Chitrakoot: सोनेपुर माइनर में असरदारों ने बना लिए मकान और शौचालय टैंक, सोता रहा सिंचाई विभाग

Chitrakoot: विभाग का कहना है, लघु डाल विभाग की माइनर में काफी समय पहले पंप कैनाल से सिंचाई के लिए पानी आता रहा। इधर शहर से सटे इलाकों में भवनों का निर्माण होने से कृषि योग्य जमीन भी कम हुई है। जिससे लोगों ने माइनर में कब्जे कर लिए हैं।

Update: 2023-12-18 16:47 GMT

सोनेपुर माइनर में असरदारों ने बना लिए मकान (Social Media)

Chitrakoot News: चित्रकूट जिला प्रशासन की अनदेखी का शिकार सोनेपुर माइनर हो चुकी है। जिसमें असरदारों ने अपने मकान बनवा दिए है, तो कुछ लोगों ने शौचालय टैंक बनवा लिया। जिस नहर से सैकड़ों किसान खेतों की सिंचाई करते रहे है, वहीं नहर मौजूदा समय पर कर्वी माफी व सोनेपुर में नाली बनकर रह गई है। फिर भी जिला प्रशासन इन असरदार अतिक्रमणकारियों की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।

एक दशक पहले आता था पानी, मगर अब.. 

तरौंहा स्थित मंदाकिनी नदी में संचालित पंप कैनाल से सोनेपुर माइनर में सिंचाई के लिए एक दशक पहले पानी आता रहा है। इस माइनर से तरौंहा, सोनेपुर, कर्वी माफी, डिलौरा के काफी किसान फसलों की सिंचाई करते रहे है। लेकिन, इधर करीब एक दशक के भीतर कर्वी माफी व सोनेपुर इलाके में तेजी से मकानों का निर्माण हुआ है। जिससे असरदारों ने इस माइनर पर भी अवैध कब्जे कर लिए। दोनों तरफ से माइनर में अतिक्रमण कर लोगों ने मकानों की दीवारें खड़ी करवा दी। कई लोगों ने माइनर में ही टैंक बनवा दिए। जिससे कर्वी माफी व सोनेपुर में अब माइनर कुछ ही हिस्से में नाली की तरह दिख रही है। खास बात यह है कि मकानों का निर्माण होने की वजह से पानी जाने का रास्ता ही पूरी तरह बंद हो गया है। इधर एक दशक से इस माइनर से होने वाली सिंचाई भी ठप है। इस तरह करीब दो किमी तक माइनर में पूरी तरह से लोगों के अवैध कब्जे है।

स्थानीय कर्मचारियों की तैनाती से हुए कब्जे !

असरदार लोग लगातार माइनर में दोनों तरफ अतिक्रमण कर कब्जे करते रहे और सिंचाई व राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों ने ध्यान नहीं दिया। प्रशासनिक अनदेखी की वजह रही कि सोनेपुर नहर अब नाली बनकर रह गई है। खास बात यह है कि ज्यादातर स्थानीय कर्मचारियों की तैनाती होने से वह खुद के साथ ही अपनों के कब्जे करवाते रहे हैं। प्रशासन सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटाने का अभियान तो चला रहा है, लेकिन माइनर में अवैध कब्जे कर मकान बनाने वालों की तरफ प्रशासन का कोई ध्यान ही नहीं है।

महंगी जमीन होने से नहीं थम रहा अतिक्रमण

माइनर में अतिक्रमण का सिलसिला अभी थमा नहीं है। क्योंकि माइनर में मुख्य मार्ग सदर रोड के बाईं तरफ ज्यादातर हिस्सा अतिक्रमण का शिकार है। लेकिन अभी दाहिनी तरफ माइनर कुछ बची है। जिस पर असरदारों की लगातार नजरें टिकी है। सदर रोड में ही कलेक्ट्रेट, एसपी कार्यालय, विकास भवन, जिला अस्पताल से लेकर अब देवांगना एयरपोर्ट भी इस मार्ग पर है। जिससे इस इलाके की जमीनें काफी महंगी है। वीआईपी इलाका होने की वजह से लोग सरकारी जमीनों पर कब्जा जमा रहे है।

अफसर ने ये कहा

इस संबंध में आशुतोष कुमार, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग  बताया, 'ये लघु डाल विभाग की माइनर है। जिसमें काफी समय पहले पंप कैनाल से सिंचाई के लिए पानी आता रहा है। इधर शहर से सटे इलाकों में भवनों का निर्माण होने से कृषि योग्य जमीन भी कम हुई है। जिससे लोगों ने माइनर में कब्जे कर लिए है। अतिक्रमण हटवाने के लिए अधिशाषी अभियंता लघु डाल नहर ने जिला प्रशासन को पत्र भेजा है। जल्द ही माइनर से कब्जे हटवाने का प्रयास किया जाएगा।'

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