Chitrakoot News: गर्मी आते ही धधकने लगा पाठा का जंगल, आग पर काबू पाने का प्रयास जारी
Chitrakoot News: पाठा के जंगलों में आग लगने का सिलसिला शुरु हो गया है। रानीपुर टाइगर रिजर्व के मानिकपुर वनपरिक्षेत्र भाग-1 के म0प्र0 बार्डर से सटे जंगल बेधक और चंदहरा पहाड़ सुलग रहा है।
Chitrakoot News: पाठा के जंगल मे गर्मी के दस्तक देते ही जंगलों में आग लगने की घटना का भी पदार्पण शुरू हो गया है। रानीपुर टाइगर रिजर्व के मानिकपुर वनपरिक्षेत्र भाग-1 के म0प्र0 बार्डर से सटे जंगल बेधक और चंदहरा पहाड़ सुलग रहा है।
पिछले चार दिन से लगी है आग
पिछले कई दशकों से पूरी गर्मी रानीपुर टाइगर रिजर्व के जंगल कहीं न कहीं जलाते रहते हैं, मौजूदा समय मे रानीपुर टाइगर रिजर्व के मानिकपुर रेंज पीठम के बेधक, बांडाबाबा, ककरेड़ी जंगल मे पिछले 4 दिनों से आग लगी है। बता दें कि इन जंगलों में बेसकीमती जड़ीबूटी व कीमती इमारती लकड़ियों सागौन, शीशम, बिजहरा, बाँसा, हल्दी सहित अनेकों प्रजाति के पेड़ों की बहुतायत है जिनके आग की चपेट में आकर नष्ट होने की काफी संभावना है। ये जंगल म0प्र0 बार्डर में होने व इमारती लकड़ियों से भरे होने के कारण वन माफियाओं के हमेशा शिकार होते रहे हैं।
अवैध रूप से कटते रहे हैं पेड़
लकड़ी के ठेकेदार जंगल का शोषण करते थे। इनके बाद डकैत अपने गुर्गों से जंगल से सागौन कटवा कर बेंचते थे। इनके खत्म होने के बाद वनमाफिया इन जंगलों को नष्ट करने में जुटे हैं। ठंड के दिनों में इन जंगलों में बड़े पैमाने में इमारती लकड़ियों का कटान होता है। चूंकि इन दिनों पूरा हराभरा रहता है और रास्ता दुर्गम होने से आम आदमी जल्दी उधर जाता नहीं जाता है इसलिए कटान के ठूंठ आसानी से नहीं दिखाई देते। लेकिन गर्मी शुरू होते ही झाडझंखाड़ के पौधे सूख जाते हैं तब ठूंठ दिखाई देना शुरू हो जाते हैं। जन चर्चा की माने तो इन्हीं को नष्ट करने के लिए विभाग के कर्मी जंगल मे आग लगा देते हैं। स्थिति की जानकारी के लिए टाइगर रिजर्व प्रथम के क्षेत्रीय वनाधिकारी राजेश कुमार यादव से बात करने पर उन्होंने बताया कि म0प्र0 की ओर लगी है हमारी तरफ बढ़ रही थी तो कर्मचारियों ने जाकर झाडझंखाड़ हटा दिया है जो भी थोड़ी लगी थी उसे बुझा दिया गया है,अब हमारी तरफ आग नहीं लगी है।