Chitrakoot News: जनसुनवाई के दौरान DM को मिली अवैध कब्जा करने की शिकायत, तत्काल लेखपाल को निलंबित करने के दिए आदेश

Chitrakoot News: सोमवार को जन सुनवाई के दौरान डीएम अभिषेक आनंद को सरकारी जमीन में कब्जा होने की शिकायत मिली तो वह अफसरों के साथ मौके पर पहुंच गए।

Update: 2022-09-05 13:25 GMT

DM को मिली अवैध कब्जा करने की शिकायत

Chitrakoot News: धर्मनगरी व उसके आसपास करोडों की कीमत की सरकारी जमीनों में अवैध कब्जे के खिलाफ जिला प्रशासन का अभियान शुरु हो गया है। सोमवार को जन सुनवाई के दौरान डीएम अभिषेक आनंद (DM Abhishek Anand) को सीतापुर ग्रामीण स्थित रामघाट फूड प्लाजा के पास सरकारी जमीन में कब्जा होने की शिकायत मिली तो वह अफसरों के साथ मौके पर पहुंच गए। अभिलेखों में देखा तो जमीन सरकारी तौर पर दर्ज पाई गई। जबकि मौके पर लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। जिस पर डीएम ने तत्काल लेखपाल को निलंबित करने के आदेश दिए। इसके साथ ही जमीन का सीमांकन कराने के लिए निर्देशित करते हुए कब्जा हटवाने को कहा।

सरकारी जमीनों में लोगों ने अवैध तरीके से किया कब्जा

सोमवार को कलेक्ट्रेट में डीएम अभिषेक आनंद (DM Abhishek Anand) जनसुनवाई कर रहे थे। इसी दौरान सीतापुर ग्रामीण निवासी राकेश कुमार व द्वारिका प्रसाद पहुंचे और प्रार्थना पत्र देकर बताया कि रामघाट फूड प्लाजा के अगल-बगल गाटा संख्या 1528 एवं 1558 समेत अन्य जगह सरकारी जमीनों में लोगों ने अवैध तरीके से कब्जा कर लिया है। डीएम ने मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल अपर एसडीएम राजबहादुर, तहसीलदार कर्वी राकेश पाठक व सीतापुर लेखपाल फूलचंद को लेकर मौके पर निरीक्षण के लिए पहुंचे।

लेखपाल फूलचंद को तत्काल निलंबित करने की संस्तुति प्रस्तुत करने के निर्देश

वहीं मौके पर ही निरीक्षण के दौरान डीएम ने अभिलेखों व नक्शे पर सरकारी जमीन का अवलोकन किया। जिस पर संबंधित जमीन नक्शे तथा खतौनी में सरकारी तौर पर दर्ज पाई गई। इस जमीन में लोगों ने अवैध तरीके से कब्जा कर लिया है। डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए तहसीलदार से कहा कि लेखपाल ने उनको पूर्व के निरीक्षण दौरान यह कभी अवगत नहीं कराया है कि यहां पर शासकीय जमीन उपलब्ध है। उन्होंने लेखपाल फूलचंद को तत्काल निलंबित करने की संस्तुति प्रस्तुत करने के निर्देश तहसीलदार को दिए। कहा कि इन जमीनों का तत्काल सीमांकन कराकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कराएं। प्रत्येक दशा में शासकीय जमीनों से जो अवैध कब्जे है, उनको तत्काल हटाया जाए। तहसीलदार से कहा कि धर्मनगरी के आसपास चितरा रोड़, बान तालाब, सीतापुर अस्पताल व खोही सहित कई प्रमुख स्थानों में जमीनों पर हो रही प्लाटिंग स्थलों की जांच कराई जाए। अगर कहीं पर सरकारी जमीनों में हेराफेरी कर कब्जा हुआ है तो उसे तत्काल खाली कराया जाए।

सरकारी जमीन में बन रहे थे भूखंड, प्रशासन रहा बेखबर

रामघाट फूड प्लाजा के अगल-बगल जिस सरकारी जमीन का निरीक्षण करने डीएम पहुंचे, उसमें जिम्मेदारों के रहमोकरम पर प्लाटिंग कर भूखंडों का निर्माण चल रहा था। प्रशासन इस कदर बेखबर रहा कि अगर डीएम के सामने जनसुनवाई दौरान शिकायत न पहुंचती तो शायद करोडों की इस महंगी जमीन पर लोग अपने मकान बनवाने में कामयाब हो जाते है। खास बात यह है कि यह सरकारी जमीन ऐसी जगह पर है, जहां से रोजाना जिम्मेदार अफसरों का आवागमन बना रहता है। अवैध कब्जे को लेकर डीएम ने लेखपाल को तो निलंबित कर दिया, लेकिन इस मामले को लेकर पूर्व में भी कई बार शिकायतें हुई है। फिर भी उस दौरान जिम्मेदारों ने ही शिकायती पत्रों को दफन कर दिया।

मंदिरों और अखाड़ों की जमीनों की कर रहे प्लाटिंग

धर्मनगरी के मठ-मंदिरों से जुड़ी जमीनें भी प्लाटिंग कारोबारियों के निशाने पर है। मुख्यालय समेत चित्रकूट में अब तक कई जगह मठ-मंदिरों की जमीनों के अभिलेखों में हेराफेरी करते हुए उनकी रजिस्ट्री कराकर प्लाटिंग कर दी गई है। शहर के शंकर बाजार, गंगा जी रोड में ऐसे कारनामे हो चुके है। इसके अलावा प्लाटिंग कारोबारी राजस्वकर्मियों से मिलकर जिन स्थलों में सरकारी जमीनें काफी अधिक है, वहीं पर कुछ काश्तकारों से जमीनें लेने के बाद बगल में पड़ी सरकारी जमीनों को भी कब्जा कर प्लाटिंग कर रहे है। मौजूदा समय पर भरतकूप के पास भूमाफियाओं ने काश्तकारों से सौ-सौ रुपए के स्टांप में एग्रीमेंट कराकर मनमाने रेट पर प्लाटिंग करने में जुटे है। इसमें नियमों की अनदेखी हो रही है। किसी के पास रजिस्ट्रेशन तक नहीं है।

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