लखनऊ: सूबे के मण्डलों और जिलों में तैनात कमिश्नर, डीआईजी, डीएम और एसपी को घटनाओं पर समय से एक्शन लेना होगा। ऐसा न करने पर अफसरों की जिम्मेदारी नियत होगी और उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव आलोक रंजन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सूबे के प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्य सचिव ने समय से आख्या न देने पर जताई नाराजगी
इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि उन्होंने पूर्व में निर्देश दिए थे कि भूमि विवाद के संबंध में राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा की गई कार्यवाई की आख्या दी जाएगी। इसके बावजूद निर्धारित प्रोफार्मा पर आख्या नहीं दी गई। इसको लेकर चीफ सेक्रेटरी ने अफसरों से नाराजगी जताते हुए कहा कि लम्बित भूमि विवादों के निस्तारण के लिए गठित संयुक्त टीम द्वारा आगामी 1 माह में आख्या भेजनी होगी। पुलिस अधिकारियों के साथ मुख्य सचिव अलोक रंजन
मुख्य सचिव ने कहा
-शांति समिति की बैठकें नियमित हों।
हर्ष फायरिंग की घटनाओं पर रोक लगाई जाए।
-एक माह में फिर होगी कानून-व्यवस्था की समीक्षा।
-जनपदों में तैनात वरिष्ठ अधिकारी अपनी कार्यशैली में लाए और सुधार नहीं तो होंगे निलम्बित।
-आॅपरेशन इस्माइल अभियान चलाकर खोये हुये बच्चों को उनके अभिभावकों को सुपुर्द कराएं।
-महिलाओं एवं नाबालिग बच्चों के विरुद्ध यौन उत्पीड़न की न हों घटनाएं।
- गर्ल्स काॅलेजों के नजदीक महिला पुलिस तैनात करने के साथ हो पेट्रोलिंग।
- संदिग्ध व्यक्तियों और चौराहों व पान की दुकानों पर खड़े रहने वाले अराजक तत्वों पर लगे अंकुश।
-सोशल मीडिया पर चल रही आपत्तिजनक गतिविधियों पर रखें नजर।
-थानेवार त्योहार रजिस्टरों को अपडेट करें।
-शिकायतकर्ता को अपनी समस्या के समाधान के लिए लखनऊ न आना पड़े।