चिन्मयानंद की अब इस मामले में बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने सुनाया ये आदेश
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री चिन्मयानंद की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। लॉ की छात्रा के साथ यौन शोषण केस में चिन्मयानंद को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है।
नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री चिन्मयानंद की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। लॉ की छात्रा के साथ यौन शोषण केस में चिन्मयानंद को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है।
कोर्ट ने चिन्मयानंद को पीड़ित छात्रा के बयान की सत्यापित प्रति मुहैया कराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। बताते चले कि सुप्रीम कोर्ट ने सात नवंबर को निचली अदालत को आदेश दिया था कि वो पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को पीड़ित महिला के बयान की प्रति मुहैया कराए। जिसमें उसने चिन्मयानंद पर रेप के आरोप लगाए थे।
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छात्रा ने सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
हाईकोर्ट के आदेश को छात्रा ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यू.यू ललित और जस्टिस विनीत शरण की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस मामले में जवाब तलब किया।
उधर, शाहजहांपुर में पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग के आरोपित भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री एवं जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) चेयरमैन डीपीएस राठौर और भाजयुमो के पूर्व जिला महामंत्री अजीत सिंह को जिला अदालत ने समन जारी कर दिए हैं।
रिसीव होने की स्थिति में 19 नवंबर को ब्लैकमेलिंग के अन्य आरोपितों के साथ उनकी पेशी होगी। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष जेपीएस राठौर के भाई डीपीएस राठौर और अजीत सिंह का नाम विशेष जांच दल (एसआइटी) ने चार्जशीट में शामिल किया था।
चूंकि दोनों की गिरफ्तारी नहीं हुई थी, ऐसे में कोर्ट की ओर से समन जारी होने थे। बताया जाता है दोनों के समन जारी कर दिए गए हैं। हालांकि शुक्रवार को एसएसपी कार्यालय की समन सेल में नहीं पहुंचे, माना जा रहा है कि शनिवार को वहां समन पहुंच जाएंगे। जिसके बाद आरोपित नेताओं के पास भेजे जाएंगे।
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