Chitrakoot: कहां है मंदाकिनी, गंदगी का नाला बनी नदी का पानी न पीने योग्य न ही आचमन
Chitrakoot: चित्रकूट सती के तपोबल से उद्गम हुई मंदाकिनी नदी आज बदहाली के आंसू बहा रही है। मंदाकिनी नदी पूरी तरह से गंदगी में तब्दील हो गई है। इसका पानी भगवान के चढ़ाने और आचमन करने योग्य नहीं बचा है।
Chitrakoot: चित्रकूट सती के तपोबल से उद्गम हुई मंदाकिनी नदी आज बदहाली के आंसू बहा रही है। यह वही मंदाकिनी नदी (Mandakini River) है, जिसमें भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम पत्नी सीता भाई लक्ष्मण के साथ 11 वर्ष 11 महीना 11 दिन चित्रकूट में रहकर नित्य प्रतिदिन स्नान किए। राष्ट्रीय कवि तुलसीदास (Poet Tulsidas) ने रामचरितमानस की रचना मंदाकिनी के किनारे की। यही मंदाकिनी किनारे तुलसीदास (Poet Tulsidas) को भगवान राम के दर्शन हुए थे।
पूरी तरह से गंदगी में तब्दील हो गई मंदाकिनी नदी
प्रधान संघ की पूर्व जिला अध्यक्ष दिव्या त्रिपाठी (Former District President Divya Tripathi) ने बताया कि मंदाकिनी नदी (Mandakini River) पूरी तरह से गंदगी में तब्दील हो गई है। इसका पानी भगवान के चढ़ाने और आचमन करने योग्य नहीं बचा है। पाप ढकनी मंदाकिनी नदी (Mandakini River) का लोग आज मन करते हैं, लेकिन 10 बार मंदाकिनी के पानी को देखते हैं। उन्होंने कहा कि अगर यही हाल मंदाकिनी नदी का रहा तो जल्द ही मंदाकिनी नदी (Mandakini River) का चित्रकूट से अस्तित्व मिट जाएगा। इसके साफ सफाई के लिए शासन-प्रशासन ही नहीं आम जन मानस को आगे आकर मंदाकिनी को बचाना चाहिए। मंदाकिनी नदी (Mandakini River) और कामतानाथ चित्रकूट की पहचान है। यहां के नागरिकों को अपनी पहचान के प्रति सजग होना चाहिए।
कामतानाथ पर्वत की प्रत्येक रविवार को करते हैं सफाई
स्वच्छता समिति कामतानाथ पर्वत की सदस्य अंजू गुप्ता ने कहा कि जिस तरह कामतानाथ पर्वत में गंदगी का अंबार लगा हुआ था। हम लोग समिति बनाकर कामतानाथ पर्वत की प्रत्येक रविवार साफ सफाई करते हैं। हमें देखकर वहां के स्थानीय लोग भी श्रमदान करने के लिए तैयार हो जाते हैं। इसी तरह मंदाकिनी नदी के लिए जिला अधिकारी को एक समिति का गठन करना चाहिए, ताकि लोगों में जागरूकता आए और वह भी श्रमदान करें। लेकिन प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
मंदाकिनी नदी की सफाई के लिए रोकने होंगे गंदे नाले
मंदाकिनी नदी की सफाई के साथ-साथ उसमें गिर रहे गंदे नालों को रोकना बहुत आवश्यक है। मध्य प्रदेश क्षेत्र के 17 नाले सीधे मंदाकिनी पर गिर रहे हैं। उत्तर प्रदेश क्षेत्र के 25 गंदे नाले सीधे मंदाकिनी नदी (Mandakini River) पर गिर रहे हैं। जिसके लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है।
जनता से की अपील
अंजू गुप्ता ने चित्रकूट की जनता जनार्दन से अपील करते हुए कहा कि मंदाकिनी तो चित्रकूट के सभी नागरिकों को सामने होकर इसकी रक्षा करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश शासन द्वारा करोड़ों रुपए मंदाकिनी पर खर्च कर दिया गया लेकिन उसकी हालत जस की तस दिख रही है। इसके जिम्मेदार स्थानी लोग हैं जो सीधे नाला मंदाकिनी नदी (Mandakini River) में प्रवाहित करते हैं। मंदाकिनी नदी को मां कहने वाले मां के ऊपर सीधे गंदे नाले डाल रहे हैं। जो नदी का जल लोग दूर-दराज से आकर अपने घर आचमन के लिए ले जाते हैं।
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