फूलों की वर्षा संग छपिया महोत्सव का अनोखे अंदाज में आगाज, आनंदित हुए हरिभक्त
दुनिया भर में फैले स्वामी नारायण संप्रदाय के प्रणेता भगवान घनश्याम महाराज की जन्मस्थली श्री स्वामी नारायण तीर्थ धाम में शनिवार दोपहर बाद हेलीकाप्टर से 50 कुंतल पुष्प वर्षा के साथ नौ दिवसीय छपिया महोत्सव और कथा पारायण का शुभारंभ हुआ। आकाश से जब हेलीकॉप्टर ने तीर्थ धाम स्थल पर फूलों की वर्षा शुरू की तो हजारों की संख्या में मौजूद हरिभक्त आनंद के साथ नृत्य कर उठे।
गोंडा: दुनिया भर में फैले स्वामी नारायण संप्रदाय के प्रणेता भगवान घनश्याम महाराज की जन्मस्थली श्री स्वामी नारायण तीर्थ धाम में शनिवार दोपहर बाद हेलीकाप्टर से 50 कुंतल पुष्प वर्षा के साथ नौ दिवसीय छपिया महोत्सव और कथा पारायण का शुभारंभ हुआ। आकाश से जब हेलीकॉप्टर ने तीर्थ धाम स्थल पर फूलों की वर्षा शुरू की तो हजारों की संख्या में मौजूद हरिभक्त आनंद के साथ नृत्य कर उठे।
हरि धुन और स्वामी नारायण स्वामी नारायण के उद्घोष के साथ परंपरागत ढंग से पोथी यात्रा का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में गोरखपुर सांसद महंत योगी आदित्य नाथ, राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और गोंडा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह भी मौजूद रहे।
जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर स्वामी नारायण छपिया के परिसर में आसमान पर मंडराते हेलीकॉप्टर ने तीर्थ धाम के साथ नारायण सरोवर और महोत्सव स्थल पर भी पुष्प वर्षा की। महोत्सव के शुभारंभ से पहले पोथी यात्रा निकाली गई। देश के विभिन्न प्रदेशों के साथ विश्व के कई देशों से यहां पहुंचे हरिभक्तों के साथ पोथी यात्रा आधा किलोमीटर दूर महोत्सव स्थल के लिए गाजे-बाजे के साथ रवाना हुई।
मुख्य यजमान मुंबई के आशीष भाई रमेश चंद्र मानसेता का परिवार रहा। यात्रा के आगे बग्घी और उसके बाद मुख्य यजमान ने सिर पर श्री स्वामी नारायण के दिव्य जीवन चरित्र की श्रीमद् सत्संगी जीवन पोथी उठा रखी थी। हरि धुन और जयकारों के साथ पोथी यात्रा कथा स्थल पहुंची तो वहां फूलों की वर्षा के साथ स्वागत किया गया।
इसके साथ ही मुख्य अतिथि के रूप में पधारे सांसद आदित्य नाथ ने नौ दिवसीय कथा पारायण और छपिया महोत्सव का विधि विधान से शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि भगवान घनश्याम का पूरा जीवन अद्भभुत लीलाओं से परिपूर्ण रहा है। व्यास पीठ पर विराजे स्वामी नौ दिनों तक चलने वाली कथा पारायण के लिए गुजरात के सरधार से पधारे स्वामी नित्य स्वरूप दास जी यजमान पूजन के बाद व्यास पीठ पर विराजमान हुए।
मंदिर प्रशासन और संतों की ओर से उनका स्वागत किया गया। कथा शुभारंभ करते हुए स्वामी ने कहा कि भगवान घनश्याम की प्राक्ट्यभूमि पर आकर सुखद अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि बाल प्रभु की लीलाओं का वर्णन सौ वर्षों तक भी किया जाए तो संपूर्ण नहीं होगा।
घनश्याम महाराज की जन्मस्थली छपिया में धर्मदेव व भक्ति देवी के यहां 2 अप्रैल 1781 को भगवान घनश्याम महाराज का जन्म हुआ। तीन साल की उम्र में उनका मुंडन संस्कार कराया गया। बाद में माता-पिता उन्हें लेकर अयोध्या चले गए। उन्होंने वहीं अपने पिता से वेद शास्त्र, पुराण तथा अन्य धर्म ग्रंथों का अध्ययन किया। माता-पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने 11 साल की उम्र में ही घर छोड़ दिया। बाद में वह हिमालय, कन्याकुमारी सहित अन्य स्थलों का भ्रमण करते हुए गुजरात पहुंचे। यहां पर रहकर उन्होंने लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। बाद में उन्होंने स्वामी नारायण संप्रदाय का प्रचार किया।
महोत्सव में जुटे वीआइपी और देश दुनिया के श्रद्धालु
नौ दिवसीय छपिया महोत्सव के शुभारंभ के बाद शनिवार को शाम पांच बजे से कथा शुरु हुई। यह कथा 6 से 12 नवंबर तक प्रतिदिन सुबह 9 बजे से 12 बजे तक तथा दोपहर में तीन बजे से शाम छह बजे तक होगी। 13 नवंबर को मध्यान्ह 12 बजे महोत्सव का समापन होगा। नौ दिवसीय छपिया महोत्सव में अयोध्या से संतों की टोली के साथ ही कई वीआइपी भी आमंत्रित किए गए हैं। इसके लिए हेलीपैड सहित अन्य प्रबंध किए गए हैं। महोत्सव में गुजरात सरकार के कई मंत्री व अन्य वीआइपी शामिल होगें। महोत्सव में केंद्र व प्रदेश सरकार के मंत्रियों को बुलाया गया है। इसके अलावा कई अन्य वीआइपी भी महोत्सव में शिरकत करेंगे।
इनके ठहरने के लिए यहां पर 100 कक्ष बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त 600 अन्य ठहरने का पंडाल बना है, जहां श्रद्धालुओं को ठहराया जाएगा। महोत्सव में करीब 50 हजार श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है। यहां पर उनके निवास के इंतजाम किए गए हैं। महोत्सव में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बंगलुरु से भी श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया है। महोत्सव में 50 हजार श्रद्धालुओं के रूकने का प्रबंध किया गया है।
आने जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो, इसके लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। हेलीपैड स्थल का निर्माण भी कराया गया है। रेलवे स्टेशन से लेकर मंदिर तक जाने वाले मार्ग पर भी इंतजाम किए गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। महोत्सव परिसर को भव्य तरीके से सजाया गया है। आने वाले हरिभक्तों के ठहरने के लिए व्यवस्था की गई है।
सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
कार्यक्रम के व्यवस्थापक सरयू भगत जी ने बताया कि भक्तों को ठहरने के लिए चार सौ कमरों की व्यवस्था कराई गई है। छपिया महोत्सव को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। महोत्सव में सुरक्षा व्यवस्था के लिए तीन मजिस्ट्रेट, तीन सीओ, तीन निरीक्षक, 50 दारोगा, छह थाना प्रभारी, 164 कांस्टेबिल, 37 महिला सिपाही व एक कंपनी पीएसी लगाई गई है। पूरे कार्यक्रम की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने भी स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती की है। इन्हें प्राथमिक उपचार की सुविधा से लैस किया गया है।
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