Chitrakoot News: टीचर के छात्रा से रेप के मामले में नया मोड़, बयान बदलवाने का आरोप, क्राइम ब्रांच करेगी जांच

Chitrakoot News: बयान बदलवाने में थाना प्रभारी व एक जनप्रतिधि का आया नाम, मेडिकल परीक्षण कराने के दौरान पीड़िता छात्रा ने लगाया आरोप। कहा कि चार लोगों ने किया यौन शोषण, दबाव देकर बयान बदलवाया।

Update:2023-07-27 22:32 IST

Chitrakoot News: मानिकपुर कस्बे के एक इंटर कालेज में पढ़ने वाली हाईस्कूल की छात्रा के यौन शोषण मामले में चार लोगों के बजाए सिर्फ एक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान उठे और तरह-तरह के गंभीर आरोप लगने शुरु हो गए हैं। खुद पीड़िता ने जारी वीडियो में चार लोगों पर यौन शोषण का आरोप लगाया है।

जनप्रतिनिधि के कहने पर थाना प्रभारी ने बदलवाया बयान!

गुरुवार को पीड़िता छात्रा मेडिकल परीक्षण कराने मुख्यालय आई और यहां पर कहा कि कालेज में उसके साथ नामजद संविदा शिक्षक समेत चार लोगों ने गलत काम किया है। उसने पूरी घटना पुलिस को बताई लेकिन थाना प्रभारी व एक जनप्रतिनिधि ने दबाव बनाकर बयान बदलवा दिए। फिर एक ही शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पीड़िता छात्रा ने पिछले चार-पांच माह से संविदा शिक्षक मो इरशाद खान व स्टाफ के तीन अन्य लोगों पर गलत काम करने के आरोप को लगातार दोहराया। कहा कि उसका वीडियो बनाने के बाद लगातार यौन शोषण किया गया। धमकी दी जाती रही कि अगर किसी को बताया तो उसका वीडियो वायरल कर देंगे। जिससे वह डरी रही। कहा कि उसने थाने में पुलिस को बताया था कि उसके साथ कॉलेज में चार लोगों ने गलत किया है। लेकिन पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।

माता-पिता को कमरे से बाहर कर लिया बयान

छात्रा का कहना है कि उसपर बयान बदलने का दबाव बनाया जाता रहा। यह आरोप लगाया कि थाना प्रभारी व एक जनप्रतिनिधि ने उसके माता-पिता को कमरे से बाहर कर दिया और फिर उसे दबाव बनाकर बयान बदलवाया। जिसमें केवल एक ही संविदा शिक्षक मो इरशाद खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। तीन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। पीड़िता ने कहा कि उसके साथ गलत करने वाले चारों लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उसके फुफेरे भाई को पुलिस ने इसी मामले में फंसाने की धमकी दी, ताकि वह दबाव में आए, लेकिन वह नहीं मानी। बार-बार फुफेरे भाई को पुलिस बुलाने की बात कहती रही।

जांच कमेटी में एक महिला व पुरुष इंस्पेक्टर

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी वृंदा शुक्ला ने सीओ राजापुर निष्ठा उपाध्याय की अगुवाई में क्राइम ब्रांच को जांच सौंपी है। एएसपी चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि जांच कमेटी में एक-एक महिला व पुरुष इंस्पेक्टर को भी शामिल किया गया है। घटना की निष्पक्षता, वैज्ञानिक दृश्य, साक्ष्य संकलन करते हुए टीम बारीकी से छानबीन करेगी।

मेडिकल परीक्षण में रेप की पुष्टि, स्लाइड भेजी गई

पीड़िता छात्रा को मानिकपुर थाना पुलिस गुरुवार को मेडिकल परीक्षण के लिए मुख्यालय कर्वी लाई। यहां शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पीड़िता का दोपहर में मेडिकल परीक्षण किया गया। सूत्रों की मानें तो मेडिकल परीक्षण में पीड़िता के साथ रेप की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही स्लाइड बनाकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजी गई है।

नहीं हो पाए कलमबंद बयान, फिर लाएगी पुलिस

कॉलेज में यौन शोषण की शिकार छात्रा के कलमबंद बयान गुरुवार को ही कोर्ट में कराए जाने थे। लेकिन मेडिकल परीक्षण में ही काफी समय लग गया। जिससे कोर्ट में पीड़िता छात्रा के बयान नहीं हो पाए। फलस्वरूप, मानिकपुर थाना पुलिस उसे वापस अपने साथ ले गई। माना जा रहा है कि शुक्रवार को थाना पुलिस पीड़िता को कलमबंद बयान के लिए कोर्ट में पेश करेगी।

थाना प्रभारी की कार्यशैली से पीड़िता का परिवार सहमा

जिस तरह से यौन शोषण की शिकार छात्रा के मामले में थाना प्रभारी मानिकपुर की भूमिका संदिग्ध रही है, उससे पीड़िता का परिवार डरा-सहमा हुआ है। पीड़िता के पिता का कहना है कि मंगलवार से ही थाना प्रभारी का रवैया उनके प्रति ठीक नहीं रहा है। उसकी बेटी के साथ घटना हुई है, लेकिन थाना प्रभारी ऐसा बर्ताव कर रहे थे कि जैसे कसूरवार खुद वह है। इसके बाद थाने में तरह-तरह के सवाल आम लोगों की मौजूदगी में पूछे गए। जिससे बेटी और खुद वह क्षुब्ध है।

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