कभी थी सूबे के मोस्ट वांटेड डकैत की प्रेमिका और अब......

जंगल में बागी जीवन बिताने वाले ये डकैत अपनी हवस पूरी करने जंगल से सटे गांव या अपने शरणस्थली की महिलाओ को शिकार बनाते हैं। डाकुओं के साथ हम बिस्तर हुई महिलाओं को सामाजिक यातनाओं का शिकार होना पड़ता है।

Update: 2019-11-24 12:21 GMT

अनुज हनुमत

चित्रकूट: पाठा क्षेत्र को डाकुओं की जन्मस्थली कहें तो गलत न होगा। ददुआ, ठोकिया, राधे, रागिया, बलखडिया, गोप्पा, हरिश्चंद पटेल, महेन्द्र पासी उर्फ धोनी जैसे कई डकैत पैदा हुए और मारे गए। इसी कड़ी में दुर्दांत डाकू बबली कोल और लवलेश कोल के साथ ही गौरी यादव का भी नाम शामिल हैं।

डाकुओं के कारण बदनाम हुई महिलायें सामाजिक तिरस्कार का होती हैं शिकार

जंगल में बागी जीवन बिताने वाले ये डकैत अपनी हवस पूरी करने जंगल से सटे गांव या अपने शरणस्थली की महिलाओ को शिकार बनाते हैं। डाकुओं के साथ हम बिस्तर हुई महिलाओं को सामाजिक यातनाओं का शिकार होना पड़ता है। शायद यही वजह है कि डाकुओं के हवस का शिकार हुई महिलायें उनकी रखैल बन कर रह जाती हैं।

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एक डाकू से दूसरे डाकू के बाहों की शोभा बढ़ाने लगती हैं। उन्ही में से एक महिला गुडिया है, जो गौरी यादव, हरिश्चंद पटेल के बाहों की शोभा बढ़ाने के बाद खुंखार डाकू बबली कोल की बाहों में आ गई। बबली कोल से उसने एक लड़की को जन्म दिया। लड़की की भविष्य और परवरिश की चिंता गुडिया को सताने लगी।

गुडिया ने कई बार बबली कोल को सरेंडर होने के लिए कहा था

इस बीच एमपी यूपी पुलिस ने उसे कई बार गिरोह पर दबाव बनाने के लिए जेल भी भेजा। तंग जिंदगी से गुडिया ने कई बार बबली कोल को सरेंडर होने के लिए कहा। लेकिन उसका कहना था कि जिंदगी भर सलाखों के पीछे रहने से अच्छा है जंगल में खुले शेर की तरह रहना।

गुडिया ने उसके राइटहैड डाकू लवलेश कोल से सरेंडर होने के लिए कहा लेकिन वो भी बात नहीं माना तो उसने कहा कि मारे जाओगे और दस दिन के अंदर ही गिरोह के सदस्यों ने बबली संग लवलेश कोल को यूपी के जंगल में गोलियों से छलनी कर दिए। जिसकी लाश एमपी पुलिस घसीट कर अपने सीमा में लाई और एनकाउन्टर की कहानी रच दी।

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बबली कोल के मारे जाने की खबर लगते ही गुडिया पर मानो पहाड़ गिर पड़ा।बच्ची की परवरिश और भूख की आग ने उसे मजदूरी करने के लिए धकेल दिया।

और फिर गुडिया को रीवा की बहू बना कर ले आये

इसी बीच एक नेक इंसान से उसका मेल हुआ। दोनों को जिंदगी के सफर में एक दूसरे की जरूरत थी। मंदिर में भगवान को साक्षी मानकर एक दूसरे संग सुख दुःख में साथ देने की कसम खाई और गुडिया को रीवा की बहू बना कर ले आये।

इसकी भनक गुपचुप तरीके से कुछ लोगो को लगी । गोपनीय तरीके से शादी की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो गई और देखते ही देखते ये खबर यूपी और एमपी में आग की तरह फैल गई। फिलहाल इस मामले पर समाज मे अलग अलग राय है और वहीं पुलिस प्रशासन कुछ भी बोलने से बच रहा है।

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आपको बता दें कि गुड़िया के ऊपर भी यूपी और एमपी में कई केस दर्ज हैं । लेकिन उसने बीहड़ की खौफनाक दुनिया से निकलकर सादी जिंदगी बिताने का फैसला किया है ।

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