुक्रगुजार हैं।
जीवन का सबसे खुशी का पल
विधायक ने बताया कि उनके जीवन का सबसे खुशी का पल वह होता है। जब किसी गरीब, मजदूर दलित, शोषित, वंचित, की मदद करते हैं।
बीमार व्यक्ति की अच्छे अस्पताल में दवा करवाते हैं। भूखे को भोजन की व्यवस्था करते हैं। जब हम किसी मजबूर व्यक्ति की बेटी की शादी में मदद करते हैं। वह पल हमारे जीवन का सबसे खुशी का पल होता है।
सबसे दुख का पल
कोल ने बताया कि जब हम किसी कार्य से दिल्ली या लखनऊ चले जाते और अपने क्षेत्र की जनता से नहीं मिल पाते। वह पल हमारे सबसे दुख का होता है। क्योकि हमारी प्रवृत्ति है जब हम जिले में रहते हैं हम अपने क्षेत्र की जनता से सुबह से लेकर दोपहर तक उनकी समस्या सुनते है। उसका निदान करते है।
जब हम अपने क्षेत्र की जनता की समस्याओं को नही सुन पाते और उसका निदान नही कर पाते तो वह हमारे जीवन का सबसे दुख का पल होता है।
राजनीति के बाद का समय
विधायक राहुल प्रकाश कोल ने बताया कि जब राजनीति से समय मिलेगा तो हम अपना ज्यादा से ज्यादा समय खेल में बिताना चाहेंगे। वह कहते हैं कि मै छात्र जीवन से ही क्रिकेट का खिलाड़ी रहा हूँ। हमें जब भी मौका मिलता है तो हम अपने दोस्तों के साथ अपने गाँव मे क्रिकेट खेलते हैं। राजनीति के बाद अपना ज्यादा समय खेल में बिताना चाहूंगा।
दलों में लोकतंत्र कायम है क्या
यह देश लोकतंत्र पर आधारित है। बाबा भीमराव अंबेडकर ने जब संविधान की रचना की थी। तभी उन्होंने सपना देखा था। जिसमें सामान्य, पिछड़े, अनुसूचित जाति के लोग एक समान चाल से चल रहे हैं। सबको एक नजर से सब देख रहे हैं।
लेकिन कुछ लोग धनबल और बाहुबल का दुरुपयोग करके राजनीतिक दलों में अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहते हैं। लेकिन प्रदेश की योगी सरकार और देश की मोदी सरकार ने यह ठान लिया है कि ऐसे लोगों की अब नहीं चलेगी।
विधायक के तौर पर उपलब्धियाँ
उन्होंने बताया कि सबसे पहले हमने क्षेत्र के तीनों ब्लाकों में सड़क बनवाने के क्षेत्र में बहुत काम किया है। जिसमें लालगंज से कलवारी मार्ग, शीतला मंदिर से मध्यप्रदेश बार्डर की सड़क, इलाहाबाद के मांडा रोड से मीरजापुर की सड़क, हालिया से मनिगढ़ा वाली सड़कों को दुरुस्त करवाया है।
सिचाई के क्षेत्र में घोरी माइनर की रिमाडलिंग कराकर, रानीबारी में सात करोड़ की लागत से तैयार करवाया। खम्हरिया में बाण सागर से लिंकअप कराकर, उपरौध में भी बाण सागर से लिंकअप कराया।
खेतों में पानी पहुंचाकर मिली खुशी
कोल कहते हैं कि बरौधा रजबहा, थोथा नहर, यह सभी प्रमुख कार्य करके अपने विधानसभा की जनता के लिए सिंचाई की व्यवस्था का जाल बिछाकर किसानों के खेत में पानी पहुँचाकर हमें खुशी मिली है। कोटा घाट का पुल, नौगांव में पावर हाउस, देवरी के पास में स्वास्थ्य केंद्र, फायर स्टेशन ,पच्चीस हजार मीट्रिक टन का गोदाम, यह कार्य किये गए हैं।
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पहले के जनप्रतिनिधि केवल भाषण में कार्य करते थे लेकिन आज हमने जमीन पर करके दिखाया है। यह सारे बड़े कार्य हैं, छोटे छोटे तमाम कार्य पुल, सम्पर्क मार्ग आदि लगातार हो रहे है।
जो कार्य छूट गया हो किसी कारण से
वह कहते हैं कि सरकार ने विद्युतीकरण का कार्य, गैस, का कार्य प्रगति पर है। दलित आदिवासियों, भाइयो, बहनों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में एक राजकीय इंटर कालेज और एक राजकीय महाविद्यालय के लिए शासन से मांग करनी है। लेकिन अगले चुनाव से पहले शिक्षा के क्षेत्र में भी अपने दलित भाइयों के लिए कार्य करके रहूंगा।
विधायक निधि
विधायक ने बताया कि छोटे छोटे कार्यो को करने के लिए विधायक निधि बहुत कारगर साबित होती है। जिसकी मदद से छोटे छोटे गाँव की सड़कों की मरम्मत होती है। गाँव में छोटे छोटे पुलों का निर्माण किया जाता है। यह देवतुल्य जनता के लिए बहुत कारगर साबित होती है।
नौकरशाही के सवाल पर
राहुल प्रकाश कोल ने नौकरशाही को लेकर बताया कि नौकरशाही भी सरकार के अभिन्न अंग है। हम सरकार के प्रतिनिधि है। नौकरशाही सरकार के साथ तालमेल बनाकर कार्य करते है। नौकरशाही को लेकर एक एक शेर से समझाया कि
छोटे मन से कोई बड़ा नही हो सकता।
टूटे मन से कोई खड़ा नही हो सकता ।।
नौकरशाह हम जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर जनता की सेवा करते है।
मंडलीय अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की समस्या पर किये गए सवाल कि जिस जिले ने पांच विधायक, दो राज्यसभा सांसद, एक सांसद दिया हो उस जिले में एक भी रेडियोलॉजिस्ट नहीं है।
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विधायक ने बतायाकि यह जो आपकी चिंता है, हमारी भी है। हम लोग दो चार महीने में सभी विधायकों की सहमति से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष इस समस्या को रखेंगे और इसका निदान जरूर करेंगे। हमारे जिले की ग्रामीण जनता को अन्य जिलों में एक्सरे के लिए नहीं भटकना पड़ेगा।