Chitrakoot News: पर्यवेक्षकों ने टटोली नब्ज तो पदाधिकारियों ने पार्टी की हार की बताई वजह

Chitrakoot News: हार की समीक्षा के लिए हाईकमान ने पर्यवेक्षक के तौर पर आगरा विधायक पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेवाल, पूर्व क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अवध क्षेत्र व पूर्व जिलाध्यक्ष लखनऊ दिनेश तिवारी को जिम्मेदारी सौंपी है।

Update:2024-06-20 19:13 IST

Chitrakoot News (Pic:Newstrack)

Chitrakoot News: हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी निवर्तमान सांसद आरके सिंह पटेल की हार के बाद हाईकमान से नियुक्त दो सदस्यीय पर्यवेक्षकों की टीम ने गुरुवार को आकर पदाधिकारियों की नब्ज टटोली। हार की समीक्षा के लिए हाईकमान ने पर्यवेक्षक के तौर पर आगरा विधायक पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेवाल, पूर्व क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अवध क्षेत्र व पूर्व जिलाध्यक्ष लखनऊ दिनेश तिवारी को जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने गुरुवार को पहुंचकर चित्रकूट सदर और मऊ-मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र की अलग-अलग बैठक कर समीक्षा किया।

दोनो पर्यवेक्षकों ने जिले से लेकर मंडल स्तर के पदाधिकारियों से अलग-अलग मुलाकात उनसे पराजय का कारण जाना। ज्यादातर पदाधिकारियों ने अपने दर्द का बयां करते हुए पार्टी प्रत्याशी के करीबियों, परिजनों और गिने-चुने जनप्रतिनिधियों की कारगुजारियों से अवगत कराया। चित्रकूट सदर की समीक्षा बैठक टाउन हाल व मानिकपुर की नगर पंचायत सभागार में हुई। यहां करीब एक सैकड़ा पदाधिकारियों ने पहुंचकर पर्यवेक्षकों से मुलाकात की। इन सभी से अलग-अलग भेंटकर पर्यवेक्षकों ने जानकारी ली। बताते हैं कि कुछ पदाधिकारियों ने सामूहिक तौर पर पर्यवेक्षकों को पत्र दिए, जबकि कुछ ने मौखिक तौर पर बताया। जिसे पर्यवेक्षकों ने अपनी डायरी में दर्ज किया।

सूत्रों की माने तो पदाधिकारियों ने लोस चुनाव की हार के पीछे बीते 2022 में हुए विधानसभा चुनाव व जिला पंचायत चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों की हुई हार को जोड़ते हुए वजह बताई है। जिसमें जातिगत टिप्पणियां, गिने-चुने जनप्रतिनिधियों के हाथों पार्टी की पूरी बागडोर और पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न, शोषण आदि कारण बताए गए है। जिले चार-पांच जनप्रतिनिधियों ने मिलकर पार्टी पदाधिकारियों को फंसाने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाया है। कई पदाधिकारियों के यहां छापेमारी भी कराई गई। कुछ पदाधिकारियों को जेल भी भेजवाने का काम किया गया। पार्टी पदाधिकारियों ने आरोप लगाए कि ऐसे मामलों में पार्टी प्रत्याशी की भूमिका भी रही है।

इसके अलावा इनके करीबियों और परिजनों ने व्यावसायिक से लेकर हर मामलों में लोगों का उत्पीड़न किया। जिससे पार्टी के प्रति लोगों में आक्रोश बढ़ा। पदाधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि चंद जनप्रतिनिधियों ने निजी स्वार्थों के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाकर पार्टी पदाधिकारियों के कार्य न करने को कहा है। चुनाव के दौरान पार्टी पदाधिकारियों, विचार परिवार के लोगों को तवज्जो नहीं दी गई और उन पर कोई विश्वास नहीं किया गया। केवल अपने करीबियों पर ही भरोसा किया गया।

इस दौरान पूर्व मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी, महामंत्री आलोक पांडेय, अश्विनी अवस्थी, जिला उपाध्यक्ष आनंद सिंह पटेल, ब्लाक प्रमुख गुलाब पटेल, सुशील द्विवेदी, पालिकाध्यक्ष नरेन्द्र गुप्ता, सहकारी बैंक अध्यक्ष पंकज अग्रवाल, ब्लाक प्रमुख मानिकपुर अरविंद मिश्र, रामनगर गंगाधर मिश्र, मऊ सुशीला देवी, चेयरमैन अमित द्विवेदी आदि मौजूद रहे।

गुट बनाकर पार्टी पदाधिकारियों को किया शोषण

कई पदाधिकारियों ने पर्यवेक्षकों को बताया कि जिले में कुछ ही लोग गुट बनाकर पूरी पार्टी को चलाने लगे थे। इन लोगों ने विभिन्न जगहों से होने वाले निर्माण कार्यों का ठेका देने में पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओंं को दरकिनार किया और अपने चहेतों को दिलाया। जिनमें दूसरे दलों के लोग शामिल रहे। इस तरह से उपेक्षा होने के कारण पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ी। कई पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं पर फर्जी तरीके से मुकदमे भी दर्ज कराए गए। पार्टी के कार्यक्रम धरातल पर नहीं चलाए गए।

पर्यवेक्षक बोले: हाईकमान को जल्द सौंपेंगे रिपोर्ट

दोनो पर्यवेक्षको ने दूरभाष के जरिए हुई बातचीत में बताया कि वह हाईकमान के निर्देश पर समीक्षा करने आए है। जिले से लेकर मंडल स्तरीय पदाधिकारियों से बात कर उनसे जानकारी ली गई है। वह जल्द ही पूरी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष और संगठन मंत्री को देंगे। पार्टी पदाधिकारियों से कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अनावश्यक तौर पर कमेंट न करें। हार के पीछे यह बात सामने आ रही है कि विरोधी दल अपनी रणनीति पर कामयाब हो गए है। संविधान संशोधन जैसी भ्रामक अफवाहों को जनता के बीच फैलाकर गुमराह किया गया है।

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