Chitrakoot News: सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, हेलीकॉप्टर से की पुष्प वर्षा

Chitrakoot News: सोमवार को चित्रकूट की तरफ जाने वाले प्रत्येक मार्ग भीड़ से खचाखच भरे रहे। यूपीटी तिराहा सीतापुर में भीड़ इस कदर रही कि रामघाट की तरफ वाहनों को रोकना प्रशासन के लिए मुश्किल पड़ गया।

Update: 2023-07-17 05:01 GMT

Chitrakoot News: भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट में सावन माह की सोमवती अमावस्या के एक दिन पहले से ही श्रद्धालुओं का आगमन धर्मनगरी में होने लगा था। रविवार की शाम तक इतनी भीड़ जुट गई कि श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए स्थल नहीं मिल पा रहा था। जिसके चलते ज्यादातर श्रद्धालुओं ने सड़कों के किनारे रात बिताई और विश्राम किया।

पूरी रात रामघाट से लेकर भगवान कामदनाथ दरबार तक श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। सोमवार को चित्रकूट की तरफ जाने वाले प्रत्येक मार्ग भीड़ से खचाखच भरे रहे। यूपीटी तिराहा सीतापुर में भीड़ इस कदर रही कि रामघाट की तरफ वाहनों को रोकना प्रशासन के लिए मुश्किल पड़ गया। यहां पर जाम की स्थिति बनी रही। रामघाट में श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी स्नान किया। इसके बाद भगवान कामदनाथ दरबार पहंुचकर माथा टेका। परिक्रमा मार्ग में भगवान राम और कामदनाथ के जयकारे गूंजते रहे। सावन माह की वजह से कांवडियों का भी काफी संख्या में आगमन हुआ है। इधर शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने पुष्पक विमान से श्रद्धालुओं पर पुष्पा वर्षा कराई। बेडीपुलिया से रामघाट तक मंदाकिनी तट में उमड़े जन सैलाब पर जब पुष्प वर्षा हुई तो भगवान राम और कामदनाथ के जयकारों से धर्मनगरी गूंज उठी। पुष्प वर्षा के दौरान पुलिस प्रशासन काफी सतर्क रहा। इसके बाद पुष्पक विमान वापस रवाना हो गया।

शिवालयों में गूंजे बोल बम के जयकारे

अमावस्या के साथ ही सावन माह का दूसरा सोमवार भी है। जबकि मंगलवार से अधिमास शुरु हो जाएगा। दूसरे सोमवार की वजह से शिवालयों में भक्तों की भीड़ रही। रामघाट स्थित महाराजाधिराज मत्तगयेन्द्रनाथ मंदिर में तडके पट खुलने से पहले ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई थी। यहां पर पुलिस प्रशासन ने महिला व पुरुषों की अलग-अलग लाइनें लगवाई। इसी तरह सोमनाथ मंदिर चर, पालेश्वरनाथ मंदिर पहाड़ी, मडफा शिव मंदिर व परानूबाबा मंदिर बरगढ़ में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर जलाभिषेक किया।

पति की सलामती को सुहागिनों ने लगाई फेरी

सोमवती अमावस्या में सुहागिनों ने पति की लंबी उम्र व सलामती की कामना को लेकर फेरी लगाई। सुबह से ही पीपल की फेरी लगाने के लिए महिलाओं की भीड़ जुटने लगी थी। विधि-विधान से पूजन-अर्चन के बाद सुहागिनों ने 108 फेरे लगाए। अमावस्या मेला में बाहर से आई महिला श्रद्धालुओं ने परिक्रमा मार्ग में ही पूजन-अर्चन के बाद फेरी लगाई

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