Chitrakoot: सदगुरू नेत्र चिकित्सालय में कार्निया एवं ऑक्यूलर सर्फेस डिजीज कार्यशाला का आयोजन
Chitrakoot News: कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले सभी नेत्र चिकित्सकों ने अपने-अपने अनुभव नवीन शोध एवम् नवाचार पर चर्चा की जिसका मुख्य उद्देश्य नेत्र रोगियों को गुणवत्तायुक्त चिकित्सा उपलब्ध कर भारत में अंधत्व निवारण को गति प्रदान करना है।
Chitrakoot News: संत रणछोड़दास महाराज द्वारा स्थापित अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध संस्थान सदगुरू नेत्र चिकित्सालय में दो दिवसीय नेत्र चिकित्सीय कार्निया एवं ऑक्यूलर सर्फेस डिजीज (नेत्र सतह रोग) कार्यशाला का भव्य आयोजन हुआ। इस कार्यशाला में लगभग 40 नेत्र चिकित्सकों ने प्रतिभागिता किया। कार्यशाला का मुख्य विषय कॉर्निया एवम ऑक्यूलर सर्फेस डिजीज (नेत्र सतह रोग) से संबंधित बीमारियों अर्थात जैसे आंख का सूखापन, रसायनिक पदार्थों से आंख को होनी वाली क्षति और आंख की सतह पर होने वाले विभिन्न संक्रमण बीमारियों पर आधारित था।
गणमान्यों ने साझा किया अपना-अपना अनुभव
कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले सभी नेत्र चिकित्सकों ने अपने-अपने अनुभव नवीन शोध एवम् नवाचार पर चर्चा की जिसका मुख्य उद्देश्य नेत्र रोगियों को गुणवत्तायुक्त चिकित्सा उपलब्ध कर भारत में अंधत्व निवारण को गति प्रदान करना है। कार्यक्रम का उद्घाटन दो दिवसीय कार्यशाला के मुख्य अतिथि एवम् मुख्य वक्ता अहमदाबाद गुजरात के नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर जयेश वजीरानी (कॉर्निया एवम ऑक्युलर सर्फेस स्पेशलिस्ट) और सदगुरू सेवा संघ ट्रस्ट के ट्रस्टी डा बी के जैन, रेटीना के वरिष्ठ चिकित्सक डा आलोक सेन, कार्निया के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. गौतम सिंह परमा, डॉ. राजेश जोशी, डॉ. नतेंद्र पाटीदार ,डॉ. प्रधन्या, डॉ. राकेश शक्या, डॉ. अशोक सहित कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले सभी नेत्र चिकित्सकों ने गुरु पूजन एवं दीप प्रज्वलन कर किया।
इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि एवम् मुख्य वक्ता अहमदाबाद के नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर जयेश वजीरानी (कॉर्निया एवम ऑक्युलर सर्फेस स्पेशलिस्ट) ने कहा कि इस कार्यशाला के आयोजित होने से ऑक्यूलर सर्फेस से संबंधित बीमारियों, नवीनतम अनुसंधानों एवम प्रभावी चिकित्सा प्रक्रियाओं के बारे में जो सभी नेत्र चिकित्सकों ने आपस में एक दूसरे से आपने अपने अनुभव साझा किए है उससे निश्चित ही नेत्र रोगियों को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने श्री सदगुरू सेवा संघ ट्रस्ट द्वारा संचालित सभी प्रकल्पों एवं नेत्र चिकित्सा की व्यवस्थाओं और गुणवत्ता की खूब सराहना की।