लखनऊ: सीएम अखिलेश यादव 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कन्नौज से मैदान में उतर सकते हैं। सीएम ने यहीं से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की थी। देखा जाए तो सपा परिवार के सदस्य व उनसे जुड़े लोगों का ही इटावा, मैनपुरी, एटा, आजमगढ़ और फिरोजाबाद इलाके की विधानसभा सीटों पर कब्जा है। सीएम की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज से सांसद हैं।
ऐसे में सीएम के लिए कन्नौज से चुनाव मैदान में उतरना मुफीद साबित होगा। इसी को देखते हुए सपा के अंदरखाने में अखिलेश को कन्नौज से चुनाव मैदान में उतारने की आवाज जोर पकड़ रही है।
यह भी पढ़ें... अखिलेश कन्नौज में परफ्यूम पार्क समेत 150 योजनाओं का किया शिलान्यास
कन्नौज के विकास के लिए खोला खजाना
-सीएम अखिलेश यादव ने अभी बीते दिनों इत्र के लिए मशहूर कन्नौज की खुशबू को अन्तरराष्ट्रीय फलक तक पहुंचाने के लिए इंटरनेशनल परफ्यूम म्यूजियम एवं परफ्यूम पार्क का शिलान्यास किया।
-सीएम ने बडनपुर वीरहार ठठिया क्षेत्र में एक लाख लीटर की क्षमता के डेयरी प्लांट की आधारशिला रखी।
-116456. 59 लाख की 106 परियोजनाओं का शिलान्यास और 150 परियोजनाओं का लोकार्पण किया था।
यह भी पढ़ें...अपर्णा के बाद अब आदित्य-अनुराग की बारी, जल्द उतरेंगे चुनावी मैदान में
अखिलेश का यह पहला विधानसभा चुनाव होगा
-मौजूदा समय में अखिलेश विधानपरिषद सदस्य हैं और मई 2018 तक उनका कार्यकाल है।
-सीएम अखिलेश 2017 के विधानसभा चुनाव में उतरते हैं तो यह उनका पहला विधानसभा चुनाव होगा। जो वह बतौर प्रत्याशी लड़ेंगे।
कन्नौज की नजदीकी सीटों पर भी पड़ेगा प्रभाव
-यह भी तर्क दिए जा रहे हैं कि यदि सीएम कन्नौज से चुनाव लड़ते हैं तो इसका प्रभाव कन्नौज के आस-पास के जिलों की सीटों पर भी पड़ेगा।
-चुनाव में इसके बेहतर परिणाम आ सकते हैं।
अखिलेश ने कन्नौज से ही शुरू किया था सियासी सफर
-आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने कन्नौज से ही अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी।
-वर्ष 2000 का समय था और उन्होंने वहां से लोकसभा का उपचुनाव लड़ा था।
-कन्नौज कई मायनों में खास सीट है। समाजवादी विचारधारा के पुरोधा डा. राम मनोहर लोहिया यहीं से सांसद रहे।
-इसके अलावा पहले अखिलेश और अब डिंपल के यहां से सांसद चुने जाने के बाद से चुनावी समीकरणों के लिहाज से कन्नौज एक अहम सीट मानी जाती है।