Chitrakoot News : गंगा दशहरा पर भक्तों ने मंदाकिनी नदी में लगाई आस्था की डुबकी, कामतानाथ के दर्शन कर परिक्रमा की

Chitrakoot News: धर्मनगरी में एक दिन पहले ही शाम को बाहर से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। सुबह चार बजे से ही रामघाट, भरत घाट, प्रमोद वन, आरोग्यधाम घाट पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगने लगा था।

Update: 2024-06-16 11:56 GMT

Chitrakoot News: धर्मनगरी में एक दिन पहले ही शाम को बाहर से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। सुबह चार बजे से ही रामघाट, भरत घाट, प्रमोद वन, आरोग्यधाम घाट पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगने लगा था। गंगा दशहरा में मंदाकिनी गंगा में स्नान का महत्व माना जाता है। दोपहर तक सभी घाटों पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही।

स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दान कर पुण्य लाभ कमाया। इसके बाद वह भगवान कामतानाथ दरबार पहुंचे। यहां दर्शन पूजन कर कामदगिरि परिक्रमा लगाई। भीड़ की वजह से भीषण गर्मी में श्रद्धालुओं को दिक्कतें भी उठानी पड़ी, लेकिन आस्था में डूबे श्रद्धालुओं को यह परेशानियां नहीं नजर आई। इसी तरह यमुना नदी में राजापुर, मऊ स्थित घाट पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया। गंगा दशहरा में शिवालय भी गुलजार रहे। श्रद्धालुओं ने भूतभावन भगवान शिव का जलाभिषेक किया। रामघाट स्थित राजाधिराज मत्तगयेन्द्रनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही। यहां सुबह चार बजे आरती के बाद मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक शुरु किया। भीड़ की वजह से मंदिर में जलाभिषेक के दौरान श्रद्धालुओं को दिक्कतें उठानी पड़ी। प्रशासनिक व्यवस्था के नाम पर सुबह साढ़े छह बजे तक एक भी पुलिसकर्मी नजर नहीं आया, जिससे काफी लोग इधर-उधर से धक्का-मुक्की करते हुए जलाभिषेक के लिए मंदिर के भीतर घुसते रहे।


प्रशासन की दिखी लचर व्यवस्था

गंगा दशहरा में प्रशासन की लचर व्यवस्थाओं का श्रद्धालुओं को सामना करना पड़ा। कई दिन पहले से प्रशासन ने चुस्त-दुरुस्त इंतजाम करने के लिए बैठकें की और जिम्मेदार अधिकारियों ने मातहतों को निर्देश भी दिए। लेकिन गंगा दशहरा में रामघाट पर अव्यवस्थाओं ने प्रशासन के इंतजामों की पोल खोल ली। सुबह से ही घाट बाइकों का जमावड़ा लगना शुरु हो गया था। सुबह साढे़ छह बजे तक करीब पांच सौ बाइकें घाट में पहुंच गई। जिससे श्रद्धालुओं का पैदल निकलना मुश्किल हो गया। सीतापुर चौकी के एक भी सिपाही मौजूद नहीं थे। जिसके चलते घाट पर जाम की नौबत बनी रही।

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