UP Chhath Puja 2022: उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हुआ महापर्व, नदी घाटों व तालाबों पर उमड़ा आस्था का सैलाब

UP Chhath Puja 2022: सुबह 4 बजे से ही घाटों पर श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो गए थे। घाट दियो के प्रकाश से जगमगा रहा था।

Report :  Syed Raza
Update: 2022-10-31 02:52 GMT

महापर्व छठ (photo; social media ) 

UP Chhath Puja 2022: लोक आस्था का महापर्व छठ का 4 दिवसीय अनुष्ठान आज उगते सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न हो गया। सुबह से ही पश्चिमी वाहिनी बलुआ घाट,टांडा घाट व नौगढ़ बाजार के दुर्गा मंदिर स्थित तलाब पर बने घाट पर श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो गए।साथ ही घाट पर छठ मइया के गीत गूंजने लगे।घाट पर जाकर व्रतियों ने सूर्य देव को दूसरा अर्घ्यी दे कर अपने संतान की लंबी आयु के साथ-साथ अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना की।

घाटों पर रही रौनक

सुबह अर्घ्यत के समय घाटों पर काफी रौनक रही। सुबह 4 बजे से ही घाटों पर श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो गए थे। घाट दियो के प्रकाश से जगमगा रहा था।महिलाओं के साथ पुरुष पूजन सामग्री की टोकरी सर पर लिए दिखाई दिए।पानी में खड़े होकर महिलाओं ने सूर्य की आराधना की।प्रकृति पूजन के महापर्व छठ के अवसर पर पूरे लोगों के बीच धार्मिक श्रद्धा और उत्साह का माहौल देखने को मिला।इस दौरान छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे।

बाघी (नौगढ़)के ग्राम प्रधान नीलम ओहरी व समाज सेवी आशीष कुमार उर्फ दीपक गुप्ता द्वारा घाट व मेला परिसर में साज सज्जा कराया गया।सुरक्षा की दृष्टि छठ घाट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम दिखे।साथ ही घाटों पर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। जिससे किसी भी प्रकार की घटना या दुर्घटना न हो सके। घाट पर पुलिस एवं पीएसी बल के जवानों की तैनाती की गई थी।इसके साथ ही उप जिलाधिकारी डा. अतुल गुप्ता मौके पर मौजूद रहे।प्रभारी निरीक्षक दीन दयाल पांडेय के नेतृत्व में उप निरीक्षक अनन्त कुमार भार्गव मय फोर्स मेला परिसर में चक्रमण करते रहे।जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े और वह सुरक्षित पूजा अर्चना करके लौट जाए।छठ का महापर्व 28 नवंबर को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ था। दूसरे दिन खरना पर गुड़ की खीर बनाई गई और तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। आखिरी दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पर्व संपन्न हो गया।इस मौके पर पूर्व बाघी ग्राम पंचायत के प्रधान नीलम ओहरी,समाजसेवी आशीष कुमार उर्फ दीपक ,पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष डा.आनन्द कुमार गुप्ता,प्रदीप केशरी,अयोध्या गुप्ता, पंकज मद्धेशिया, जिलाजित यादव, बाबूलाल यादव मौजूद रहे।

उगते सूरज को अर्घ्य 

Prayagraj: संगम में हजारों सुहागिनों ने दिया उगते सूरज को अर्घ्य

सूर्य उपासना के सबसे बड़े पर्व डाला छठ पर संगम नगरी में भी श्रधालुओ का सैलाब उमड़ पड़ा। प्रयाग में सूर्य भगवान् अपने पूरे परिवार के साथ विद्यमान है, जिसके चलते छठ में यहा स्नानं और पूजा अर्चन का विशेष महत्त्व है। डाला छठ पर प्रयागराज में गंगा यमुना किनारे आस्था का सैलाब उमड़ा सुबह 4 बजे से ही सुहागिनों और उनके परिजन घाट पर पहुंचे। व्रत वाली महिलाएं छठ गीत गाकर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त हुआ। दूर दूर से आए श्रद्धालु रात से ही त्रिवेणी संगम घाट पर वेदी बनाकर बैठे हुए थे।

आज छठ पूजा का चौथा और आखिरी दिन है उगते सूरज की पहली किरण धरती पर पड़ी तो सूर्य देव को अर्घ्य देने का सिलसिला शुरू हो गया अर्ध्य के बाद व्रती महिलाओं ने पारण किया इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत संपन्न हुआ। आज अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त 6:05 का था ।पिछले शनिवार से ही संगम नगरी का माहौल भक्तिमय हो चुका था संगम और बलुआघाट पर सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पहुंचकर शनिवार को खरना मनाया घाटों पर छठ गीत बज रहे हैं और जो माहौल को भक्तिमय बना रहे थे प्रयागराज की यमुना किनारे और संगम में यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी पर रविवार की सुबह से ही उत्साह भक्ति भाव से ओतप्रोत दिखा। गंगा में स्नान के बाद व्रती महिलाओं ने सूर्य देव को अर्घ्य दिया ।

इससे पहले रविवार देर शाम महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखकर शाम को गंगा और यमुना घाट पर आकर अस्ताचल (डूबते) सूर्य को अर्घ्यथ दिया। संगम पर महिलाओ ने चारों ओर गन्ने का मंडप बनाया। उसके अंदर बैठकर पूजन करने के बाद मांगलिक गीत गाये गए। जिसके बाद महिलाओं ने पूजा पाठ किया और आखिर में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। प्रयाग को सूर्य क्षेत्र माना गया है, जहा सूर्य की पुत्री खुद यमुना और सूर्य देवता विद्यामान है। जिसके चलते इस क्षेत्र में त्रिवेणी के जल से डूबता और उगते सूर्य को अर्घ्य देने का मौक़ा भाग्यवान सुहागिनों को ही मिलता है। महिलाएं अपने सुहाग और पुत्र की लम्बी उमर की कामना करती हैं। संगम पर अर्घ्य देने के बाद निर्जला वृत्त रखने वाली ये सुहागिने घर वापस आकर व्रत का पारण करेंगी। अर्घ्य की तैयारिया संगम नगरी प्रयागराज में दो दिन पहले से ही शुरू हो गई थी।

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