गोरखपुर सांप्रदायिक दंगा: मुख्य सचिव HC में हाजिर, कहा- सरकार ने नहीं की अभियोजन की संस्तुति
इलाहाबाद: गोरखपुर सांप्रदायिक दंगा मामले में हाईकोर्ट के निर्देश पर गुरुवार (11 मई) को मुख्य सचिव राहुल भटनागर कोर्ट में हाजिर हुए। गोरखपुर में 2007 में हुए दंगे के आरोपियों के खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति देने के मामले में महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि विधि परामर्शी की राय लेकर प्रमुख सचिव गृह ने अभियोजन की संस्तुति देने से इंकार कर दिया है।
इस पर कोर्ट ने याची को याचिका संशोधित कर राज्य सरकार के निर्णय की चुनौती के लिए 10 दिन का समय दिया। साथ ही सरकार द्वारा दाखिल हलफनामे का जवाब मांगा है। कोर्ट ने राज्य सरकार को भी याची के पूरक हलफनामे का जवाब दाखिल करने का समय दिया। कोर्ट ने भविष्य में मुख्य सचिव की हाजिरी माफ करते हुए अगली सुनवाई की तिथि 7 जुलाई निश्चित की है।
अभियोग चलाने की मांगी थी संस्तुति
यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा तथा न्यायमूर्ति यूसी श्रीवास्तव की खण्डपीठ ने परवेज परवाज की याचिका पर दिया है। महाधिवक्ता ने बताया कि 3 मई को अभियोग चलाने की संस्तुति देने से प्रमुख सचिव ने इंकार कर दिया है। 13 अक्टूबर 2014 को फॉरेंसिक जांच के लिए दिल्ली लैब में भेजी गई थी। पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। बाद में जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई। जांच पूरी होने के बाद राज्य सरकार से अभियोग चलाने की संस्तुति मांगी गई थी।
योगी आदित्यनाथ हैं आरोपी
राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह के अलावा अपर महाधिवक्ता विनोदकांत ने कोर्ट में सरकार का पक्ष रखा। मुख्य सचिव के साथ कोर्ट में प्रमुख सचिव विधि रंगनाथ पाण्डेय, प्रमुख सचिव गृह डीके पांडा व अन्य अधिकारी मौजूद थे। क्योंकि राज्य सरकार ने इस मामले में अभियोग चलाने की संस्तुति देने से इंकार कर दिया है। इस पर कोर्ट ने इस आदेश को चुनौती देने का याची को समय दिया। दंगे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मेयर मंजू चौधरी व विधायक राधामोहन अग्रवाल सहित अन्य को आरोपी बनाया गया है।